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सरकारी दिशा-निर्देशों के बाद दूधेश्वर नाथ मंदिर खोले जाने की तैयारी

लॉकडाउन 5.0 में धार्मिक स्थलों को खोले जा सकते हैं. इसी क्रम में गजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में मीटिंग की गई. बताया गया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन के आदेशों के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मंदिर खोला जाएगा.

dudheshwar nath temple ghaziabad will open soon during lockdown 5.0
दूधेश्वर नाथ मंदिर
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Published : May 31, 2020, 3:52 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सरकार के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक 8 तारीख से देश के धार्मिक स्थल खुल सकते हैं. गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में नए दिशा-निर्देशों के बाद मीटिंग की गई है. मंदिर के महंत नारायण गिरी का कहना है कि जैसे ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन का आदेश आएगा, उसके तुरंत बाद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मंदिर खोला जाएगा.

दूधेश्वर नाथ मंदिर खोले जान को लेकर की गई मीटिंग

उन्होंने कहा है कि 2 गज की दूरी का भक्तों को ध्यान रखना होगा. मंदिर में सैनिटाइजेशन के लिए एक गुफा भी बनाई जा रही है. महंत नारायण गिरी ने बताया कि बीते सैकड़ों वर्षों से मंदिर कभी भी इस तरह से बंद नहीं रहा था. हालांकि, उनका ये भी कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी मंदिर में सुबह-शाम की आरती वो खुद करते रहे हैं.

सोमवार को हजारों भक्तों की रहती थी भीड़

दूधेश्वर नाथ मंदिर में सोमवार के दिन हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है. लेकिन, लॉकडाउन के बाद यहां सब कुछ सुनसान हो गया है और भक्त काफी निराश बैठे हुए हैं. इस साल शिवरात्रि पर भी लाखों भक्तों की भीड़ यहां पर आई थी. सभी प्रार्थना भी कर रहे हैं कि भगवान दूधेश्वर जल्द सब कुछ ठीक कर दें.

रावण ने की थी पूजा-अर्चना

दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता काफी प्राचीन है. यहां पर रावण ने भी पूजा-अर्चना की थी. एक मान्यता के मुताबिक रावण ने अपना दसवां सिर भगवान दूधेश्वर के चरणों में अर्पित किया था. रावण के पिता ने भी यहां पर पूजा-अर्चना की थी. प्राचीन काल में खुद यहां एक गाय आती थी और दूध देती थी. वहीं पर भगवान दूधेश्वर नाथ प्रकट हुए. तभी से यहां देश-विदेश से भक्त आते हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सरकार के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक 8 तारीख से देश के धार्मिक स्थल खुल सकते हैं. गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में नए दिशा-निर्देशों के बाद मीटिंग की गई है. मंदिर के महंत नारायण गिरी का कहना है कि जैसे ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन का आदेश आएगा, उसके तुरंत बाद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मंदिर खोला जाएगा.

दूधेश्वर नाथ मंदिर खोले जान को लेकर की गई मीटिंग

उन्होंने कहा है कि 2 गज की दूरी का भक्तों को ध्यान रखना होगा. मंदिर में सैनिटाइजेशन के लिए एक गुफा भी बनाई जा रही है. महंत नारायण गिरी ने बताया कि बीते सैकड़ों वर्षों से मंदिर कभी भी इस तरह से बंद नहीं रहा था. हालांकि, उनका ये भी कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी मंदिर में सुबह-शाम की आरती वो खुद करते रहे हैं.

सोमवार को हजारों भक्तों की रहती थी भीड़

दूधेश्वर नाथ मंदिर में सोमवार के दिन हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है. लेकिन, लॉकडाउन के बाद यहां सब कुछ सुनसान हो गया है और भक्त काफी निराश बैठे हुए हैं. इस साल शिवरात्रि पर भी लाखों भक्तों की भीड़ यहां पर आई थी. सभी प्रार्थना भी कर रहे हैं कि भगवान दूधेश्वर जल्द सब कुछ ठीक कर दें.

रावण ने की थी पूजा-अर्चना

दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता काफी प्राचीन है. यहां पर रावण ने भी पूजा-अर्चना की थी. एक मान्यता के मुताबिक रावण ने अपना दसवां सिर भगवान दूधेश्वर के चरणों में अर्पित किया था. रावण के पिता ने भी यहां पर पूजा-अर्चना की थी. प्राचीन काल में खुद यहां एक गाय आती थी और दूध देती थी. वहीं पर भगवान दूधेश्वर नाथ प्रकट हुए. तभी से यहां देश-विदेश से भक्त आते हैं.

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