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'कोरोना संकट की आड़ में सरकार कर रही विभागों का निजीकरण' - palwal news

पलवल में कर्मचारी संगठन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. कर्मचारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार उनके हक को खत्म कर रही है.

sarv karmchari sangh protest in palwal
पलवल न्यूज
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Published : Jul 5, 2020, 8:33 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: रविवार को पलवल के सभी ब्लाकों में सर्व कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार सभी विभागों में आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों को बाहर कर रही है, जिसको लेकर सरकार को ऐसा नहीं करने देगें.

कर्मचारी संगठन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

बता दें कि इन कर्मचारियों की कई मांग है, जिनमें कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना और आशा वर्करों, आंगनवाड़ी वर्करों का मानदेय बढ़ाना शामिल है. कर्मचारी संघ के जिला प्रधान दरयाब सिंह ने बताया कि सरकार कोरोना जैसी महामारी की आड़ में संघ के आग्रह को ठुकराते हुए मनमर्जी श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंप रही है.

हमारे हक को समाप्त किया जा रहा है. कर्मचारियों पर जबरन आर्थिक कटौती थोप दी गई है. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के कॉरपोरेटर्स को सौंपने का खुला ऐलान कर दिया है. इससे साफ है कि सरकार महामारी की आड़ में पहले से जारी नव उदारीकरण की नीतियों की ओर तेजी से लागू कर संपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है.

कर्मचारियों संगठनों ने कहा कि सरकार सभी विभागों में लगे कच्चे कर्मचारी और आउटसोर्र्स पर लगे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है और उनकी रोजी रोटी को समाप्त करना चाहती है. बिजली व प्रतिरक्षा जैसे अति आवश्यक विभागों सहित सभी पीएसयू को निजीकरण के लिए खोल दिया गया है.

कर्मचारियों ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेचना चाहती है. इसी कड़ी में सरकार को 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री मोदी के नाम सौंपा है.

कर्मचारियों ने बताया की बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने से उपभोगताओं पर इसका बुरा असर पड़ेगा. क्योंकी, निजी कम्पनी उपभोक्ताओं पर मनमानी से बिजली के बिलों का पैसा वसूलेगी और इसके साथ-साथ जो विभाग में कच्चे कर्मचारी हैं उनको बाहर कर देगी.

नई दिल्ली/पलवल: रविवार को पलवल के सभी ब्लाकों में सर्व कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार सभी विभागों में आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों को बाहर कर रही है, जिसको लेकर सरकार को ऐसा नहीं करने देगें.

कर्मचारी संगठन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

बता दें कि इन कर्मचारियों की कई मांग है, जिनमें कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना और आशा वर्करों, आंगनवाड़ी वर्करों का मानदेय बढ़ाना शामिल है. कर्मचारी संघ के जिला प्रधान दरयाब सिंह ने बताया कि सरकार कोरोना जैसी महामारी की आड़ में संघ के आग्रह को ठुकराते हुए मनमर्जी श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंप रही है.

हमारे हक को समाप्त किया जा रहा है. कर्मचारियों पर जबरन आर्थिक कटौती थोप दी गई है. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के कॉरपोरेटर्स को सौंपने का खुला ऐलान कर दिया है. इससे साफ है कि सरकार महामारी की आड़ में पहले से जारी नव उदारीकरण की नीतियों की ओर तेजी से लागू कर संपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है.

कर्मचारियों संगठनों ने कहा कि सरकार सभी विभागों में लगे कच्चे कर्मचारी और आउटसोर्र्स पर लगे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है और उनकी रोजी रोटी को समाप्त करना चाहती है. बिजली व प्रतिरक्षा जैसे अति आवश्यक विभागों सहित सभी पीएसयू को निजीकरण के लिए खोल दिया गया है.

कर्मचारियों ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेचना चाहती है. इसी कड़ी में सरकार को 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री मोदी के नाम सौंपा है.

कर्मचारियों ने बताया की बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने से उपभोगताओं पर इसका बुरा असर पड़ेगा. क्योंकी, निजी कम्पनी उपभोक्ताओं पर मनमानी से बिजली के बिलों का पैसा वसूलेगी और इसके साथ-साथ जो विभाग में कच्चे कर्मचारी हैं उनको बाहर कर देगी.

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