नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगमबोध घाट पर संपन्न हो गया. देश-दुनियाभर से आए लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. विपक्ष के नेताओं ने शुक्रवार को कहा था कि राजघाट पर जहां अन्य प्रधानमंत्री की समाधि है, वहीं पर इनकी भी अंतिम संस्कार के लिए स्थान दिया जाना चाहिए. हालांकि, इस संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा कोई आदेश जारी नहीं हुआ. आज पूर्व निर्धारित समय पर शनिवार दोपहर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर हुआ.
अब अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट के फैसले पर कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ आम आदमी पार्टी ने भी सवाल उठाए हैं. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा;''भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है. एक दशक के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं. आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए, ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए. डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं. सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था.''
भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 28, 2024
एक दशक के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के…
#WATCH | Former PM Dr Manmohan Singh's wife Gursharan Kaur and his daughter Daman Singh, CPP Chairperson Sonia Gandhi, party president Mallikarjun Kharge, Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi, party MP Priyanka Gandhi Vadra at Nigam Bodh Ghat in Delhi.
— ANI (@ANI) December 28, 2024
The last rites of… pic.twitter.com/fDGkEoO8qq
ऐसे नेता के लिए भारत रत्न जरूरी: अंतिम संस्कार संपन्न होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने अंतिम संस्कार स्थल को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा डॉ. मनमोहन सिंह एक साधारण परिवार में जन्मे और उसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत से देश का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि ये बहुत दुखद है कि राजघाट के समीप जहां पर अन्य प्रधानमंत्री की समाधि है, वहीं पर अंतिम संस्कार होता तो बहुत अच्छा होता. इसके साथ ही देवेंद्र यादव ने डॉक्टर मनमोहन सिंह के लिए भारत रत्न देने की मांग पर कहा कि निश्चित रूप से जिन्होंने राइट टू एजुकेशन दिया, भूमि अधिग्रहण कानून बनाए, जिन्होंने देश को आर्थिक संकट से निकाल कर मजबूत अर्थव्यवस्था दी, ऐसे नेता के लिए भारत रत्न बहुत जरूरी है.
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केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं ने उठाए सवाल: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा कि, ''ये खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूँ. भारत के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया. इसके पूर्व भारत के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था. सिख समाज से आने वाले, पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त, 10 वर्ष भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह जी के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए बीजेपी सरकार 1000 गज़ जमीन भी न दे सकी?''
ये खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूँ।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 28, 2024
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया। इसके पूर्व भारत के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था।
सिख समाज से आने वाले, पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त, 10 वर्ष भारत के…
"सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मनमोहन सिंह का परिवार राजघाट परिसर में दाह संस्कार करना चाहता था, तो इसकी अनुमति क्यों नहीं दी गई? दुनिया में क्या संदेश जाएगा? वह एक महान अर्थशास्त्री थे", देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया, 10 साल तक पीएम रहे, किसी भी पीएम का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर नहीं हुआ, इससे पता चलता है कि बीजेपी बड़ी पार्टी रही होगी. लेकिन उनका दिल बहुत छोटा होता है, जो उनके लिए एक हजार गज जमीन भी न दे सका.''- संजय सिंह, AAP सांसद
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ये भी कहा कि भाजपा ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट में जगह न देकर सिख समुदाय का अपमान किया है. लगभग सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट में ही हुआ है, लेकिन ये लोग यहां डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं दिए. उन्होंने आगे कहा कि ''सबसे ज्यादा अफसोस की बात है कि ऐसे मुद्दे पर भी हम लोगों को बात करनी पड़ रही है. यह दिखाता है कि केंद्र सरकार की सोच कितनी छोटी और ओछी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैं पूछना चाहता हूं कि भारत के एक महान अर्थशास्त्री जिनकी पूरी दुनिया में कद्र है. भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अपनी जिंदगी के दस वर्ष इस देश को आगे बढ़ाने के लिए लगाए. सिख समाज से आने वाले भारत के एक मात्र प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले देश के लगभग सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट परिसर में हुआ. लेकिन ये लोग राजघाट परिसर में डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए जगह देने को तैयार नहीं हैं. यह भाजपा की सोच है. यह अपने आप को संस्कारी पार्टी कहते हैं.''
VIDEO | AAP leader Sanjay Singh (@SanjayAzadSln) on Manmohan Singh Memorial row says, " the biggest question is, when the family of manmohan singh wanted to do cremation at the raj ghat premises, then why it was not allowed? what message will go to the world? he was a great… pic.twitter.com/efZ1NQHLit
— Press Trust of India (@PTI_News) December 28, 2024
अंतिम संस्कार छोटी जगह पर कराना छोटी मानसिकता: ईटीवी भारत से काजी निजामुद्दीन ने कहा कि देश के एक महान नेता जाने-माने अर्थशास्त्री जिन्होंने देश को एक नई दिशा दी, जिनका पूरी दुनिया ने लोहा माना आज हम उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए हैं. देश के दो बार प्रधानमंत्री रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह को आज देश याद कर रहा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों ने देश को प्रगति की नई राह दिखाई. देश को उस समय संकट से उबारा जब पूरी दुनिया मंदी की चपेट में थी. सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह किया जाना चाहिए था, जहां उनका स्मारक बनाया जा सके, कांग्रेस की मांग के बावजूद उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया. इस सवाल के जवाब में काजी निजामुद्दीन ने कहा कि छोटी मानसिकता के लोग ओछी राजनीति ही कर सकते हैं. उनका दिल बड़ा नहीं है.
अंतिम संस्कार स्थल को लेकर गृह मंत्रालय का ये आदेश: बता दें, गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हुआ था. ''गृह मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार शाम को रक्षा मंत्रालय को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट पर इंतजाम करने के आदेश दिए गए थे. गृह मंत्रालय के आदेश में लिखा था; ''पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर, 2024 को रात 9.51 बजे एम्स अस्पताल, नई दिल्ली में निधन हो गया. सरकार ने निर्णय लिया है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. अंतिम संस्कार 28 दिसंबर, 2024 को सुबह 11:45 बजे निगमबोध घाट, नई दिल्ली में होगा. रक्षा मंत्रालय से अनुरोध है कि वह पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ राजकीय अंतिम संस्कार की व्यवस्था करे''
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का निधन भारत के लिए अपूरणीय क्षति है। इतिहास उन्हें एक महान और ईमानदार नेता के तौर पर याद रखेगा।
— AAP (@AamAadmiParty) December 27, 2024
वो सदैव ही सभी लोगों से बेहद विनम्रता से मिलते थे। डॉ. मनमोहन सिंह जी भारत रत्न के हक़दार हैं। प्रभु उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान… pic.twitter.com/t7vcliYXca
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने की उठी मांग: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 27 दिसंबर को कहा था कि मनमोहन सिंह ने दस साल प्रधानमंत्री रहकर देश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत काम किया. उनकी पहचान एक अर्थशास्त्री के रूप में पूरी दुनिया में थी, इसलिए निश्चित रूप से उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए. वहीं, 27 दिसंबर को ही डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम दर्शन और उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंची कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा था कि हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भारत्न को भारत रत्न दिया जाना चाहिए. वह इसकी मांग सरकार से करेंगी और पार्टी की मीटिंग में भी इस मांग को रखेंगी.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी के अंतिम संस्कार के लिए यथोचित स्थान न उपलब्ध कराकर सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के पद की गरिमा, मनमोहन सिंह जी की शख्सियत, उनकी विरासत और खुद्दार सिख समुदाय के साथ न्याय नहीं किया।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 28, 2024
इससे पहले सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को सर्वोच्च सम्मान और…
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन: बता दें, भारत के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26, दिसंबर गुरुवार रात को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली एम्स में निधन हो गया. डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पंजाब में हुआ था. डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री और लगभग 33 वर्ष तक राज्यसभा के सांसद रहे. 1991 में वह पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे और 1991 से 1996 तक तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री भी रहे थे. उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था में नई वित्तीय व प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत के लिए जाना जाता है.
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