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कृषि विधेयक के समर्थन में पलवल के किसान, बोले- अब मिली पूरी आजादी - पलवल किसान कृषि विधेयक

बहीन गांव के किसान टेकचंद ने बताया कि कृषि अध्यादेश लागू कर सरकार ने किसानों के हित में सही निर्णय लिया है. किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है.

कृषि विधेयक के समर्थन में पलवल के किसान, बोले- अब मिली पूरी आजादी
palwal farmers reaction on agriculture bills
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Published : Sep 25, 2020, 2:00 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: कृषि विधेयकों पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां कई किसान संगठनों की ओर से आज भारत बंद का आह्वान किया गया है तो वहीं कई किसान ऐसे भी हैं, जो कृषि विधेयकों के पास होने से खुश हैं. पलवल के किसानों में कृषि विधेयक पारित होने से खुशी की लहर है. किसानों ने कहा कि कृषि विधेयकों से देश में किसान अपनी फसल और उत्पाद को कहीं भी बेच सकते हैं.

विधेयक के समर्थन में किसान

बहीन गांव के किसान टेकचंद ने बताया कि कृषि अध्यादेश लागू कर सरकार ने किसानों के हित में सही निर्णय लिया है. किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है. पहले किसान अपनी फसल को सिर्फ अपने ही क्षेत्र में बेच सकते थे, लेकिन अब कृषि विधेयकों के आने के बाद किसान अपनी इच्छा के अनुसार अपनी फसल को बेच सकता है.

वहीं पृथला गांव के किसान धर्मवीर सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार किसान हितैषी सरकार है. सरकार ने कृषि विधेयक पारित कर किसानों को फसल बेचने की आजादी प्रदान की है. कानून के अनुसार किसान अपनी फसल को किसी भी मंडी में उचित मूल्य पर बेच सकता है.

क्या है विधेयक में

बता दें कि कृषि से संबंधित तीन विधेयक केंद्र सरकार की ओर से लाए गए हैं, जिनमें कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश, 2020, किसानों का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं अध्यादेश, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, 2020 शामिल हैं.

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 किसानों को अपने उत्पाद कहीं भी बेचने की आजादी देता है. ये अध्यादेश कृषि उपज की ऑनलाइन खरीद-बिक्री को भी मान्यता देता है और राज्य सरकारों को किसानों, व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक व्यापार प्लेटफार्मों से किसी भी तरह शुल्क लेने से भी रोकता है.

नई दिल्ली/पलवल: कृषि विधेयकों पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां कई किसान संगठनों की ओर से आज भारत बंद का आह्वान किया गया है तो वहीं कई किसान ऐसे भी हैं, जो कृषि विधेयकों के पास होने से खुश हैं. पलवल के किसानों में कृषि विधेयक पारित होने से खुशी की लहर है. किसानों ने कहा कि कृषि विधेयकों से देश में किसान अपनी फसल और उत्पाद को कहीं भी बेच सकते हैं.

विधेयक के समर्थन में किसान

बहीन गांव के किसान टेकचंद ने बताया कि कृषि अध्यादेश लागू कर सरकार ने किसानों के हित में सही निर्णय लिया है. किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है. पहले किसान अपनी फसल को सिर्फ अपने ही क्षेत्र में बेच सकते थे, लेकिन अब कृषि विधेयकों के आने के बाद किसान अपनी इच्छा के अनुसार अपनी फसल को बेच सकता है.

वहीं पृथला गांव के किसान धर्मवीर सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार किसान हितैषी सरकार है. सरकार ने कृषि विधेयक पारित कर किसानों को फसल बेचने की आजादी प्रदान की है. कानून के अनुसार किसान अपनी फसल को किसी भी मंडी में उचित मूल्य पर बेच सकता है.

क्या है विधेयक में

बता दें कि कृषि से संबंधित तीन विधेयक केंद्र सरकार की ओर से लाए गए हैं, जिनमें कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश, 2020, किसानों का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं अध्यादेश, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, 2020 शामिल हैं.

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 किसानों को अपने उत्पाद कहीं भी बेचने की आजादी देता है. ये अध्यादेश कृषि उपज की ऑनलाइन खरीद-बिक्री को भी मान्यता देता है और राज्य सरकारों को किसानों, व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक व्यापार प्लेटफार्मों से किसी भी तरह शुल्क लेने से भी रोकता है.

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