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शराब खरीद रहे लोग बोले- सरकार के फैसले से खुश, पीकर आराम मिलता है - corona virus

बुधवार को अंग्रेजी शराब का स्टॉक खत्म होने की वजह से मुरादनगर में दुकाने बंद हैं. देशी शराब की दुकानें खुली हैं, लेकिन उन पर बहुत कम खरीददार पहुंचे. जो भी खरीदार नजर आए वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे.

Crowd on liquor contracts reduced in Muradnagar lockdown corona virus
सरकारी शराब की दुकान देशी शराब अंग्रेजी शराब गाजियाबाद मुरादनगर
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Published : May 6, 2020, 5:14 PM IST

Updated : May 6, 2020, 6:21 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर कस्बे के सरकारी देशी शराब के ठेके से शराब खरीद रहे लोगों का कहना है कि वह सरकार के फैसले से काफी खुश हैं. दुकान पर मौजूद एक खरीददार बोले कि देशी शराब महज शराब ही नहीं है. वह दवा का भी काम करती है और उनको शराब पीकर आराम मिलता है.

'देसी शराब करती है दवा का काम'


मंगलवार से प्रदेश के अन्‍य जिलों की तरह गाजियाबाद जिले में भी शराब की दुकानें शर्तों के साथ खोल दी गई हैं. अंग्रेजी शराब की दुकानों के साथ-साथ देशी शराब के ठेकों के बाहर भी भारी भीड़ देखने को मिली.

लेकिन आज अंग्रेजी शराब के दुकानों का स्टॉक खत्म हो जाने के बाद मुरादनगर की दुकानें बंद हैं. वहीं दूसरी ओर देशी शराब के ठेकों पर भी लोगों की खास भीड़ नजर नहीं आ रही है. मुश्किल से शराब के ठेके पर तीन से चार लोग ही खड़े दिखे.

शराब के ठेके पर मौजूद खरीदार संजय ने ईटीवी भारत को बताया कि वो सरकार के इस फैसले से काफी खुश हैं. उनको शराब की सख्त जरूरत थी. क्योंकि हवा में बहुत धुआ है और देसी शराब एक दवाई की तरह काम करती है.

ठेके पर मौजूद दूसरे खरीदार ने कहा कि सरकार का ये फैसला सही है. इंसान घर पर रहकर थोड़ा एंजॉयमेंट कर सकता है. यूपी में शराब पर टैक्स बढ़ना चाहिए या नहीं, यह फैसला तो सरकार ही ले सकती है. इसके साथ ही खरीदार ने आगे कहा कि शराब पीने से अपराध तो बढ़ता ही है. लेकिन शराब पीकर इंसान अपने घर पर आराम से रह लेता है.

शराब विक्रेता विपिन कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि कल के मुकाबले आज सेल काफी कम है. लेकिन शराब खरीदने आ रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और उनके पास शराब का आज पूरा स्टॉक है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर कस्बे के सरकारी देशी शराब के ठेके से शराब खरीद रहे लोगों का कहना है कि वह सरकार के फैसले से काफी खुश हैं. दुकान पर मौजूद एक खरीददार बोले कि देशी शराब महज शराब ही नहीं है. वह दवा का भी काम करती है और उनको शराब पीकर आराम मिलता है.

'देसी शराब करती है दवा का काम'


मंगलवार से प्रदेश के अन्‍य जिलों की तरह गाजियाबाद जिले में भी शराब की दुकानें शर्तों के साथ खोल दी गई हैं. अंग्रेजी शराब की दुकानों के साथ-साथ देशी शराब के ठेकों के बाहर भी भारी भीड़ देखने को मिली.

लेकिन आज अंग्रेजी शराब के दुकानों का स्टॉक खत्म हो जाने के बाद मुरादनगर की दुकानें बंद हैं. वहीं दूसरी ओर देशी शराब के ठेकों पर भी लोगों की खास भीड़ नजर नहीं आ रही है. मुश्किल से शराब के ठेके पर तीन से चार लोग ही खड़े दिखे.

शराब के ठेके पर मौजूद खरीदार संजय ने ईटीवी भारत को बताया कि वो सरकार के इस फैसले से काफी खुश हैं. उनको शराब की सख्त जरूरत थी. क्योंकि हवा में बहुत धुआ है और देसी शराब एक दवाई की तरह काम करती है.

ठेके पर मौजूद दूसरे खरीदार ने कहा कि सरकार का ये फैसला सही है. इंसान घर पर रहकर थोड़ा एंजॉयमेंट कर सकता है. यूपी में शराब पर टैक्स बढ़ना चाहिए या नहीं, यह फैसला तो सरकार ही ले सकती है. इसके साथ ही खरीदार ने आगे कहा कि शराब पीने से अपराध तो बढ़ता ही है. लेकिन शराब पीकर इंसान अपने घर पर आराम से रह लेता है.

शराब विक्रेता विपिन कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि कल के मुकाबले आज सेल काफी कम है. लेकिन शराब खरीदने आ रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और उनके पास शराब का आज पूरा स्टॉक है.

Last Updated : May 6, 2020, 6:21 PM IST
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