नई दिल्ली/फरीदाबाद : सरकारी पैसे के दुरुपयोग के आरोपों घिरी तिगांव विधानसभा क्षेत्र की महिला खंड विकास अधिकारी बीडीपीओ पूजा शर्मा के खिलाफ सरकारी पैसे के दुरुपयोग और गबन का मुकदमा दर्ज होने के बाद सरकार ने कदम उठाते हुए बीडीपीओ पूजा शर्मा को ससपेंड कर दिया है.
पूजा शर्मा पर गांव मुजेड़ी में बिना विकास कार्य कराए और बिना बिल के करीब 70 लाख रुपए अपने ठेकेदार भाई की फर्म को भुगतान कराने का मामला पुलिस के द्वारा दर्ज किया गया है. उन्हें जिला पंचायत एवं विकास विभाग फरीदाबाद से अटैच कर दिया है. साथ ही वह बगैर उच्चाधिकारियों की अनुमति से हेडक्वार्टर छोड़कर नहीं जा सकेंगी.
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अधिकारी के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से अन्य विभागों के दागी अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है. माना जा रहा है कि अब पुलिस भी अपनी जांच प्रक्रिया तेज करेगी. जल्द ही इस अधिकारी की गिरफ्तारी भी संभव है. उधर विजिलेंस विभाग भी इनकी आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू कर चुकी है.
चारों ओर से कसते शिंकजे के कारण निलंबित अधिकारी छुट्टी पर चली गई हैं. भ्रष्टाचार के इस मामले को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से उठाया था. जिस पर सरकार ने एक्शन लिया है.
डीसी यशपाल यादव द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार ग्राम पंचायत मुजेडी में पूर्व सरपंच रानी, निलंबित ग्राम सचिव विजयपाल द्वारा जनवरी 2020 से मई 2020 तक दो करोड़ 32 लाख 46 हजार 767 रुपए की राशि बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के निकाली गई.
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उक्त राशि से करवाए गए कार्यो जैसे सिविल वर्क्स की जांच एक्सईएन पंचायतीराज, इलैक्टिकल वर्क्स की जांच एडीओ विद्युत पंचायती राज रोहतक से करवाई गई. जांच में ये बात सामने आई कि 23 लाख 33 हजार 896 रुपए व 45 लाख 68 अजार 040 रुपए अर्थात कुल राशि 69 लाख 01 हजार 936रुपए की वित्तीय हानि ग्राम पंचायत को पहुंचाई पाई गई है. मैसर्स फरहान इंटरप्राईजेज संतगुरू इंटरप्राइजेज को भुगतान में घोर अनियमिता बरती गई.
दर्ज एफआईआर के अनुसार शिव गंगा कान्ट्रैक्टर का मालिक ललित मोहन शर्मा उर्फ प्रिंस बीडीपीओ पूजा शर्मा के सगे भाई हैं. जांच रिपोर्ट से प्रतीत होता है कि पूर्व सरपंच रानी, निलंबित ग्राम सचिव विजयपाल, बीडीपीओ पूजा शर्मा ने अपने भाई के साथ मिलकर बगैर काम और बिल के ग्राम पंचायत मुजेडी को सरकारी हिदायतों की अवहेलना करते हुये 54 लाख रुपए के चैक जारी करके हानि पहुंचाने का आपराधिक षडयंत्र किया है. एफआईआर दर्ज होने के बाद सरकार ने बीडीपीओ पूजा शर्मा को सस्पेंड कर दिया.
डीसी ने पांच बिंदुओं पर की थी सस्पेंशन की सिफारिश:
डीसी यशपाल यादव ने कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पांच प्रमुख बिंदुओं पर बीडीपीओ को सस्पेंड करने की सिफारिश सरकार से की थी.
1- गांव मुजेडी की पंचायत से जनवरी 2020 से मई 2020 तक 2 करोड़ 32 लाख 46 हजार 767 रुपए बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के निकाले गए. जिसे रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता बताया गया है.
2- बीडीपीओ पूजा शर्मा द्वारा अपने सगे भाई की फर्म शिवगंगा कांट्रेक्टर के लिए ग्राम सचिव पर दबाव बनाकर 27- 27 लाख के दो चेक कटवाए गए. जिसके कोई बिल नहीं दिए गए और ना ही जमीन पर कोई काम हुआ.
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3- पंचायत पंच के जवाब में डीसी द्वारा दो बार पत्र लिखने के बाद भी पूजा शर्मा द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया. इतना ही नहीं डीसी ने पूजा शर्मा को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया लेकिन उसका भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया.
4- गांव नीमका की पंचायत द्वारा मास्क और सेनिटाइजर खरीदने के लिए 62 लाख 24 हजार 22 रुपये खर्च करने की भी लापरवाही सामने आई. हरियाणा सरकार की हिदायत के बाद भी ठीक ढंग से पालन नहीं किया गया.
5- ग्राम पंचायत मोठूका में सरपंच द्वारा अपने चहेतों को पंचायत की करीब 1 एकड़ जमीन बेचकर मोटी रकम हड़पने और उस जमीन पर हुए अवैध निर्माणों को ना हटाने, विजिलेंस जांच में बल्लभगढ़ एसडीएम द्वारा जवाब मांगने के मामले में भी बीडीपीओ पूजा शर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया. जिसे रिपोर्ट में गंभीर लापरवाही बताया गया है.
फरीदाबाद में भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई अधिकारियों को इस प्रकार के मामले में सस्पेंड किया जा सकता है.