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गाजियाबादः बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर कसेगा शिकंजा

बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत गरीब बच्चों का दाखिला नहीं लेने वाले स्कूलों पर गाज गिरने वाली है. जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जो स्कूल निर्धारित संख्या में बच्चों का दाखिला नहीं ले रहे हैं, उनकी सूची तैयार करें.

district magistrate ajay shankar pandey instructions on free and compulsory child education rights act
बाल शिक्षा अधिकार
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Published : Aug 13, 2020, 10:18 PM IST

नई दिल्लीः गाजियाबाद जिला अधिकारी ने बाल शिक्षा के अधिकार के तहत निःशुल्क दाखिला ना देने वाले स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया है. दरअसल बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी बच्चों का निःशुल्क दाखिला किया जाना अनिवार्य होता है. लेकिन जिलाधिकारी को खबर मिली है कि इस नियम की धज्जियां उड़ाई गई है. कई स्कूलों ने जरूरतमंद बच्चों को एडमिशन नहीं दिया है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब

बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगा है कि अब तक सामने आए ऐसे लापरवाही के मामले में क्या कार्रवाई हुई है. इसके लिए 15 दिनों का वक्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अब ये देखना है कि जिन स्कूलों ने जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क एडमिशन नहीं दिया, उन पर कार्रवाई की जाए और बच्चों को जल्द से जल्द निःशुल्क दाखिला दिलवाया जाए.

जिला अधिकारी काफी गंभीर

गाजियाबाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने इस तथ्य को अत्यंत गंभीरता से लिया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को कड़ा निर्देश दिया गया है कि केवल संस्तुति पत्र भेजना ही उनका दायित्व नहीं है. बल्कि जब तक बच्चे का दाखिला नहीं हो जाता है, तब तक उनकी जिम्मेदारी बनी रहती है. जिलाधिकारी ने ऐसे स्कूलों की सूची भी मांगी है, जिनमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निःशुल्क दाखिले हेतु बच्चों की लिस्ट भेजी गई थी. मगर स्कूल प्रबंधन द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य दाखिला नहीं दिया गया. अगर वक्त रहते अब स्कूल दाखिला दे देते हैं, तो शायद वह कार्रवाई से बच सकते हैं. अगर दाखिला नहीं दिया गया, तो कड़े एक्शन के लिए उन स्कूलों को तैयार रहना होगा.

नई दिल्लीः गाजियाबाद जिला अधिकारी ने बाल शिक्षा के अधिकार के तहत निःशुल्क दाखिला ना देने वाले स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया है. दरअसल बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी बच्चों का निःशुल्क दाखिला किया जाना अनिवार्य होता है. लेकिन जिलाधिकारी को खबर मिली है कि इस नियम की धज्जियां उड़ाई गई है. कई स्कूलों ने जरूरतमंद बच्चों को एडमिशन नहीं दिया है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब

बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगा है कि अब तक सामने आए ऐसे लापरवाही के मामले में क्या कार्रवाई हुई है. इसके लिए 15 दिनों का वक्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अब ये देखना है कि जिन स्कूलों ने जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क एडमिशन नहीं दिया, उन पर कार्रवाई की जाए और बच्चों को जल्द से जल्द निःशुल्क दाखिला दिलवाया जाए.

जिला अधिकारी काफी गंभीर

गाजियाबाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने इस तथ्य को अत्यंत गंभीरता से लिया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को कड़ा निर्देश दिया गया है कि केवल संस्तुति पत्र भेजना ही उनका दायित्व नहीं है. बल्कि जब तक बच्चे का दाखिला नहीं हो जाता है, तब तक उनकी जिम्मेदारी बनी रहती है. जिलाधिकारी ने ऐसे स्कूलों की सूची भी मांगी है, जिनमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निःशुल्क दाखिले हेतु बच्चों की लिस्ट भेजी गई थी. मगर स्कूल प्रबंधन द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य दाखिला नहीं दिया गया. अगर वक्त रहते अब स्कूल दाखिला दे देते हैं, तो शायद वह कार्रवाई से बच सकते हैं. अगर दाखिला नहीं दिया गया, तो कड़े एक्शन के लिए उन स्कूलों को तैयार रहना होगा.

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