नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने एक वीडियो जारी करते हुए दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार के ऐप के मुताबिक मैक्स अस्पताल में 80 बेड खाली हैं. जबकि अस्पताल में कोई बेड खाली नहीं दिख रहे हैं. जिसके कारण मरीज यूं ही स्ट्रेचर पर पड़े हैं.
सच्चाई 2 जून की रात को दिखाई दी
उन्होंने कहा है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कोरोना महामारी के कारण एक ऐप जारी किया है. उसकी सच्चाई 2 जून की रात को दिखाई दी, परपरगंज गांव की एक रिटायर एमसीडी कर्मचारी जिसका नाम अंगूरी है और उनके भतीजे हमारे जानकार हैं. वह रात तकरीबन 11:30 बजे मेरे घर पहुंचे तो, मैंने बोला कि मैक्स अस्पताल लेकर जाओ, इस ऐप के मुताबिक उसमें बेड दिख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वह कल रात 12 बजे से वह धक्के खा रहे हैं. अब तक उनको बेड नहीं मिला है. मैं खुद मैक्स अस्पताल 12 बजे पहुंचा और वहां जो हालत थे, वह बेहद चौंकाने वाले थे. लेकिन अब मुद्दा यह है कि ये जो ऐप के जरिए यह जानकारी दी जा रही है, वह झूठी दी जा रही है.
दिल्ली सरकार की सच्चाई इसके विपरीत
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार की सच्चाई इसके विपरीत है. असल में मैंने स्वयं से देखा है कि वहां कोई बेड नहीं हैं और हॉस्पिटल के अंदर डॉक्टर्स और इमरजेंसी ड्यूटी पर जो लोग मौजूद थे. उन्होंने कहा कि सर आप आइए और वीडियो बनाइए और देखिए हमारे पास बेड नहीं हैं. जबकि ऐप की स्क्रीन में 80 बेड की कैपेसिटी दिखा रही है लेकिन हॉस्पिटल में 1 भी बेड नहीं है तो ये दिल्ली सरकार का सच है, जो कल रात को देखने को मिला.
उन्होंने कहा कि लगातार ये सरकार अपनी कमियों को, अपनी खामियों को छिपाने के लिए आए दिन कुछ ना कुछ इस तरह का हथियार जनता के सामने लेकर आती है. जैसे इस ऐप को सामने कर दिया, पर सच्चाई इसके विपरीत है. सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए मैं आपके सामने यह वीडियो प्रस्तुत कर रहा हूं.
'पुलिस ने भी हाथ खड़े कर दिए'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि अंगूरी जी वहां आज भी स्ट्रेचर पर लेटी हुई हैं. अभी भी उन्हें निकलने के लिए कहा जा रहा है. मैंने रात को पुलिस भी बुलाई, लेकिन पुलिस ने भी हाथ खड़े कर दिए कि सर हम कुछ नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारे एसएचओ तक को बेड नहीं मिल पाया है. उनके एसएचओ भी होम क्वरांटाइन में हैं तो जाए कहा, हेल्पलाइन नंबर उनके चल नहीं रहे हैं. उनका कहना है कि मैंने सबको कॉल किया, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ. आज भी मरीज वहां हैं. अब तो भगवान ही मालिक है.