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फरीदाबाद: शुगर मिल बंद होने के कारण किसानों को हो रही परेशानी

पलवल शुगर मिल बंद होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों द्वारा पिराई सत्र में गन्ना मिल में देने के बाद खेतों में गेहूं की फसल बोई जाती है.

शुगर मिल बंद होने के कारण किसानों को हो रही परेशानी
palwal sugar mill closed after inauguration
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Published : Dec 23, 2019, 9:17 AM IST

Updated : Dec 23, 2019, 1:27 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: पलवल में शुगर मिल बंद होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.12 दिसंबर को कैबिनेट मंत्री बनवारी ने शुगर मिल का उद्घाटन किया था, वो उद्घाटन के बाद ही बंद हो गई. बंद होने के बाद जब मिल को दोबारा चलाया गया तो वो बार-बार ब्रेक डाउन होती रही. जिसकी भरपाई किसानों को नुकसान उठाकर करनी पड़ रही है.

शुगर मिल बंद होने के कारण किसानों को हो रही परेशानी

इन किसानों द्वारा पिराई सत्र में गन्ना मिल में देने के बाद खेतों में गेहूं की फसल बोई जाती है. बार-बार मशीनों में आ रही खराबी के चलते किसान खेत में खड़े गन्ने की फसल को नहीं काट पा रहा है.

इनेलो नेता ने भ्रष्टाचार के लगाए आरोप
बता दें कि इस शुगर मिल की देखरेख के लिए जो सरकार ने 20 करोड़ रुपये जारी किए थे. इनेलो नेता ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए.

नरेश कुमार ने मांगी 5 दिनों की मोहलत
वहीं इस पूरे मामले पर शुगर मिल के नए एमडी नरेश कुमार ने किसानों से मीटिंग करके 5 दिन की मोहलत मांगी है. उन्होंने कहा कि इस दौरान मिल में आ रही कमियों को दूर करके एक बार फिर नए जोश और उत्साह के साथ मिल को चलाने के प्रयास किए जाएंगे.

लेकिन तब तक करोड़ों रुपये का नुकसान मिल को हो चुका होगा. नरेश कुमार के अनुसार 17500 गन्ने की 20 दिसंबर तक पिराई की गई है. पिछले साल इसी समय में 4,44,000 क्विंटल गन्ने की पिराई शुगर मिल में हो चुकी थी.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: पलवल में शुगर मिल बंद होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.12 दिसंबर को कैबिनेट मंत्री बनवारी ने शुगर मिल का उद्घाटन किया था, वो उद्घाटन के बाद ही बंद हो गई. बंद होने के बाद जब मिल को दोबारा चलाया गया तो वो बार-बार ब्रेक डाउन होती रही. जिसकी भरपाई किसानों को नुकसान उठाकर करनी पड़ रही है.

शुगर मिल बंद होने के कारण किसानों को हो रही परेशानी

इन किसानों द्वारा पिराई सत्र में गन्ना मिल में देने के बाद खेतों में गेहूं की फसल बोई जाती है. बार-बार मशीनों में आ रही खराबी के चलते किसान खेत में खड़े गन्ने की फसल को नहीं काट पा रहा है.

इनेलो नेता ने भ्रष्टाचार के लगाए आरोप
बता दें कि इस शुगर मिल की देखरेख के लिए जो सरकार ने 20 करोड़ रुपये जारी किए थे. इनेलो नेता ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए.

नरेश कुमार ने मांगी 5 दिनों की मोहलत
वहीं इस पूरे मामले पर शुगर मिल के नए एमडी नरेश कुमार ने किसानों से मीटिंग करके 5 दिन की मोहलत मांगी है. उन्होंने कहा कि इस दौरान मिल में आ रही कमियों को दूर करके एक बार फिर नए जोश और उत्साह के साथ मिल को चलाने के प्रयास किए जाएंगे.

लेकिन तब तक करोड़ों रुपये का नुकसान मिल को हो चुका होगा. नरेश कुमार के अनुसार 17500 गन्ने की 20 दिसंबर तक पिराई की गई है. पिछले साल इसी समय में 4,44,000 क्विंटल गन्ने की पिराई शुगर मिल में हो चुकी थी.

Intro:एंकर :---- पलवल शुगर मिल का गत 12 दिसंबर को माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ बनवारी लाल ने विधिवत उद्घाटन किया था । लेकिन उसके तुरंत बाद ही मिल बंद हो गई थी ।उसके बाद 12 तारीख से लेकर 20 तारीख तक मिल को बार बार चलाया गया। लेकिन मिल बार-बार ब्रेकडाउन होती रही। यहां तक कि 20 दिसंबर तक शुगर मिल के अंदर करीब साढे सत्रह हजार क्विंटल गन्ने की पिराई हो चुकी है । लेकिन अभी तक एक दाना भी चीनी का नहीं बना है। अनुमान के तौर पर शुगर मिल नहीं चल पाने के कारण अभी तक करीब 4 से 5 करोड रुपए का नुकसान मिल को हो चुका है। और किसानों को जो भारी नुकसान हुआ है उसका अनुमान लगाना अभी बाकी है।

Body:वी / ओ 1 पलवल की शुगर मिल अक्षर अक्टूबर के महीने में चल जाया करती थी लेकिन इस बार मिल 12 दिसंबर को प्रदेश के सहकारिता मंत्री सहकारिता मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल के हाथों कराया गया था लेकिन उद्घाटन के तुरंत बाद ही मिल को बंद कर दिया गया उसके अगले दिन जब मिल को चलाया तो मात्र दो-तीन घंटे चलने के बाद में मिल को फिर बंद कर देना पड़ा उसके बाद बार-बार मिल को चलाया गया लेकिन मिल बार-बार ब्रेकडाउन होती रही जिसका कारण बॉयलर और टरबाइन का आपस में तारतम में ठीक नहीं होना बताया जा रहा है जिसके कारण मिल को चलाने के लिए पिछले 15 दिनों से लगातार जनरेटर को चलाया जा रहा है जिसका प्रति घंटे करीब ढाई से ₹3000 केवल डीजल का खर्च पड़ता है।
वी/ओ 2 पलवल शुगर मिल को गन्ना देने वाले किसानों को इस बार गन्ने की बिजाई करनी काफी भारी पड़ रही है । मिल नहीं चलने के कारण किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा हुआ है, जिसके कारण गन्ने के खेत में फसल परिवर्तन के रूप में दूसरी फसल रुप में दूसरी फसल बोने का किसानों के पास में खेत खाली छोड़ने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा है ।वही शुगर मिल चलने की सूचना के बाद सैकड़ों किसानों ने अपने खेतों में गन्ने की कटाई करने के बाद सिलाई कर ली थी लेकिन अब उन किसानों का गन्ना खेतों में ही पड़ा सूख रहा है जिसका नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है।

वी/ओ 3 पलवल शुगर मिल की क्षमता बढ़ाने तथा मेंटिनेंस के लिए ₹190000000 दिए गए थे जिसमें से ₹120000000 मेंटेनेंस के रूप में शुगर मिल पलवल पर खर्च कर दिया गया लेकिन ₹120000000 लगाए जाने के बाद भी बिल का रिजल्ट बिल्कुल जीरो है। मिल के अंदर करीब साढे 17000 क्विंटल गन्ने की पिराई के बावजूद भी मिल के अंदर एक दाना भी चीनी का नहीं बन पाया है जो बहुत बड़ा घटा है सूत्रों के अनुसार मिल में पहले करीब 6000 क्विंटल गन्ने का रस तो नालियों में ही बह गया था इतनी बड़ी लीकेज के बारे में मिल प्रबंधन तथा कर्मचारियों को काफी देरी से जानकारी हो पाई थी। उसके बाद उस लीकेज को बंद किया गया। लेकिन केवल यही एक नुकसान नहीं मिल का बॉयलर तथा टरबाइन मिल को बार-बार धोखा दे रहे हैं । जिसके कारण मिल के अंदर गन्ने की पिराई नहीं हो पा रही है ।और बिल को मजबूरन प्रशासनिक अधिकारियों ने 5 दिन के लिए बंद कर दिया है बताया गया है कि शुगर मिल के नए एमडी नरेश कुमार ने किसानों से मीटिंग करके बिल्कुल बिल्कुल ठीक करने के लिए 5 दिन की मोहलत मांगी है। इस दौरान मिल में आ रही कमियों को दूर करके एक बार फिर नए जोश और उत्साह के साथ मिल को चलाने के प्रयास किए जाएंगे ।लेकिन तब तक करोड़ों रुपए का नुकसान मिल को हो चुका होगा।
पलवल शुगर मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर नरेश कुमार के अनुसार साडे 17000 क्विंटल गन्ने की 20 दिसंबर तक पिराई की गई है। गत वर्ष इसी पीरियड में 444000 क्विंटल गन्ने की पिराई शुगर मिल में हो चुकी थी। एमडी नरेश कुमार किसानों तथा इंडियन नेशनल लोकदल के जिला अध्यक्ष बॉबी के भ्रष्टाचार के आरोपों को नकार सारे सिरे से नकारते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया कोई दोष नजर नहीं आ रहा है लेकिन फिर भी मामले की गहनता से पड़ताल की जाएगी गौरतलब है कि पलवल शुगर मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर नरेश कुमार ने अभी मात्र 3 दिन पहले ही शुगर मिल का एमडी पद का चार्ज संभाला है। एचसीएस प्रमोट होने के बाद पहली बार शुगर मिल पलवल के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में एचसीएस अधिकारी का कार्यभार संभाल रहे हैं। एमपी शुगर मिल ने माना कि काफी लेप्सस रहे है। लेकिन प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार का कोई मामला दिखाई नहीं दे रहा है।

बाइट नंबर 5 मोहन लाल शर्मा सदस्य कृषक समाज पलवल
फाइल नंबर 6 बॉबी सिंह जिला अध्यक्ष इंडियन नेशनल लोकदल कहा सोमवार तक मिल ठीक से नहीं चली तो इंडियन नेशनल लोक दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे

फाइल नंबर 7 मैनेजिंग डायरेक्टर शुगर मिल पलवल नरेश कुमार एचसीएस
Conclusion:hr_pal_03_sugar_mill_band_visual_bite_hrc10002
Last Updated : Dec 23, 2019, 1:27 PM IST
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