नई दिल्ली/फरीदाबाद: कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए जिस सिरिंज का इस्तेमाल होगा, उसका फरीदाबाद की कंपनी हिंदुस्तान सिरिंज में युद्ध स्तर पर उत्पादन किया जा रहा है. रोजाना 24 लाख सिरिंज का उत्पादन लगातार 3 शिफ्टों में किया जा रहा है. किस तरह की होगी ये सिरिंज, कितने एमएल का लगेगा कोरोना का टीका और नॉर्मल सिरिंज से कैसे अलग होगी ये सिरिंज इससे जुड़े तमाम सवालों का जबाव दिया है कंपनी के चीफ जरनल मैनेजर प्रदीप सरीन ने.
प्रदीप सरीन ने बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए बनाई जा रही ये सिरिंज आम सिरिंज से बिल्कुल अलग है. उन्होंने बताया कि इसको केवल एक बार ही प्रयोग किया जा सकता है और दोबारा इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसको इस तरीके से बनाया गया है कि एक बार प्रयोग होते ही ये अपने आप अंदर से टूट जाएगी.
प्रदीप सरीन ने बताया कि हिंदुस्तान सिरिंज कंपनी के द्वारा इसकी सप्लाई दूसरे देशों में भी की जा रही है. कंपनी का दावा है कि भारत में उनके पास इसके लिए सप्लाई की कोई कमी नहीं है और जब कोरोना के लिए वैक्सीनेशन शुरु होगी तब पूरी मात्रा में इसकी सप्लाई की जाएगी. आपको बता दें कि 7 जनवरी को प्रदेश के कई जिलों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जाएगा जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी की हुई है.