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गाजियाबाद में सरकारी नाकामी ने 12 साल के मासूम को नाले में धकेला ! दर्दनाक मौत

गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में एक बच्चा साईकल से अपने घर जा रहा था तभी उसी वक्त बारिश के कारण नाला ओवरफ्लो हो गया जिससे बच्चा नाले में गिर गया और उसकी मौत हो गयी.

नाले में गिरा बच्चा
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Published : Jul 22, 2019, 11:16 AM IST

Updated : Jul 22, 2019, 12:38 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बारिश के आते ही सामान्य नाला मौत के नाले में तब्दील हो गया. ये नाला 12 साल के मासूम को निगल गया. 5 घंटे तक मासूम को नाले में तलाशने के बाद उसे बाहर निकाला गया. लेकिन जब बच्चा बाहर निकला तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

नाले मे बच्चा गिरा


जानिए क्या है पूरा मामला
गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में रहने वाला 12 साल का मासूम दीपांशु अब इस दुनिया में नहीं है. उसके परिवार की आंखें नम है. सरकारी लापरवाही ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया.

12 year old child falls into the drain in ghaziabad
बच्चे की मौत से परिवार में मातम


मामला विजय नगर का है. जहां पर सेंट टेरेसा स्कूल में पढ़ने वाला मासूम साइकिल पर पढ़ाई करके अपने घर लौट रहा था. गाजियाबाद में हुई बारिश की वजह से नाला ओवरफ्लो हो गया. जिसकी शिकायत पास के लोगों ने नगर निगम के पास की थी. लेकिन नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की. पानी नाले से बाहर आ गया था और बच्चा उसी में फिसल गया. साइकिल समेत बच्चा जब अंदर गया तो 12 साल की बच्ची ने उसे देख लिया था.


एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे को निकाला
इसके बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की मदद से बच्चे को बाहर निकाला गया. अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.


क्या कभी नहीं सुधरेगा सरकारी डिपार्टमेंट?
इस घटना से ये साफ होता है कि सरकारी डिपार्टमेंट सुधरने वाले नही हैं .इससे पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं. लेकिन प्रशासन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. नगर निगम ने पहले ही दावा किया था कि सभी नालों की सफाई कराई जा चुकी है लेकिन हकीकत क्या है वो इस घटना ने साफ कर दिया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बारिश के आते ही सामान्य नाला मौत के नाले में तब्दील हो गया. ये नाला 12 साल के मासूम को निगल गया. 5 घंटे तक मासूम को नाले में तलाशने के बाद उसे बाहर निकाला गया. लेकिन जब बच्चा बाहर निकला तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

नाले मे बच्चा गिरा


जानिए क्या है पूरा मामला
गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में रहने वाला 12 साल का मासूम दीपांशु अब इस दुनिया में नहीं है. उसके परिवार की आंखें नम है. सरकारी लापरवाही ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया.

12 year old child falls into the drain in ghaziabad
बच्चे की मौत से परिवार में मातम


मामला विजय नगर का है. जहां पर सेंट टेरेसा स्कूल में पढ़ने वाला मासूम साइकिल पर पढ़ाई करके अपने घर लौट रहा था. गाजियाबाद में हुई बारिश की वजह से नाला ओवरफ्लो हो गया. जिसकी शिकायत पास के लोगों ने नगर निगम के पास की थी. लेकिन नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की. पानी नाले से बाहर आ गया था और बच्चा उसी में फिसल गया. साइकिल समेत बच्चा जब अंदर गया तो 12 साल की बच्ची ने उसे देख लिया था.


एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे को निकाला
इसके बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की मदद से बच्चे को बाहर निकाला गया. अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.


क्या कभी नहीं सुधरेगा सरकारी डिपार्टमेंट?
इस घटना से ये साफ होता है कि सरकारी डिपार्टमेंट सुधरने वाले नही हैं .इससे पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं. लेकिन प्रशासन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. नगर निगम ने पहले ही दावा किया था कि सभी नालों की सफाई कराई जा चुकी है लेकिन हकीकत क्या है वो इस घटना ने साफ कर दिया है.

Intro:गाजियाबाद में बारिश आते ही सामान्य नाला मौत के नाले में तब्दील हो गया। और यह नाला 12 साल के मासूम को निगल गया। 5 घंटे तक मासूम की तलाश की गई। लेकिन बच्चा जब बाहर निकला तो मृत था। एक बार फिर सामने आ गया है कि सरकारी डिपार्टमेंट नहीं सुधरेंगे।



Body:गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में रहने वाला 12 साल का मासूम दीपांशु अब इस दुनिया में नहीं है। उसके परिवार की आंखें नम है। सरकारी लापरवाही उसे मौत के मुंह में ले गई। मामला विजय नगर इलाके का ही है।जहां पर सेंट टेरेसा स्कूल में पढ़ने वाला मासूम साइकिल पर पढ़ाई करके अपने घर लौट रहा था। गाजियाबाद में हुई बारिश की वजह से नाला ओवरफ्लो हो गया था। जिसकी शिकायत पास के लोगों ने नगर निगम के पास की थी। लेकिन नगर निगम ने कोई कार्यवाही नहीं की। पानी नाले से बाहर आ गया था और बच्चा उसी में फिसल गया। साइकिल समेत बच्चा जब अंदर गया तो 12 साल की बच्ची ने देख लिया। इसके बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। और करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की मदद से बच्चे को बाहर निकाला गया। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।


बाइट रविंद्र कुमार सीएमएस सरकारी जिला अस्पताल


घटना से साफ है कि सरकारी डिपार्टमेंट नहीं सुधरेंगे।इससे पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं। लेकिन प्रशासन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। नगर निगम ने पहले ही दावा कर दिया था कि सभी नालों की सफाई कराई जा चुकी है लेकिन हकीकत सामने आ चुकी है।





Conclusion:सवाल यह है कि बार-बार ऐसे हादसे होने के बावजूद भी क्यों सबक नहीं लिया जा रहा है। क्यों मासूम बच्चों की मौत के यह नाले खुले हुए हैं।आखिर कब तक बच्चों की जान जाती रहेगी और प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा।

Last Updated : Jul 22, 2019, 12:38 PM IST
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