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बर्ड हाउस नेस्ट मेकिंग प्रोग्राम का आयोजन, नन्हें बच्चों ने बनाए घोंसले - गाजियाबाद

गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित रामप्रस्था ग्रीन की पर्ल कोर्ट सोसायटी में बर्ड हाउस नेस्ट मेकिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया. जहां सोसायटी की महिलाओं और बच्चों के द्वारा आर्टीफिशियल घोंसले बनाए गये.

Bird House Nest Making Program organized at Pearl Court Society ghaziabad
बर्ड हाउस नेस्ट मेकिंग प्रोग्राम का हुआ आयोजन
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Published : Dec 10, 2019, 8:39 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शहर से दूर हो रहे पक्षियों के लिए पेड़ों और सुरक्षित घरौंदे की कमी को दूर करने के लिए 'गिव मी ट्री ट्रस्ट' नाम की संस्था ने नई पहल की है. इसके तहत अलग-अलग स्थानों पर पक्षियों के लिए घोंसले बनवाये जाने के साथ पर्यावरण के हित में काम किया जा रहा है.

नन्हें बच्चों ने बनाए घोंसले

बनाए गये आर्टीफिशियल घोंसले
इसी कड़ी में संस्था द्वारा गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित रामप्रस्था ग्रीन के पर्ल कोर्ट सोसायटी में बर्ड हाउस नेस्ट मेकिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया. जहां सोसायटी की महिलाओं और बच्चों के द्वारा आर्टीफिशियल घोंसले बनाए गये.

संस्था द्वारा यहां सैकड़ों महिलाओं और बच्चों को छोटे पक्षियों, चिड़ियाओं, गौरेया को बचाने और उनके महत्व के बारे में जागरुक किया गया. घरेलू वेस्ट मेटीरियल से पक्षियों के लिए ये घरोंदे बच्चों द्वारा बनाये गए. कोकोनट के जूट, ऊन, रबड़ के गुब्बारों, लकड़ी के टुकड़ों की मदद से ये कृत्रिम घोंसले बनाये गये.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शहर से दूर हो रहे पक्षियों के लिए पेड़ों और सुरक्षित घरौंदे की कमी को दूर करने के लिए 'गिव मी ट्री ट्रस्ट' नाम की संस्था ने नई पहल की है. इसके तहत अलग-अलग स्थानों पर पक्षियों के लिए घोंसले बनवाये जाने के साथ पर्यावरण के हित में काम किया जा रहा है.

नन्हें बच्चों ने बनाए घोंसले

बनाए गये आर्टीफिशियल घोंसले
इसी कड़ी में संस्था द्वारा गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित रामप्रस्था ग्रीन के पर्ल कोर्ट सोसायटी में बर्ड हाउस नेस्ट मेकिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया. जहां सोसायटी की महिलाओं और बच्चों के द्वारा आर्टीफिशियल घोंसले बनाए गये.

संस्था द्वारा यहां सैकड़ों महिलाओं और बच्चों को छोटे पक्षियों, चिड़ियाओं, गौरेया को बचाने और उनके महत्व के बारे में जागरुक किया गया. घरेलू वेस्ट मेटीरियल से पक्षियों के लिए ये घरोंदे बच्चों द्वारा बनाये गए. कोकोनट के जूट, ऊन, रबड़ के गुब्बारों, लकड़ी के टुकड़ों की मदद से ये कृत्रिम घोंसले बनाये गये.

Intro:शहर से दूर हो रहे पक्षियों के लिए पेड़ों और सुरक्षित घरौंदे की कमी को दूर करने के लिए 'गिव मी ट्री ट्रस्ट' नाम की संस्था ने नई पहल की है। इसके तहत अलग अलग स्थानों पर पक्षियों के लिए घोंसले बनवाये जाने के साथ पर्यावरण के हित में काम किया जा रहा है।



Body:इसी कड़ी में संस्था द्वारा गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित रामप्रस्था ग्रीन के पर्ल कोर्ट सोसायटी में बर्ड हाउस नेस्ट मेकिंग प्रोग्राम का आयोजन किया। जिसमें आर्टीफिशियल घोंसले सोसायटी की महिलाओं और बच्चों द्वारा बनाए गये।Conclusion:संस्था द्वारा यहां सैकड़ों महिलाओं और बच्चों को छोटे पक्षियों, चिड़ियाओं, गौरेया को बचाने और उनके महत्व के बारे में जागरुक किया गया। घरेलू वेस्ट मेटीरियल से पक्षियों के लिए ये घरोंदे बच्चो द्वारा बनाये गए। कोकोनट के जूट, ऊन, रबड़ के गुब्बारों, लकड़ी के टुकड़ों की मदद से ये कृतिम घोंसले बनाये गये।

बाईट - जया श्रीवास्तव / घोंसला बनाने वाली महिला

बाईट - अनिका / घोंसला बनाने वाली बच्ची

बाईट - विनीत वोहरा / गिव मी ट्री ट्रस्ट
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