नई दिल्ली/गाजियाबाद: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के बयान से देश का माहौल गर्म हो गया है. इस बयान के बाद कई लोगों में एक्ट्रेस के खिलाफ रोष पैदा हो रहा है और वे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस कड़ी में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस बयान की कड़ी निंदा की है. उनका कहना है कि कंगना से पदम श्री वापस लिया जाना चाहिए.
उनका कहना है कि कंगना के बयान ने करोड़ों लोगों की राष्ट्रप्रेम की भावना को आहत किया है. भगत सिंह की आत्मा रोती होगी. तड़पते होंगे चंद्रशेखर आजाद. रामप्रसाद बिस्मिल, राजगुरु, सुखदेव और असफाकउल्लाह खान सोचते होंगे कि क्या इस दिन के लिए अपने प्राणों को मातृभूमि पर निछावर किया था. कंगना कहती हैं कि देश को आजादी 2014 में मिली. 1947 में आज़ादी भीख में मिली थी. आजादी के लिए कितने लोग शहीद हुए. कंगना का बयान बेहद आपत्तिजनक है. देशभक्ति की भावनाओं को आहत करता है. भारत सरकार से निवेदन है कि कंगना से तत्काल पद्मश्री वापस लिया जाए.
ये भी पढ़ें: राकेश टिकैत ने कंगना के बयान को बताया शहीदों का अपमान, कहा- पढ़ लेना चाहिए इतिहास
इधर, कंगना के इस बेतुके बयान पर कांग्रेस, शिवसेना और आम आदमी पार्टी ने भी एक्ट्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कई लोग कंगना से पद्मश्री वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं.
कंगना बृहस्पतिवार को एक मीडिया हाऊस पहुंची थी, जहां कंगना ने निजी मामलों से लेकर राजनीति पर विचार रखे. इस बीच कंगना यह कहती सुनाई दीं कि 1947 में देश को भीख में आजादी मिली थी. कंगना ने बयान में कहा, 'सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून न बहाए. उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, यकीनन, लेकिन वो आजादी नहीं थी वो भीख थी. असली आजादी तो 2014 में मिली है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप