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गाजियाबाद में पॉकेट मनी बचाकर 10वीं की छात्रा ने बना दी लाइब्रेरी, पढ़ें ऐसा क्यों...

गाजियाबाद के डासना इलाके में 15 साल की एक बच्ची के प्रयास से एक पुराना जर्जर पड़ा बारात घर लाइब्रेरी में तब्दील हो गया. जिसका सोमवार को गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार ने उद्घाटन किया. इस लाइब्रेरी में लगभग हर कोर्स की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं.

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गरीब बच्चों के लिए लाइब्रेरी
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Published : Aug 15, 2022, 5:47 PM IST

Updated : Aug 15, 2022, 5:56 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : स्वतंत्रता दिवस पर 15 साल की छात्रा की मेहनत की वजह से एक पुराना जर्जर पड़ा बारात घर लाइब्रेरी में तब्दील हो गया. अब इस लाइब्रेरी में गरीब बच्चे आकर पढ़ाई करेंगे. यहां लगभग हर कोर्स की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं. 15 साल की छात्रा की इस पहल की तारीफ गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार ने भी की. स्वतंत्रता दिवस के दिन डीएम ने इस लाइब्रेरी का उद्घाटन किया.

डीएम राकेश कुमार सिंह ने डासना इलाके में पहुंचकर विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने 10वीं की छात्रा इशानी का जिक्र किया. इशानी के प्रयास से यह लाइब्रेरी बनकर तैयार हुई है. दिल्ली की रहने वाली छात्रा का कहना है कि उनकी मुलाकात गाजियाबाद की एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास से कुछ समय पहले हुई थी. उनसे बात करके पता चला कि गाजियाबाद और डासना के आसपास ऐसे बहुत से बच्चे हैं, जो किताबों के अभाव में अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं. यह सुनकर एहसास हुआ कि ऐसे गरीब बच्चों के लिए कुछ करना चाहिए.

गाजियाबाद में लाइब्रेरी का उद्घाटन

इशानी को समझ आया कि वह किसी इमारत में अगर लाइब्रेरी का निर्माण करवा सके, तो उसके लिए बेहतर होगा. उसने अपनी पॉकेट मनी में से कुछ रुपये बचाने शुरू किए. वह अपनी पॉकेट मनी जोड़कर बच्चों के लिए कुछ करना चाहती थी. इस बारे में उसने अपने माता-पिता को भी अवगत कराया. माता पिता ने बेटी की भावनाओं को समझा और सराहा.

इशानी ने पिता के साथ मिलकर प्रशासन को भी अपना सुझाव दिया. धीरे-धीरे उसने पॉकेट मनी बचाकर और अपने माता-पिता से मदद लेकर करीब एक लाख रुपए से ज्यादा एकत्रित कर लिए. इसके बाद वह अपने माता पिता की मदद से दोबारा एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास से मिली. एडीएम प्रशासन ने इशानी की पूरी मदद की और उनकी भावनाओं को सराहा. उन्होंने आश्वस्त किया कि पुराने बरात घर को लाइब्रेरी में तब्दील किया जाएगा.

ये भी पढ़ें : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गूगल ने बनाया रंग बिरंगा डूडल

प्रशासन की मदद से नगरपालिका को साथ में लेकर काम शुरू हुआ और आखिरकार लाइब्रेरी बन कर तैयार हो गई. पुराना जर्जर बारात घर अब किताब घर में तब्दील हो चुका है. जहां पर काफी किताबें हैं. 35 विद्यार्थी एक साथ बैठकर यहां पढ़ाई कर सकते हैं. 15 साल की इशानी 10वीं क्लास की छात्रा है. उनकी मां एक प्राइवेट स्कूल में उच्च पद पर हैं. लेकिन इशानी ने दिखा दिया कि दिल में अगर जज्बा हो तो सब कुछ मुमकिन हो सकता है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : स्वतंत्रता दिवस पर 15 साल की छात्रा की मेहनत की वजह से एक पुराना जर्जर पड़ा बारात घर लाइब्रेरी में तब्दील हो गया. अब इस लाइब्रेरी में गरीब बच्चे आकर पढ़ाई करेंगे. यहां लगभग हर कोर्स की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं. 15 साल की छात्रा की इस पहल की तारीफ गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार ने भी की. स्वतंत्रता दिवस के दिन डीएम ने इस लाइब्रेरी का उद्घाटन किया.

डीएम राकेश कुमार सिंह ने डासना इलाके में पहुंचकर विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने 10वीं की छात्रा इशानी का जिक्र किया. इशानी के प्रयास से यह लाइब्रेरी बनकर तैयार हुई है. दिल्ली की रहने वाली छात्रा का कहना है कि उनकी मुलाकात गाजियाबाद की एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास से कुछ समय पहले हुई थी. उनसे बात करके पता चला कि गाजियाबाद और डासना के आसपास ऐसे बहुत से बच्चे हैं, जो किताबों के अभाव में अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं. यह सुनकर एहसास हुआ कि ऐसे गरीब बच्चों के लिए कुछ करना चाहिए.

गाजियाबाद में लाइब्रेरी का उद्घाटन

इशानी को समझ आया कि वह किसी इमारत में अगर लाइब्रेरी का निर्माण करवा सके, तो उसके लिए बेहतर होगा. उसने अपनी पॉकेट मनी में से कुछ रुपये बचाने शुरू किए. वह अपनी पॉकेट मनी जोड़कर बच्चों के लिए कुछ करना चाहती थी. इस बारे में उसने अपने माता-पिता को भी अवगत कराया. माता पिता ने बेटी की भावनाओं को समझा और सराहा.

इशानी ने पिता के साथ मिलकर प्रशासन को भी अपना सुझाव दिया. धीरे-धीरे उसने पॉकेट मनी बचाकर और अपने माता-पिता से मदद लेकर करीब एक लाख रुपए से ज्यादा एकत्रित कर लिए. इसके बाद वह अपने माता पिता की मदद से दोबारा एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास से मिली. एडीएम प्रशासन ने इशानी की पूरी मदद की और उनकी भावनाओं को सराहा. उन्होंने आश्वस्त किया कि पुराने बरात घर को लाइब्रेरी में तब्दील किया जाएगा.

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प्रशासन की मदद से नगरपालिका को साथ में लेकर काम शुरू हुआ और आखिरकार लाइब्रेरी बन कर तैयार हो गई. पुराना जर्जर बारात घर अब किताब घर में तब्दील हो चुका है. जहां पर काफी किताबें हैं. 35 विद्यार्थी एक साथ बैठकर यहां पढ़ाई कर सकते हैं. 15 साल की इशानी 10वीं क्लास की छात्रा है. उनकी मां एक प्राइवेट स्कूल में उच्च पद पर हैं. लेकिन इशानी ने दिखा दिया कि दिल में अगर जज्बा हो तो सब कुछ मुमकिन हो सकता है.

Last Updated : Aug 15, 2022, 5:56 PM IST
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