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गाजियाबाद: दूधेश्वर मंदिर के कपाट 31 जुलाई तक किए गए बंद, भक्तों में निराशा

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Published : Jul 6, 2020, 5:39 PM IST

गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर के दरवाजों को मंदिर प्रशासन ने 31 जुलाई तक बंद कर दिया है. बता दें कि कुछ भक्तों ने जल्दबाजी के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तोड़ा था. जिसके कारण यह फैसला लिया गया.

Doors of Dudheshwar temple in Ghaziabad have been closed till 31 July.
दूधेश्वर मंदिर

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर के कपाट 31 जुलाई तक भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं. पूरे सावन के महीने में भक्त अब भगवान दूधेश्वर के दर्शन नहीं कर पाएंगे.

गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं

मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी का कहना है कि मंदिर में पूजा अर्चना और आरती रोजाना होती रहेगी. बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए मंदिर ने इस अहम फैसले को लिया है. मंदिर के महंत ने कहा कि कुछ लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूर्ण रुप से पालन नहीं किया. जिसके चलते फैसला लिया गया है. भक्तों से अपील की गई है कि वे घर में रहकर ही भगवान भोले की भक्ति करें.



मंदिर के गेट पर भक्त कर रहे पूजा अर्चना

सावन के पहले सोमवार के दिन मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ देखी गई थी. लोग सोशल डिस्टेंसिंग का नियम मान रहे थे, लेकिन कुछ भक्तों ने जल्दबाजी के चक्कर में नियम को तोड़ दिया. इसी के चलते मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए, लेकिन मंदिर के कपाट बंद होने के बावजूद कुछ भक्त मंदिर के गेट पर ही पूजा अर्चना कर रहे थे. हालांकि इन सब से अपील की गई है कि वह यहां से अपने घर जा कर ही पूजा-अर्चना करें.


कोरोना का हाल में भक्त निराश

कोरोना की वजह से भक्तों के हाथ निराशा लगी है, लेकिन मंदिर प्रशासन ने कहा है कि यह भक्तों के भले के लिए ही किया जा रहा है. भगवान दूधेश्वर सबकी मनोकामना सुनते हैं. सभी भक्त मिलकर इस बात की कामना करें कि देश और दुनिया से हमेशा के लिए कोरोना वायरस का अंत हो जाए.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर के कपाट 31 जुलाई तक भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं. पूरे सावन के महीने में भक्त अब भगवान दूधेश्वर के दर्शन नहीं कर पाएंगे.

गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं

मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी का कहना है कि मंदिर में पूजा अर्चना और आरती रोजाना होती रहेगी. बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए मंदिर ने इस अहम फैसले को लिया है. मंदिर के महंत ने कहा कि कुछ लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूर्ण रुप से पालन नहीं किया. जिसके चलते फैसला लिया गया है. भक्तों से अपील की गई है कि वे घर में रहकर ही भगवान भोले की भक्ति करें.



मंदिर के गेट पर भक्त कर रहे पूजा अर्चना

सावन के पहले सोमवार के दिन मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ देखी गई थी. लोग सोशल डिस्टेंसिंग का नियम मान रहे थे, लेकिन कुछ भक्तों ने जल्दबाजी के चक्कर में नियम को तोड़ दिया. इसी के चलते मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए, लेकिन मंदिर के कपाट बंद होने के बावजूद कुछ भक्त मंदिर के गेट पर ही पूजा अर्चना कर रहे थे. हालांकि इन सब से अपील की गई है कि वह यहां से अपने घर जा कर ही पूजा-अर्चना करें.


कोरोना का हाल में भक्त निराश

कोरोना की वजह से भक्तों के हाथ निराशा लगी है, लेकिन मंदिर प्रशासन ने कहा है कि यह भक्तों के भले के लिए ही किया जा रहा है. भगवान दूधेश्वर सबकी मनोकामना सुनते हैं. सभी भक्त मिलकर इस बात की कामना करें कि देश और दुनिया से हमेशा के लिए कोरोना वायरस का अंत हो जाए.

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