नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के टेंट लगे (Farmers' tents on Delhi-Meerut Expressway) हुए हैं. जहां किसानों के टेंट लगे हुए हैं वह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे है. गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाले दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के सभी लेनों पर किसानों के टेंट लगे हैं. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी, मार्ग निर्माणकर्ता संस्था और स्वतंत्र इंजीनियरों की समिति द्वारा दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के रखरखाव के लिए समय-समय पर जांच और निरीक्षण की जाती है. यह निरीक्षण बरसात के मौसम में किया जाना बेहद जरूरी होता है. मार्ग की सुरक्षा के लिए निरीक्षण बेहद अहम होता है.
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के जिस हिस्से पर किसानों का आंदोलन (farmers movement ends) जारी है. उस हिस्से का बीते एक साल से निरीक्षण नहीं हो सका है. ना ही किसी प्रकार का रूटीन मेंटेनेंस हाे (Delhi-Meerut Expressway will be inspected) सका. एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक निरीक्षण के दौरान मार्ग में आरई वाल में यदि कोई पेड़-पौधे, वनस्पति उगे होते हैं, तो उनको निकाला जाता है. पुल के गर्डर, एक्सपेंशन ज्वांइट में ग्रीस, आदि की जांच की जाती है, जिससे स्ट्रक्चर सुरक्षित रह सके.
![गाजीपुर बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/del-ncr-gzb-farmers-protest-7206664_11122021195844_1112f_1639232924_22.jpg)
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एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया किसान आंदोलन के चलते दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के हिस्से का मेंटेनेंस काम (Delhi-Meerut Expressway will be inspected) नहीं हो पाया है. किसानों द्वारा दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के हिस्से को खाली करने के बाद निरीक्षण किया जाएगा. जिसके बाद जरूरी मरम्मत की जाएगी. एक्सप्रेस वे कितना खराब हुआ है और मरम्मत होने में कितना वक्त लगेगा इसकी पता तो निरीक्षण के बाद ही लग पाएगा.एक्सप्रेस वे के हिस्से को पूरी तरह से ठीक करने के बाद ही यह आम जनता के लिए खोला जाएगा.
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