नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक प्राइवेट स्कूल के टीचर्स पर 1 जुलाई का दिन कहर बनकर टूटा है. डीपीएस इंदिरापुरम स्कूल ने अपने 30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. जिनमें कुछ टीचर भी शामिल हैं. स्कूल की तरफ से स्टाफ को नोटिस जारी किया गया है. स्कूल की तरफ से 2 टूक कह दिया गया है कि 1 जुलाई से संबंधित स्टाफ और टीचर्स की जरूरत नहीं है, इसलिए उन्हें निकाला जा रहा है. इस फैसले का अभिभावक संस्था ने विरोध किया है.
डीपीएस अभिभावक संस्था की अध्यक्ष प्रियंका राणा का कहना है कि स्कूल एक तरफ जहां पेरेंट्स पर मोटी फीस देने का दबाव बना रहे हैं, तो वहीं टीचर्स और स्टाफ को निकाला जाना बिल्कुल सही नहीं ठहराया जा सकता. प्राइवेट स्कूल मनमानी पर पूरी तरह से उतर आए हैं. पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूलों के पक्ष में सोशल मीडिया पर भी मुहिम शुरू की है.
स्कूल का कैमरे पर बोलने से इनकार
स्कूल ने संबंधित स्टाफ और टीचर्स को लापरवाह बताया है. डीपीएस की तरफ से ऑफ कैमरा ये भी कहा गया है कि सभी स्टाफ को अगले 3 महीने का वेतन दिया गया है. डीपीएस ने इस बात से इनकार किया है कि ये सभी लोग 17 साल से काम कर रहे थे.
डीपीएस की तरफ से आए बयान में सिर्फ इतना ही बताया गया है कि इनमें से कुछ लोग 5 से 6 साल पुराने स्टाफ का हिस्सा थे और सभी टेंपरेरी बेसिस पर काम कर रहे थे. इनमें से किसी के परमानेंट होने की बात से डीपीएस ने इनकार किया है, हालांकि कैमरे पर डीपीएस इंदिरापुरम स्कूल मैनेजमेंट कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.