नई दिल्ली/फरीदाबाद: जिले में कमिश्नर का पदभार संभालने के बाद पहली बार फरीदाबाद पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने पत्रकार वार्ता की. जिसमें उन्होंने अपराधियों को जड़ से उखाड़ने की बात कही और कहा की पुलिस ने 300 छोटे और 42 बड़े अपराधियों की जन्म कुंडली तैयार की हैं. यानी कि उनका इशारा है कि अब पुलिस पूरी तरह से अपराध पर अंकुश लगाने के लिए तैयार है.
लेकिन पुलिस कमिश्नर के इन दावों पर कहीं ना कहीं सवाल उस समय खड़े हो जाते हैं जब विकास दुबे जैसा हिस्ट्रीशीटर फरीदाबाद में 3 दिन रुकने के बाद बड़ी आसानी से फरार हो जाता हैं और पुलिस लकीरें पीटते रहती हैं. हालांकि विकास दुबे को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में मारा गया था लेकिन उससे पहले वह फरीदाबाद में 3 दिन रहा और पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा.
'फरीदाबाद चैन स्नैचिंग और लूट की वारदातों के लिए मशहूर'
कमिश्नर ने जहां सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस और पब्लिक को जोड़ने की बात कही लेकिन सोशल मीडिया पर आए दिन फरीदाबाद में खुलेआम चैन स्नैचिंग और लूट की वारदातों की वीडियो वायरल होती रहती है और पुलिस के हाथ खाली रह जाते हैं.
पत्रकार वार्ता में कमिश्नर केवल पुलिस की उपलब्धियां ही दिन आते रहे जबकि शहर में हो रही वारदातों को लेकर बहुत ही कम बातों पर उन्होंने जिक्र किया. बहराल कमिश्नर की बातों का पुलिस पर कितना प्रभाव पड़ेगा और उनके इस नए तेवर से फरीदाबाद पुलिस में कितना बदलाव होगा ये देखने वाली बात होगी. लेकिन वर्तमान में फरीदाबाद चैन स्नैचिंग और लूट की वारदातों के लिए मशहूर हो चुका हैं.