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ये है 'बदबू की पाठशाला', स्कूल बन चुका है गंदा नाला!

प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर की सरकार चाहे सरकारी स्कूलों के हालात को लेकर कुछ भी कहे पर जमीनी सच्चाई कुछ और ही है. साथ ही एक तरफ प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान को लेकर इतने संजीदा दिखाई पड़ते हैं, पर सरकारी सकूलों में साफ-साफाई के हालात बहुत खराब है.

स्कूल बन चुका है गंदा नाला
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Published : Mar 27, 2019, 11:41 AM IST

फरीदाबाद: पृथला के अंतरगत आने वाले नरहावली गांव के सरकारी सकूल की हालत बद से बदतर होती जा रही है. जहां एक तरफ प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर को उंचा करने की बात कर रही है वहीं गांव को प्राइमरी सकूल इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहा है.

स्कूल बन चुका है गंदा नाला

दरअसल सकूल के ठिक बाहर गंदे पानी का नाला है और कभी-कभी तो ऐसा होता है कि गंदा पानी क्लास रूम तक आ जाता है. जिस वजह से कई बच्चों ने स्कूल आना भी बंद कर दिया है. कुछ बच्चे आते भी हैं तो गंदे पानी की दुर्गंध से ज्यादा देर तक नहीं रह पाते.

स्कूल बन चुका है गंदा नाला

स्कूल के अध्यापक नरेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल की ये हालत पिछले डेढ़ साल से ऐसी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इस बारे में गांव के सरपंच को कई बार अवगत करवाया गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. इसके अलावा एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी को भी लिखित रूप से स्कूल की इस हालत के बारे में बताया गया है. पर वहां से भी किसी तरह का समाधान हमें प्राप्त नहीं हुआ.

स्कूल बन चुका है गंदा नाला

गौरतलब है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों का ऐसा हाल बना हुआ है. ऐसे बदहाल स्कूल ही प्रदेश सरकार की शिक्षा नीतियों पर सवालिया निशान लगाते हैं. वहीं इस मामले में सरपंच और अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

फरीदाबाद: पृथला के अंतरगत आने वाले नरहावली गांव के सरकारी सकूल की हालत बद से बदतर होती जा रही है. जहां एक तरफ प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर को उंचा करने की बात कर रही है वहीं गांव को प्राइमरी सकूल इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहा है.

स्कूल बन चुका है गंदा नाला

दरअसल सकूल के ठिक बाहर गंदे पानी का नाला है और कभी-कभी तो ऐसा होता है कि गंदा पानी क्लास रूम तक आ जाता है. जिस वजह से कई बच्चों ने स्कूल आना भी बंद कर दिया है. कुछ बच्चे आते भी हैं तो गंदे पानी की दुर्गंध से ज्यादा देर तक नहीं रह पाते.

स्कूल बन चुका है गंदा नाला

स्कूल के अध्यापक नरेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल की ये हालत पिछले डेढ़ साल से ऐसी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इस बारे में गांव के सरपंच को कई बार अवगत करवाया गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. इसके अलावा एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी को भी लिखित रूप से स्कूल की इस हालत के बारे में बताया गया है. पर वहां से भी किसी तरह का समाधान हमें प्राप्त नहीं हुआ.

स्कूल बन चुका है गंदा नाला

गौरतलब है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों का ऐसा हाल बना हुआ है. ऐसे बदहाल स्कूल ही प्रदेश सरकार की शिक्षा नीतियों पर सवालिया निशान लगाते हैं. वहीं इस मामले में सरपंच और अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

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एंकर  --फरीदाबाद एक तरफ जहां हरियाणा सरकार प्रदेश में सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने में लगी है वहीं पृथला के अंतर्गत आने वाले नरहावली गांव के सरकारी प्राईमरी स्कूल इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहा है। स्कूल की हालत इस कद्र दयनीय है कि क्लास रुम तक गंदा पानी आने से बच्चों ने यहां आना बंद कर दिया और जो कुछ बच्चे भी आते है, वह भी बमुश्किल स्कूल में कुछ देर तक रह जाते है क्योंकि गंदे पानी से उठने वाली दुर्गंध से वह पढ़ाई की जगह बीमार जरुर हो रहे है। स्कूल के अध्यापक नरेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल की यह हालत पिछले डेढ़ सालों से ऐसी ही बनी हुई है। इस बारे में गांव के सरपंच को कई बार अवगत करवाया गया है परंतु कोई समाधान नहीं हुआ, इसके अलावा एसडीएम व जिला शिक्षा अधिकारी को भी लिखित में स्कूल की दयनीय हालत के बारे में अवगत करवाया गया और उन्होंने तीन दिन का समय भी मांगा था, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने बताया कि यह सारा गंदा पानी गांव का आता है, पहले गांव में दो घण्टे बिजली आती थी तो पानी कम आता था, अब बिजली पर्याप्त आती है, जिसके चलते पानी ज्यादा भरा हुआ है। 

बाइट-- नरेंद्र स्कूल के मुख्याध्यापक फाइल नं 2
 बाईट- रोहतास ,   ग्रामीण फाइल नं 3

वीओ- गौरतलब है कि नरहावली गांव के सरकारी प्राईमरी स्कूल ने एक बार फिर से सरकार की शिक्षा नीति पर सवालिया निशान लगा दिया है। सरकारी स्कूलों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए नित-नई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है, लेकिन आज भी गांवों में चलने वाले अधिकतर सरकारी स्कूल बदहाली की शिकार बनकर रह गए है। वहीं इस मामले में सरपंच और अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

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