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नीरज चोपड़ा के नक्शे कदम पर साक्षी शर्मा, जैवलिन थ्रो में जीता गोल्ड मेडल

टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. इसके साथ ही उन्होंने जैवलिन थ्रो को एक नया आयाम भी दिया है, वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद की बेटियां भी जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के नक्शे कदम पर चल रही हैं.

Athlete Sakshi Sharma
जैवलिन थ्रो में ओलंपिक पदक जीतने का सपना
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Published : Oct 28, 2021, 6:29 PM IST

नई दिल्ली : एथलीट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा नई दिल्ली में आयोजित नेशनल जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में मोदीनगर निवासी छात्रा साक्षी शर्मा ने 46.29 भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है. साक्षी शर्मा बीए अंतिम वर्ष की छात्रा है. ईटीवी भारत ने विजेता साक्षी शर्मा से खास बातचीत की.

साक्षी शर्मा ने बताया कि नई दिल्ली में एथलीट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु सहित कई प्रदेशों से सैकड़ो खिलाड़ी ने भाग लिया था. इसमें उन्होंने अंडर-20 में भाग लिया था और 46.29 भारा फेकंकर स्वर्ण पदक पर निशाना साधते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल के समय से ही भाला फेंकने में महारत हासिल है. साक्षी के पिता दर्शन लाल शर्मा उन्हें बाला फेंकने की कोचिंग देते हैं.

जैवलिन थ्रो में ओलंपिक पदक जीतने का सपना

वहीं, साक्षी शर्मा के पिता और कोच दर्शन लाल शर्मा ने बताया कि बेटी की इस जीत से वह काफी खुश हैं. उनका सपना है कि जैवलिन थ्रो में जो वह नहीं कर पाए वह उनकी बेटी करके दिखाएं. दर्शन लाल शर्मा ने बताया कि जैवलिन थ्रो में उन्होंने भी नेशनल पदक जीता है. स्पोर्ट्स कोटे के बदौलत उन्होंने रेलवे विभाग में टीटीई की नौकरी पाई है. बेटी की कोचिंग को लेकर वह काफी गंभीर रहते हैं.

इस जीत के बाद साक्षी शर्मा काफी खुश हैं. अब उनका अगला टारगेट जैवलिन थ्रो में ओलंपिक पदक जीतने का है. इसके लिए वह करीब पांच साल से तैयारियों में जुटी हुई हैं. ओलंपिक में पदक जीतने के लिए वह हर दिन 10 से 12 घंटे की कड़ी मेहनत कर रही हैं.

Athlete Sakshi Sharma
जैवलिन थ्रो में ओलंपिक पदक जीतने का सपना

ये भी पढ़ें : राजनीतिक दलों में आंतरिक चुनाव कराने की मांग पर निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी

जैवलिन थ्रो के पुराने खिलाड़ी रह चुके कृष्ण कुमार पालीवाल का कहना है कि मोदीनगर क्षेत्र में जैवलिन थ्रो को लेकर काफी क्रेज है और इसमें बच्चों का भविष्य भी है. जैवलिन थ्रो की शुरुआत मोदीनगर क्षेत्र से उन्होंने की थी. अब उनके बाद दर्शन लाल शर्मा उनकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जोकि बच्चों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. वह चाहते हैं जिस तरीके से टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने मेडल लाकर देश का नाम रोशन किया है. भविष्य में यह बच्चे भी उसी तरह मेडल लाकर देश का नाम रोशन करे.

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नई दिल्ली : एथलीट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा नई दिल्ली में आयोजित नेशनल जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में मोदीनगर निवासी छात्रा साक्षी शर्मा ने 46.29 भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है. साक्षी शर्मा बीए अंतिम वर्ष की छात्रा है. ईटीवी भारत ने विजेता साक्षी शर्मा से खास बातचीत की.

साक्षी शर्मा ने बताया कि नई दिल्ली में एथलीट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु सहित कई प्रदेशों से सैकड़ो खिलाड़ी ने भाग लिया था. इसमें उन्होंने अंडर-20 में भाग लिया था और 46.29 भारा फेकंकर स्वर्ण पदक पर निशाना साधते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल के समय से ही भाला फेंकने में महारत हासिल है. साक्षी के पिता दर्शन लाल शर्मा उन्हें बाला फेंकने की कोचिंग देते हैं.

जैवलिन थ्रो में ओलंपिक पदक जीतने का सपना

वहीं, साक्षी शर्मा के पिता और कोच दर्शन लाल शर्मा ने बताया कि बेटी की इस जीत से वह काफी खुश हैं. उनका सपना है कि जैवलिन थ्रो में जो वह नहीं कर पाए वह उनकी बेटी करके दिखाएं. दर्शन लाल शर्मा ने बताया कि जैवलिन थ्रो में उन्होंने भी नेशनल पदक जीता है. स्पोर्ट्स कोटे के बदौलत उन्होंने रेलवे विभाग में टीटीई की नौकरी पाई है. बेटी की कोचिंग को लेकर वह काफी गंभीर रहते हैं.

इस जीत के बाद साक्षी शर्मा काफी खुश हैं. अब उनका अगला टारगेट जैवलिन थ्रो में ओलंपिक पदक जीतने का है. इसके लिए वह करीब पांच साल से तैयारियों में जुटी हुई हैं. ओलंपिक में पदक जीतने के लिए वह हर दिन 10 से 12 घंटे की कड़ी मेहनत कर रही हैं.

Athlete Sakshi Sharma
जैवलिन थ्रो में ओलंपिक पदक जीतने का सपना

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जैवलिन थ्रो के पुराने खिलाड़ी रह चुके कृष्ण कुमार पालीवाल का कहना है कि मोदीनगर क्षेत्र में जैवलिन थ्रो को लेकर काफी क्रेज है और इसमें बच्चों का भविष्य भी है. जैवलिन थ्रो की शुरुआत मोदीनगर क्षेत्र से उन्होंने की थी. अब उनके बाद दर्शन लाल शर्मा उनकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जोकि बच्चों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. वह चाहते हैं जिस तरीके से टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने मेडल लाकर देश का नाम रोशन किया है. भविष्य में यह बच्चे भी उसी तरह मेडल लाकर देश का नाम रोशन करे.

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