नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिले के 110 ईंट भट्टों को बंद करने का आदेश दिया है. ये आदेश भट्टा मालिकों के जिगजैग तकनीक का प्रयोग ना करने की वजह से दिया गया है.
ईंच भट्टों को बंद किए जाने के संबंध में प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक कुमार राय ने बताया कि ईंट भट्टा मालिकों को ईंट भट्टों में जिगजैग तकनीक का प्रयोग करने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक इस तकनीक का प्रयोग नहीं किया गया है. जिसकी वजह से ईंट भट्टे को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं.
तकनीक का प्रयोग ना करना वजह
आपको बता दें कि जिले के 219 ईंट भट्टा संचालकों को डिफॉल्टर घोषित किया गया था. आदेश का पालन ना करने की वजह से अब तक 25 भट्टों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले ही बंद करवा चुका है. अब जो ईंट भट्टे निर्धारित मात्रा से ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं ऐसे ईंट भट्टों को बंद करने का आदेश दिया गया है, जो जिगजैग तकनीक का प्रयोग नहीं कर रहे हैं.
क्षेत्रीय अधिकारी विवेक कुमार राय ने बताया कि क्षेत्र के अन्य भट्टे जो निर्धारित मात्रा से ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन कर रहे हैं, उन्हें भी जल्द बंद कराया जाएगा. इसकी शुरुआत गाजियाबाद के शहरी इलाकों के भट्टों से की जाएगी.
गाजियाबाद शहर से सटे मुरादनगर और मसूरी डासना के कई इलाकों में अवैध रूप से ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है जिन्हें बंद कराया जाएगा.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोशिश
बता दें कि गाजियाबाद जिला पिछले दिनों से भारत के सबसे ज्यादा प्रदूषित जिलों में से एक रहा है. हालांकि जिला प्रशासन गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और नगर निगम यह लगातार दावा करते आया है कि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं.
इसी कड़ी में अब निर्धारित मात्रा से ज्यादा प्रदूषण फैला रहे अवैध ईंट भट्टों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है.