नई दिल्ली/गाजियाबाद: बीती सोमवार रात को गाजियाबाद के मोदीनगर सीओ ऑफिस में तैनात पुलिसकर्मी अमरीश शर्मा ने इंसानियत की एक अनूठी मिसाल पेश की है. बीती रात अमरीश, ड्यूटी खत्म कर वापस घर जा रहे थे. तभी गोविंदपुरी इलाके में एक स्कूटी सवार हादसे का शिकार हो गया. पीड़ित युवक स्कूटी समेत बड़े ट्रक के नीचे जा घुसा. इस बीच भीड़ तो लगी, लेकिन किसी ने मदद का हाथ आगे नहीं बढ़ाया.
अमरीश के सराहनीय काम की हो रही चर्चा
अमरीश शर्मा ने जैसे ही देखा और स्कूटी सवार की जान बचाई. उन्होंने युवक को अस्पताल में भर्ती कराया. इससे पहले भी अमरीश ने कुछ समय पहले जलती हुई गाड़ी में से बाहर निकाल कर युवक की जान बचाई थी. सभी जगह अमरीश के चर्चे हो रहे हैं.
जा सकती थी युवक की जान
घटनास्थल पर बाद में स्थानीय पुलिस पहुंची. इस बीच स्कूटी सवार युवक ट्रक के नीचे फंसा हुआ तड़प रहा था. स्कूटी सवार को निकालने में थोड़ी देर हो जाती, तो उसकी जान भी जा सकती थी. हालांकि इस बीच उसके हाथ में गंभीर चोट लगी है. लेकिन राहत इस बात की है कि युवक की जान बच गई है. अमरीश शर्मा सीओ ऑफिस में बतौर पेशकार तैनात हैं. अमरीश शर्मा की उम्र भी 50 वर्ष से अधिक है. ड्यूटी पर नहीं होने के बावजूद उन्होंने अपना फर्ज बखूबी अदा किया.
गाजियाबाद में बढ़ते हादसे
घटना में तेज रफ्तार कारण बताया जा रहा है. जिसकी वजह से हादसा हुआ. गाजियाबाद की बात करें, तो हादसे लगातार बढ़ रहे हैं. बीती रात मोदीनगर से पहले मुरादनगर में भी सीमेंट से भरे ट्रक ने महिला और दो बच्चों को चपेट में ले लिया, जिससे उनकी मौत हो गई. लेकिन सब जगह अगर अमरीश शर्मा जैसे लोग मसीहा बनकर आएं, तो हादसों में मरने वालों की संख्या कम की जा सकती है.