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गाजियाबाद: सावन का दूसरा सोमवार, दूधेश्वर नाथ मंदिर के कपाट बंद होने से भक्त निराश

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Published : Jul 13, 2020, 11:53 AM IST

गाजियाबाद में दूधेश्वर नाथ मंदिर में आ रहे भक्तों के हाथ निराशा लग रही है, क्योंकि कोरोना की वजह से मंदिर के कपाट 31 जुलाई तक के लिए बंद हैं. ऐसे में भक्त मंदिर के द्वार से ही माथा टेककर वापस लौट रहे हैं.

Dudheshwar Nath temple
सावन का दूसरा सोमवार

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज सावन का दूसरा सोमवार है, लेकिन गाजियाबाद में दूधेश्वर नाथ मंदिर में आ रहे भक्तों के हाथ निराशा लग रही है, क्योंकि कोरोना की वजह से मंदिर के कपाट 31 जुलाई तक के लिए बंद हैं. ऐसे में भक्त मंदिर के द्वार से ही माथा टेककर वापस लौट रहे हैं. इस बीच पुलिस ने भक्तों की ज्यादा संख्या की आशंका को देखते हुए मंदिर की तरफ जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया है.

सावन का दूसरा सोमवार



पहले सोमवार टूट गए थे नियम

पिछले सोमवार मंदिर प्रशासन ने ये बताया था कि कुछ भक्तों ने मंदिर में पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया था, जिसके बाद मंदिर ने निर्णय लिया कि 31 जुलाई तक के मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए जाएं. मंदिर प्रशासन ने कहा था कि सावन के महीने में होने वाली सभी पूजा-अर्चना नियमानुसार मंदिर के भीतर चलती रहेंगी, लेकिन उसमें सिर्फ मंदिर के महंत और पुजारी ही शामिल होंगे.



कोरोना काल मे जरूरी कदम

बढ़ते हुए कोरोना मामलों को देखते हुए मंदिर की तरफ से उठाया गया कदम बेहद जरूरी है. भक्त इस बात को भी मान रहे हैं कि जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का लोग पालन नहीं कर रहे थे, उससे ये कदम बहुत जरूरी था. सावन के दिनों में गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार कोरोना ने सभी भक्तों को निराश कर दिया है. भक्त अब भगवान से यही कामना कर रहे हैं कि जल्द इस कोरोना से देश और दुनिया को मुक्ति मिले.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज सावन का दूसरा सोमवार है, लेकिन गाजियाबाद में दूधेश्वर नाथ मंदिर में आ रहे भक्तों के हाथ निराशा लग रही है, क्योंकि कोरोना की वजह से मंदिर के कपाट 31 जुलाई तक के लिए बंद हैं. ऐसे में भक्त मंदिर के द्वार से ही माथा टेककर वापस लौट रहे हैं. इस बीच पुलिस ने भक्तों की ज्यादा संख्या की आशंका को देखते हुए मंदिर की तरफ जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया है.

सावन का दूसरा सोमवार



पहले सोमवार टूट गए थे नियम

पिछले सोमवार मंदिर प्रशासन ने ये बताया था कि कुछ भक्तों ने मंदिर में पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया था, जिसके बाद मंदिर ने निर्णय लिया कि 31 जुलाई तक के मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए जाएं. मंदिर प्रशासन ने कहा था कि सावन के महीने में होने वाली सभी पूजा-अर्चना नियमानुसार मंदिर के भीतर चलती रहेंगी, लेकिन उसमें सिर्फ मंदिर के महंत और पुजारी ही शामिल होंगे.



कोरोना काल मे जरूरी कदम

बढ़ते हुए कोरोना मामलों को देखते हुए मंदिर की तरफ से उठाया गया कदम बेहद जरूरी है. भक्त इस बात को भी मान रहे हैं कि जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का लोग पालन नहीं कर रहे थे, उससे ये कदम बहुत जरूरी था. सावन के दिनों में गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार कोरोना ने सभी भक्तों को निराश कर दिया है. भक्त अब भगवान से यही कामना कर रहे हैं कि जल्द इस कोरोना से देश और दुनिया को मुक्ति मिले.

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