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गाजियाबाद में बाइक रिपेयरिंग और चाय की दुकान से मुक्त कराये गए 11 बाल श्रमिक - गाजियाबाद में बालश्रम मुक्त अभियान

गाजियाबाद में बाल श्रमिकों काे मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाया गया. अभियान में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधि, प्रभारी निरीक्षक, एएचटीयू बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और श्रम प्रवर्तन अधिकारी की संयुक्त टीम शामिल थी. टीम ने प्रताप विहार, विजयनगर और गौशाला फाटक क्षेत्रों में बाइक रिपेयर, सर्विस सेण्टर और चाय की दुकान से 11 बाल श्रमिकों को मुक्त कराये.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग
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Published : Jun 15, 2022, 9:26 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत बुधवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश पर गाजियाबाद में बाल श्रमिकों के चिन्हांकन के लिए विशेष अभियान चलाया गया. अभियान में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधि, प्रभारी निरीक्षक, एएचटीयू बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और श्रम प्रवर्तन अधिकारी की संयुक्त टीम शामिल थी.

टीम ने प्रताप विहार, विजयनगर और गौशाला फाटक क्षेत्रों में बाइक रिपेयर, सर्विस सेण्टर और चाय की दुकान से 11 बाल श्रमिकों को मुक्त कराये. मुक्त कराए गए सभी बच्चों का आयु परीक्षण कराकर बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया. जहां समिति के सदस्यों ने बाल श्रमिकों की काउंसलिंग की और शिक्षा के लिए प्रेरित किया. बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले सेवा योजकों और प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी.


बता दें कि मौजूदा समय में गरीब बच्चे सबसे अधिक इस शोषण का शिकार हो रहे हैं. छोटे-छोटे गरीब बच्चे स्कूल छोड़कर मजदूरी करने पर मजबूर हैं. बाल मजदूरी बच्चों के मानसिक, शारीरिक, आत्मिक, बौद्धिक और सामाजिक हितों से प्रभावित कर रही है. जो बच्चे बाल मजदूरी करते हैं, वो मानसिक रूप से अस्वस्थ रहते हैं, एसे में उनके यह समस्या उनके शारीरिक और बौद्धिक विकास पर एक बाधा बनकर खड़ी हो जाती है. बालश्रम की समस्या बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों से भी वंचित करती है, जो कि संविधान के विरुद्ध है और मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन भी है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत बुधवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश पर गाजियाबाद में बाल श्रमिकों के चिन्हांकन के लिए विशेष अभियान चलाया गया. अभियान में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधि, प्रभारी निरीक्षक, एएचटीयू बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और श्रम प्रवर्तन अधिकारी की संयुक्त टीम शामिल थी.

टीम ने प्रताप विहार, विजयनगर और गौशाला फाटक क्षेत्रों में बाइक रिपेयर, सर्विस सेण्टर और चाय की दुकान से 11 बाल श्रमिकों को मुक्त कराये. मुक्त कराए गए सभी बच्चों का आयु परीक्षण कराकर बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया. जहां समिति के सदस्यों ने बाल श्रमिकों की काउंसलिंग की और शिक्षा के लिए प्रेरित किया. बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले सेवा योजकों और प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी.


बता दें कि मौजूदा समय में गरीब बच्चे सबसे अधिक इस शोषण का शिकार हो रहे हैं. छोटे-छोटे गरीब बच्चे स्कूल छोड़कर मजदूरी करने पर मजबूर हैं. बाल मजदूरी बच्चों के मानसिक, शारीरिक, आत्मिक, बौद्धिक और सामाजिक हितों से प्रभावित कर रही है. जो बच्चे बाल मजदूरी करते हैं, वो मानसिक रूप से अस्वस्थ रहते हैं, एसे में उनके यह समस्या उनके शारीरिक और बौद्धिक विकास पर एक बाधा बनकर खड़ी हो जाती है. बालश्रम की समस्या बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों से भी वंचित करती है, जो कि संविधान के विरुद्ध है और मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन भी है.

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