नई दिल्ली/करनाल: दिल्ली से करनाल वाया पानीपत और करनाल से दिल्ली जाने वाले यात्रियों का सफर सुहाना होगा. रैपिड ट्रेन से यात्रा का सपना एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) के आर.आर.टी.एस. (क्षेत्रीय त्वरित पारगमन सिस्टम) से साकार होगा. इस कॉरिडोर को करनाल तक बढ़ाया जा रहा है.
बुधवार को एनसीआरटीसी के मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास कुमार जैन ने उपायुक्त निशांत कुमार यादव के साथ इस विषय पर मीटिंग कर चर्चा की और प्रोजेक्ट को लेकर प्रेजेंटेशन दी. उनके साथ आरआरटीएस से जुड़े कुछ इंजीनियर भी थे.
मीटिंग में विकास जैन ने बताया कि हाई स्पीड रेल का प्रोजेक्ट पहले दिल्ली से पानीपत तक था, अब इसका करनाल तक विस्तार किया जा रहा है. इसके लिए डीपीआर बनेगी, दिल्ली-पानीपत की डीपीआर बन चुकी है, जो हरियाणा सरकार से अनुमोदित हो गई है.
अब पानीपत से करनाल की डीपीआर बनाई जाएगी. पहले इसे हरियाणा सरकार अनुमोदित करेगी, फिर इसके बाद भारत सरकार से अप्रूवल होगी. पानीपत से करनाल तक आरआरटीएस के प्रोजेक्ट पर करीब 6 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
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उन्होंने बताया कि डीपीआर से पहले टोपोग्राफी यानी स्थल की नक्शासाजी, ड्रॉन सर्वे और लैंड टैस्टिंग की जाएगी. कार्य शुरू होने पर ऐलीवेटिड पुल, डिपो और स्टेशन बनेंगे. पानीपत से दिल्ली तक करीब 17 स्टेशन और पानीपत से करनाल के लिए घरौंडा और करनाल के स्टेशन बनेंगे.
रैपिड ट्रेन से दिल्ली से करनाल का सफर करीब एक घंटे में पूरा होगा. इसकी डिजाइन स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई है, लेकिन ये 160 किलोमीटर प्रतिघंटा चलेगी. ट्रेन में हवाई जहाज की सीटों जैसी आरामदायक करीब 250 सीटें होंगी.
उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने के लिए सारा कार्य बड़ी तेजी से किया जा रहा है. प्रोजेक्ट की फिजीबल स्टडी और डीपीआर फाइनल होने के बाद आगामी अप्रैल-मई में हरियाणा के मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन दिखाई जाएगी. प्रशासन के साथ अगली मीटिंग ड्रोन सर्वे के बाद हो सकती है.
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