नई दिल्ली/गाजियाबाद: चीन में फैले जानलेवा कोरोना वायरस की दहशत अब गाजियाबाद में भी पहुंच चुकी है.1 महीने में करीब 150 लोग चीन से गाजियाबाद लौटे हैं. जिन पर स्वास्थ्य विभाग की नजर है. गाजियाबाद के सीएमओ नरेंद्र गुप्ता का कहना है कि साल 2003 में सार्स नाम का खतरनाक जानलेवा वायरस फैला था. पर कोरोना वायरस उससे भी ज्यादा खतरनाक है. चीन से आए लोगों को 28 दिनों के लिए आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा. जिससे इंफेक्शन फैल नहीं पाए.
12 रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई
गाजियाबाद में कोरोना वायरस के संदिग्धों को खोजने के लिए 12 रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई है. साथ ही सीएमओ ने कोरोना वायरस से बचने के उपाय भी बताए.
150 चीन से आए गाजियाबाद
फिलहाल आंकड़ों के मुताबिक 150 लोग चीन से गाजियाबाद लौटे हैं और उनको तलाशने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम काम कर रही हैं. सिम्टम्स नहीं पाए जाने पर भी उनको आइसोलेशन वार्ड में रखा जा सकता है और उन्हें मास्क दिए जाएंगे. उनके परिवार वालों को भी मास्क दिए जाएंगे.
सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम
सार्स (सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) वायरस से संबंधित बीमारी साल 2002 में फैलनी शुरू हुई थी. 2003 में ये दुनिया भर में फैल गई थी. इसे अब तक की सबसे खतरनाक बीमारी माना जाता है. ये बीमारी भी चीन से फैली थी. लेकिन बाद में इसकी रोकथाम तलाशी ली गई थी. सीएमओ नरेंद्र गुप्ता के मुताबिक कोरोना वायरस को इस बीमारी जितना खतरनाक माना जा रहा है. उस समय दुनिया भर में 775 लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई थी.