नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक सोसायटी के लोग धरने पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि 8 साल पहले जब घर खरीदे गए थे तो कई तरह के वादे किए गए थे. क्रॉसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक सुनने को तैयार नहीं है. महंगा मकान लेने के बावजूद जरूरी सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई गई.
बिल्डरों ने बनाई थी एक टाउनशिप
गाजियाबाद का क्रॉसिंग रिपब्लिक सोसायटी एक हाई प्रोफाइल सोसायटी माना जाता है. अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई को जोड़कर लोगों ने यहां मकान खरीदे हैं. तब से यहां एक बड़ी आबादी रहने लगी.
करीब 8 साल पहले क्रॉसिंग रिपब्लिक सोसायटी पूरी तरह से बस गई, लेकिन यहां के रेजिडेंट का आरोप है कि घर खरीदते समय जो वादे बिल्डर्स ने किए थे वह पूरे नहीं किए गए. कई बिल्डर ने मिलकर यहां एक टाउनशिप बनाई थी.
लोगों का आरोप है कि उन्हें जरूरी सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई गई. सोसाइटी में ना पार्क है और ना ही पार्किंग की व्यवस्था. लोगों द्वारा मांग की जा रही है कि जो भी चार्ज लिया जा रहा है उसे सार्वजनिक किया जाए, जिससे पता चल सके कि पैसा कहां खर्च हो रहा है.
आंदोलन की चेतावनी दी
एनसीआर में बिल्डर्स पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि जिस तरह का वादा किया जाता है उस तरह की सुविधा नहीं दी जाती है. जिससे लोगों में गुस्सा होता है. लोगों का कहना है कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो कानून का रास्ता अख्तियार करेंगे.
लोगों का कहना है कि क्रॉसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के हाथों में पूरी जिम्मेदारी है. जल्द कोई हल नहीं निकला तो बड़ा आंदोलन भी करने की चेतावनी लोगों ने दी है.