नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में बुधवार को यूपी गेट पर महापंचायत का आयोजन किया गया. किसानों को दिल्ली में प्रवेश मिलने के बाद किसानों ने महापंचायत का समापन किया. इस महापंचायत के जरिए किसानों ने सरकार पर आरोप लगाए. साथ ही भारतीय किसान यूनियन ने किसान समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार को 16 सूत्रीय मांगपत्र भेजा है.
जमा हुए सैकड़ों किसान
बुधवार को यूपी गेट पर किसान क्रांति यात्रा की प्रथम वर्षगांठ पर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने इकट्ठा होकर महापंचायत की. महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत तमाम अधिकारी शामिल हुए. भाकियू नेताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया.
दिल्ली में प्रवेश करने की मिली अनुमति
दोपहर में किसानों ने प्रशासन से मांग की, कि उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने दिया जाए, करीब शाम 5:00 बजे प्रशासन ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दे दी. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के नेतृत्व में किसानों ने दिल्ली में करीब आधा किलोमीटर प्रवेश किया और गाजीपुर मंडी से घूम कर किसान वापस दिल्ली गेट लौट आए जिसके बाद महापंचायत को समाप्त कर दिया गया.
ये हैं किसानों की मुख्य मांगे
भारतीय किसान यूनियन ने किसान समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार को 16 सूत्रीय मांगपत्र भेजा है, जिसमें कुछ मुख्य मांगे निम्न हैं.
- देश के किसानों के सभी तरह के कर्ज माफ किए जाएं. देश के किसानों पर लगभग 80% कर्ज राष्ट्रीयकृत बैंकों का है, देश के किसानों के सभी तरह के कर्ज एक ही समय में बिना किसी समय सीमा के भारत सरकार के माध्यम से माफ किए जाएं.
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत आने वाले बजट सत्र में 4 वर्ष तक केवल ब्याज जमा करने और 5 वे वर्ष के नवीनीकरण के समय मूलधन ब्याज सहित जमा करने का प्रावधान किया जाए.
- किसानों का बकाया गन्ना भुगतान ब्याज सहित अविलंब कराया जाए, चीनी का न्यूनतम मूल्य ₹40 प्रति किलो तय किया जाए.
- किसानों को सिंचाई हेतु नलकूप की बिजली निशुल्क उपलब्ध कराई जाए.
- खेती में काम आने वाली सभी वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त किया जाए.
- किसानों की समस्याओं पर संसद का विशेष संयुक्त अधिवेशन बुलाया जाए, जिसमें 1 माह तक किसानों की समस्याओं पर चर्चा कर समाधान किए जाएं.
- किसानों की न्यूनतम आमदनी सुनिश्चित की जाए, किसान पेंशन में बदलाव करते हुए इसे प्रीमियम रहित बनाया जाए. लघु सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद तत्काल प्रभाव से मासिक पेंशन दी जाए.
दिल्ली में प्रवेश मिलने के बाद किसान काफी उत्साहित दिखाई दिए क्योंकि पिछले वर्ष 2 अक्टूबर को किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, जिसकी वजह से किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था.