नई दिल्ली/पलवल: नेशनल हाईवे-19 पर स्थित हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोई अपने बीवी बच्चों के साथ पैदल चल रहा है, तो कोई साइकिल से जा रहा है. देश में लगे लॉकडाउन की वजह से चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई है. भूख के चलते प्रवासी मजदूर अपने घर जाने को मजबूर हैं.
हरियाणा-यूपी बॉर्डर से यूपी रोडवेज की बसें इन प्रवासियों को लेकर आगे बढ़ रही हैं. लेकिन इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही मानवता का. एक बस में 80 से 100 लोगों को भेड़ बकरियों की तरह भरकर भेजा जा रहा है.
बस में भेड़-बकरियों की तरह भरे जा रहे लोग
मानेसर से मध्य प्रदेश जा रहे प्रवासी मजदूर कौशल पंडित ने बताया कि उनके साथ उनका पूरा परिवार है. वे पैदल मानेसर से यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर सरकार खाना तो दे रही है लेकिन उनके जाने के लिए उचित व्यवस्था नहीं की है. यहां पर सुबह से ही लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया. जब बस आई तो लोग भेड़ बकरियों की तरह बस में चढ़ गए. उन्होंने कहा कि मेरे साथ मेरा पूरा परिवार है. अब वो इस हालत में कैसे इस बस से जाएंगे.
मजदूरों का पलायन जारी
वहीं बिहार के एक प्रवासी मजदूर ने बताया कि वो गुरुग्राम राजीव चौक से एक प्राइवेट गाड़ी पर बैठकर यहां तक पहुंचे हैं. अपनी व्यथा बताते हुए मजदूर ने बताया कि गाड़ी के ड्राइवर ने उनसे दो हजार रुपये ले लिए. यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचने के बाद उसने मुझे उतारकर बोला कि पैदल तुम टोल के दूसरी तरफ आओ. उन्होंने बताया कि जब वो टोल के दूसरी तरफ पहुंचे तो ड्राइवर गाड़ी लेकर भाग चुका है.
लॉकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है. कोई हजारों किलोमीटर की यात्रा पर पैदल ही निकल गया है तो कोई ट्रकों में बैठकर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से पलायन कर रहा है. अब देखना यह होगा कि सरकार इन भूखे प्यासे प्रवासियों को कैसे घर पहुंचाती है.