नई दिल्ली/फरीदाबाद: केंद्र सरकार ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने इन शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता लेने के लिए आवेदन मांगे हैं. सरकार के इस फैसले से फरीदाबाद में 13 साल पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत और कराची से पहुंचे सिख शरणार्थी (sikh refugees haryana) काफी खुश हैं.
इन शरणार्थियों का कहना है कि उनकी मांग अब पूरी होने जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून के बाद अब भारतीय नागरिक (citizenship amendment act) कहलाए जाएंगे. शरणार्थियों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार (pakistan government) द्वारा उन पर तरह-तरह के जुल्म किए जाते थे. आज भी उस वक्त को याद कर इन लोगों में सिहरन पैदा हो जाती है.
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इनका कहना है कि पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम (non muslims in pakistan) लोगों पर तरह-तरह से जुर्म किए जाते हैं. उन्हें हर तरीके से परेशान किया जाता है. 2008 में वो भारत का वीजा लेकर यहां पहुंचे थे और तभी से फरीदाबाद के एनआईटी तीन नंबर में 12 परिवार रह रहे हैं. मेहनत मजदूरी कर अपने परिवारों का पेट पाल रहे हैं.
शरणार्थी सुखविंदर ने बताया कि वो पिछले 13 साल से भारत में रह रहे हैं, लेकिन उनके पास अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं है. अब सरकार द्वारा आवेदन मांगे जाने के बाद उनकी उम्मीद बढ़ गई है. इन लोगों ने भारत सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर की है.
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