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UP में जातीय संघर्ष कराना चाहती है भाजपा : BKU - भारतीय किसान यूनियन निशाना बीजेपी गाजीपुर बॉर्डर झड़प

गाजीपुर बॉर्डर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच हुई झड़प के बाद अब भारतीय किसान यूनियन ने बीजेपी पर साजिश रचने के आरोप लगाए हैं. बीकेयू का कहना है कि बीजेपी साजिश रचकर यूपी में जातीय संघर्ष कराना चाहती है.

Rakesh tikait
राकेश टिकैत
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Published : Jun 30, 2021, 9:28 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. एक ओर बीजेपी की ओर से राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं तो वहीं किसानों की ओर से बीजेपी पर निशाना साधा गया.

अब इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि भाजपाई लगातार किसान आंदोलन के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. बुधवार को आंदोलन स्थल के पास हुआ वाकया भी भाजपा की उसी रणनीति का हिस्सा है. 7 माह से आंदोलनकारी किसान धरने पर बैठे हैं, लेकिन इस दौरान कभी भी भाजपाई अपने किसी नेता का स्वाागत करने उस जगह नहीं पहुंचे, जहां बुधवार को करीब 200-250 भाजपाई स्वागत के नाम पर जुटे थे.

उन्होंने कहा कि भाजपाई जिस नेता का स्वागत करने पहुंचे थे वह 11 बजे के करीब पहुंचे, जबकि स्वागत के लिए भाजपाई करीब 10 बजे ही किसान आंदोलन मंच के पास पहुंच गए थे और एक घंटे से अधिक समय तक ढोल बजाकर अपने नेता का इंतजार करते रहे. इस बीच उन्होंंने आंदोलनकारी किसानों को देखकर गाली-गलौज भी की.

किसानों ने जताया विरोध

धर्मेंद्र मलिक ने बताया किसानों ने अनदेखी की, लेकिन वे नहीं माने और हाथों में काले झंडे लेकर मंच की ओर आ गए. इस पर किसानों ने उनका विरोध किया तो वह भाग खड़े हुए. किसानों ने उनके द्वारा फेंके गए काले झंडे उठाकर उन्हीं के नेता को दिखाए और विरोध किया. इस दौरान भाजपाइयों ने धक्का मुक्की और गाली गलौज की. आंदोलनकारियों की संख्या बढ़ते देखा भाजपाई मौके से भाग खड़े हुए.

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर भिड़े किसान और बीजेपी कार्यकर्ता, गाड़ियों में तोड़फोड़, जमकर हंगामा

पार्टी से त्यागपत्र देकर मंच पर आएं भाजपाई

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन स्थल पर भाजपाई 7 माह के दौरान बीच-बीच में आते रहे, लेकिन उन्हें बैठाकर चाय-पानी भी दिया गया क्योंकि उनके आने का तरीका ठीक था. बुधवार को भाजपाई संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर जबरन कब्जा करना चाहते थे. उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया. टिकैत ने कहा कि भाजपाइयों को किसान मंच पर आना है तो भाजपा से त्यागपत्र देकर आएं. संयुक्त किसान मोर्चा उनका स्वागत करेगा.

'...अगर जबरन किया कब्जा तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब'

अगर भाजपाई जबरन किसान मंच पर कब्जा करने का प्रयास करेंगे तो किसान मुंहतोड़ जबाब देने में सक्षम हैं और देंगे. भाजपाइयों द्वारा किसान मंच पर जबरन कब्जे और आंदोलनकारियों से दुर्व्यवहार के आरोप में किसानों की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई है, लेकिन भाजपा के दबाव में पुलिस किसानों की तहरीर लेने को तैयार नहीं है. भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि सात माह के किसान आंदोलन के दौरान पहले भी भाजपा के नेता आंदोलन स्थल के पास से गुजरते रहें हैं, लेकिन स्थानीय भाजपाई कभी भी स्वागत के लिए उस स्थान पर नहीं पहुंचे जहां बुधवार को पहुंचे थे.


बीजेपी पर मंच कब्जा करने की कोशिश का आरोप

भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए मलिक ने कहा प्रदेश मंत्री के पद पर हुई अमित बाल्मीकि की नियुक्ति को भाजपा हाइलाइट करना चाहती थी. इसीलिए आलाकमान की ओर से गाजियाबाद के भाजपाइयों को अमित बाल्मी‌कि का जोरदार स्वागत करने के लिए संदेश भी प्राप्त हुआ था. भाजपाइयों ने जान-बूझकर किसान आंदोलन के मंच के पास स्वागत कार्यक्रम के बहाने कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया और फिर मंच पर कब्जा करने की कोशिश की और उसके बाद जो टकराव की स्थिति आई उसे स्वागत से जोड़कर दिखाया ताकि खबर की ओर सबका ध्यान जा सके.

ये भी पढ़ें: गाजीपुर बॉर्डर: किसानों-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प, देखें पूरी रिपोर्ट

आंदोलन को है सभी वर्गों का समर्थन

मलिक ने कहा किसान आंदोलन को समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है. भाजपा को बस इसी बात से पी‌ड़ा है और भाजपा लगातार सामाजिक ताना-बाना तोड़ने के लिए षडयंत्र कर रही है. आंदोलन स्थल पर बुधवार को हुआ वाकया भी इसकी एक बानगी है. भाजपा का यह सुनियोजित प्लान था कि दलित समाज के नाम पर किसानों को बदनाम किया जाए.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. एक ओर बीजेपी की ओर से राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं तो वहीं किसानों की ओर से बीजेपी पर निशाना साधा गया.

अब इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि भाजपाई लगातार किसान आंदोलन के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. बुधवार को आंदोलन स्थल के पास हुआ वाकया भी भाजपा की उसी रणनीति का हिस्सा है. 7 माह से आंदोलनकारी किसान धरने पर बैठे हैं, लेकिन इस दौरान कभी भी भाजपाई अपने किसी नेता का स्वाागत करने उस जगह नहीं पहुंचे, जहां बुधवार को करीब 200-250 भाजपाई स्वागत के नाम पर जुटे थे.

उन्होंने कहा कि भाजपाई जिस नेता का स्वागत करने पहुंचे थे वह 11 बजे के करीब पहुंचे, जबकि स्वागत के लिए भाजपाई करीब 10 बजे ही किसान आंदोलन मंच के पास पहुंच गए थे और एक घंटे से अधिक समय तक ढोल बजाकर अपने नेता का इंतजार करते रहे. इस बीच उन्होंंने आंदोलनकारी किसानों को देखकर गाली-गलौज भी की.

किसानों ने जताया विरोध

धर्मेंद्र मलिक ने बताया किसानों ने अनदेखी की, लेकिन वे नहीं माने और हाथों में काले झंडे लेकर मंच की ओर आ गए. इस पर किसानों ने उनका विरोध किया तो वह भाग खड़े हुए. किसानों ने उनके द्वारा फेंके गए काले झंडे उठाकर उन्हीं के नेता को दिखाए और विरोध किया. इस दौरान भाजपाइयों ने धक्का मुक्की और गाली गलौज की. आंदोलनकारियों की संख्या बढ़ते देखा भाजपाई मौके से भाग खड़े हुए.

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पार्टी से त्यागपत्र देकर मंच पर आएं भाजपाई

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन स्थल पर भाजपाई 7 माह के दौरान बीच-बीच में आते रहे, लेकिन उन्हें बैठाकर चाय-पानी भी दिया गया क्योंकि उनके आने का तरीका ठीक था. बुधवार को भाजपाई संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर जबरन कब्जा करना चाहते थे. उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया. टिकैत ने कहा कि भाजपाइयों को किसान मंच पर आना है तो भाजपा से त्यागपत्र देकर आएं. संयुक्त किसान मोर्चा उनका स्वागत करेगा.

'...अगर जबरन किया कब्जा तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब'

अगर भाजपाई जबरन किसान मंच पर कब्जा करने का प्रयास करेंगे तो किसान मुंहतोड़ जबाब देने में सक्षम हैं और देंगे. भाजपाइयों द्वारा किसान मंच पर जबरन कब्जे और आंदोलनकारियों से दुर्व्यवहार के आरोप में किसानों की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई है, लेकिन भाजपा के दबाव में पुलिस किसानों की तहरीर लेने को तैयार नहीं है. भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि सात माह के किसान आंदोलन के दौरान पहले भी भाजपा के नेता आंदोलन स्थल के पास से गुजरते रहें हैं, लेकिन स्थानीय भाजपाई कभी भी स्वागत के लिए उस स्थान पर नहीं पहुंचे जहां बुधवार को पहुंचे थे.


बीजेपी पर मंच कब्जा करने की कोशिश का आरोप

भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए मलिक ने कहा प्रदेश मंत्री के पद पर हुई अमित बाल्मीकि की नियुक्ति को भाजपा हाइलाइट करना चाहती थी. इसीलिए आलाकमान की ओर से गाजियाबाद के भाजपाइयों को अमित बाल्मी‌कि का जोरदार स्वागत करने के लिए संदेश भी प्राप्त हुआ था. भाजपाइयों ने जान-बूझकर किसान आंदोलन के मंच के पास स्वागत कार्यक्रम के बहाने कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया और फिर मंच पर कब्जा करने की कोशिश की और उसके बाद जो टकराव की स्थिति आई उसे स्वागत से जोड़कर दिखाया ताकि खबर की ओर सबका ध्यान जा सके.

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आंदोलन को है सभी वर्गों का समर्थन

मलिक ने कहा किसान आंदोलन को समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है. भाजपा को बस इसी बात से पी‌ड़ा है और भाजपा लगातार सामाजिक ताना-बाना तोड़ने के लिए षडयंत्र कर रही है. आंदोलन स्थल पर बुधवार को हुआ वाकया भी इसकी एक बानगी है. भाजपा का यह सुनियोजित प्लान था कि दलित समाज के नाम पर किसानों को बदनाम किया जाए.

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