नई दिल्ली/गाजियाबाद: एक तरफ देश की सियासत में चौकीदार पर हंगामा मचा है, तो दूसरी ओर दिल्ली से सटे गाजियाबाद में 48 चौकीदारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इन चौकीदारों का कसूर बस इतना है कि इन्होंने अपनी सैलरी मांगी थी. मामला एक पॉश इलाके की सोसाइटी से जुड़ा हुआ है.
हैरानी होती है, एक तरफ पीएम मोदी खुद को देश का चौकीदार बता रहे हैं, दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चौकीदार चोर का नारा लगा रहे हैं. लेकिन असल चौकीदार कैसे शोषण झेल रहे हैं ये गाजियाबाद में देखने को मिल रहा है.48 चौकीदारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपनी सैलरी मांगी थी.
सैलरी पर टाल-मटोल का आरोप
इंदिरापुरम इलाके की पॉश शिप्रा विस्टा सोसाइटी में ये चौकीदार 6 महीने से लगातार काम कर रहे हैं, इनकी मानें तो एक भी दिन छुट्टी नहीं मिली और जब सैलरी की मांग की जाती है. तो कोई कहता है पैसे दे दिए. तो कोई कहता है चेक आना अभी बाकी है.
इन चौकीदारों का आरोप है कि उन्हें 2 महीने से सैलरी नहीं मिली. जिसके बाद उन्होंने सोसायटी के दो गेट बंद कर दिए और एक गेट पर धरने पर बैठ गए. करीब 10 मिनट ही बीते थे की सोसाइटी ने पुलिस को फोन कर दिया और पुलिस ने आकर 48 गार्डस को हिरासत में ले लिया.
पुलिस ने किया मनमाना हस्तक्षेप
चौकीदारों का आरोप है कि उन्हें कंपनी की तरफ से सैलरी नहीं मिल रही है. जब पुलिस का इंटरफेयर हुआ तो कंपनी ने 15 दिन की सैलरी दे दी और बाकी के लिए वादा कर दिया. लिहाजा सभी चौकीदार काम पर वापस तो आ गए हैं. लेकिन कैमरे पर कई चौकीदारों ने अपना दर्द बयां किया है.
सोसायटी के लोगों के मुताबिक सोसायटी के लोग मेंटेनेंस टाइम पर दे रहे हैं, लेकिन उनको नहीं पता कि चौकीदारों को सैलरी क्यों नहीं दी जा रही. पहले भी ऐसा हुआ है कि चौकीदारों को सैलरी नहीं दी गई.
फिलहाल मुकदमा दर्ज नहीं
फिलहाल पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है, लेकिन देखने वाली बात ये है कि इन चौकीदारों की बकाया तनख्वाह कब तक दे दी जाती है.
सााथ ही देखना यह भी होगा एक तरफ जहां चौकीदार को लेकर सभी जगह बातें हो रही हैं, इन चौकीदारों को इंसाफ मिल पाता है या नहीं.