नई दिल्ली/गाजियाबाद: ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. लोनी के मंडोला गांव के किसान अब 14 सितंबर को जिंदा समाधि नहीं लेंगे. ईटीवी भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार को अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने जाकर किसानों से बात की. देर शाम प्रेस रिलीज जारी करके प्रशासन ने बताया कि किसानों ने वार्ता के बाद जिंदा समाधि लेने का फैसला स्थगित कर दिया गया है. किसानों को आश्वस्त किया गया है कि उनकी मांगों पर विचार चल रहा है और शासन को उससे अवगत कराया जा रहा है.
दरअसल गाजियाबाद के लोनी मंडोला विहार आवास विकास योजना के विरोध में किसानों द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था. किसानों की कोई सुनवाई नहीं होने के चलते किसानों ने 14 सितंबर तक का समय जिला प्रशासन को दिया था. किसानों ने जिला प्रशासन को 14 सितंबर के बाद जिंदा समाधि लेने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार को अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास किसानों से मिलने पहुंची.
ये भी पढ़ें: 'अटल वाटिका' लोगों को समर्पित, दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने किया लोकार्पण
बता दें कि कुछ दिन पहले ईटीवी भारत ने ख़बर चलाई थी कि लोनी इलाके के मंडोला गांव के किसान एक खास वजह से खेत में गड्ढा खोदने के काम में लगे हैं. किसानों का कहना था कि 14 सितंबर को इन्हीं गड्ढों में जिंदा समाधि ले लेंगे. दरअसल गाजियाबाद में मंडोला गांव के किसान पिछले कई सालों से मंडोला आवास योजना के तहत अधिग्रहित की गई भूमि के उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इनमें 6 गांव के किसान शामिल हैं. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद प्रशासन हरकत में आया और किसानों की समस्या का समाधान निकालने के लिए अधिकारियों को मौके पर भेजा.
ये भी पढ़ें: 37 खंभे, 74 लाईट... 2 दिन जलकर हुआ बंद, शाम ढलते ही हो जाता है अंधेरा, लोगों को हो रही परेशानी
किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने किसानों की समस्या के निस्तारण के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास को मौके पर जाकर किसानों के साथ वार्ता करने के लिए दिशा-निर्देश दिए. इसी क्रम में गुरुवार शाम तक चली वार्ता में अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास ने मंडोला विहार आवास विकास योजना के विरोध में धरना दे रहे किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का निस्तारण जल्द किया जाएगा. उनके द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया.