नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कोरोना काल के बीच तेल का घिनौना खेल सामने आया है. मामला नगर निगम से जुड़ा हुआ है. कुछ वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं, जिनमें नगर निगम की गाड़ियों में से अवैध रूप से डीजल निकालते हुए लोगों को देखा जा सकता है. यही नहीं, जिस पेट्रोल पंप से नगर निगम को डीजल दिया जाता है, वहां से नगर निगम की गाड़ियों की बजाए, बड़े ड्रम में डीजल भरते हुए लोगों को भी देखा जा सकता है. वीडियो वायरल होने के बाद आरोप लगाए जा रहे हैं, कि डीजल का खेल चल रहा है.
बताया जा रहा है कि नगर निगम की सरकारी गाड़ियों में से डीजल निकालकर उसे बाजार में बेचा जा रहा है. ये डीजल जनरेटर वालों को सस्ते में बेच दिया जाता है. वीडियो वायरल होने के बाद ठेके पर काम कर रहे नगर निगम के ड्राइवरों पर आरोप लगा, तो ड्राइवर संघ ने मामले में सफाई देते हुए पेट्रोल पंप ऑपरेटर पर ड्राइवरों को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया है. वीडियो वायरल होने के बाद गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडेय ने जांच के आदेश दिए हैं.
पंप ऑपरेटर ने कराई थी ड्राइवरों पर एफआईआर
जिस पेट्रोल/ डीजल पंप से नगर निगम के ड्राइवरों को पेट्रोल मिलता है, उस पंप ऑपरेटर ने ड्राइवरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. मारपीट का आरोप लगाया था. आरोप में कहा गया था कि ड्राइवर मांग करते हैं कि उन्हें गाड़ी की जगह केन में पेट्रोल दिया जाए, जिससे खेल बड़ा हो सकता है.
पहले भी सामने आया था खेल
पूर्व में भी नगर निगम के डीजल की चोरी का खेल सामने आ चुका है. सवाल उठता है कि क्या नगर निगम में डीजल को लेकर कोई बड़ा घोटाला चल रहा है? क्या ड्राइवर इस घोटाले की मुख्य कड़ी हैं? या फिर इसके पीछे कोई और भी शामिल है? यह सभी सवालों के जवाब जांच में साफ हो पाएंगे, लेकिन फिलहाल ड्राइवर संघ और पेट्रोल डीजल पंप के ऑपरेटर के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है.