नई दिल्ली/गाजियाबाद: लाॅकडाउन के चलते गरीब मजदूर वर्ग के साथ-साथ व्यापारिक वर्ग को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लाॅकडाउन के पहले चरण से लेकर और अब लाॅकडाउन के दूसरे चरण के शुरू होने के बाद से गाजियाबाद के व्यापारियों को किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार संगठन गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंहल से खास बातचीत की है.
ज्ञानेंद्र सिंहल का कहना है कि प्रशासन ने जो व्यापारियों के लिए रेट लिस्ट जारी की है, उसमें खामियां हैं. जिस दाल के होलसेल रेट ₹115 प्रति किलोग्राम है. प्रशासन ने फुटकर में उसके रेट ₹95 प्रति किलोग्राम रखे हैं
व्यापारी जान जोखिम में डालकर कर रहे सेवा
जिलाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंहल ने बताया कि व्यापारी वर्ग कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी से लड़ते हुए ग्राहकों की सेवा कर रहा है. वह इस बीमारी का खतरा उठाते हुए आम जनता को किसी भी तरीके की परेशानी नहीं होने दे रहा है
रेट लिस्ट में खामियां
उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि गाजियाबाद प्रशासन द्वारा व्यापारियों के लिए जारी की गई रेट लिस्ट में कुछ खामियां हैं. जैसे कि मूंग की धुली हुई दाल का होलसेल में रेट ₹115 प्रति किलोग्राम है, जबकि प्रशासन ने अपनी रेट लिस्ट में ₹95 का रेट जारी किया है. ऐसे ही उड़द की दाल का होलसेल का रेट ₹100 प्रति किलो है और सरकार ने उसका रेट ₹95 प्रति किलो निर्धारित किया है.
उन्होंने बताया कि कुछ सामान ऐसे भी हैं, जो कि सस्ते हैं. लेकिन प्रशासन ने उनके रेट महंगे जारी किए हैं. उसके बावजूद भी व्यापारी उनको सस्ते दामों में बेच रहा है. जैसे कि आटा के रेट प्रशासन ने ₹28 प्रति किलोग्राम रखा है, लेकिन व्यापारी उसको ₹25 किलो बेच रहा है.