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राख उड़ने से प्रदूषण फैलने पर रिपोर्ट पेश करे फरीदाबाद प्रशासन: NGT

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फरीदाबाद के डीएम को एक महीने के भीतर इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

NGT की खबर ETV BHARAT
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Published : Sep 24, 2019, 9:17 PM IST

नई दिल्ली: एनजीटी ने फरीदाबाद जिले में हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के थर्मल पावर प्लांट से हवा में राख उड़ने के मामले में रिपोर्ट तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2020 को होगी.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फरीदाबाद के डीएम को एक महीने के भीतर इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

NGT एक्ट 2010 के मुताबिक कार्रवाई
एनजीटी ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस आदेश के अनुपालन के समन्वय के लिए नोडल एजेंसी होगी. एनजीटी ने कहा कि उसके आदेशों का पालन कोर्ट की डिक्री के रुप में की जाए और आदेश का पालन नहीं करने पर एनजीटी एक्ट 2010 के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.

लोगों को हो रही सांस संबंधित बीमारियां
याचिका हरियाणा निवासी सागर भूटानी ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि हरियाणा पावर जेनरेशन कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित एक थर्मल प्लांट से हवा में राख उड़ रही है. इससे फरीदाबाद के सेक्टर 49 में रहने वाले लोगों को सांस की बीमारियां हो रही हैं.
इस संयंत्र को 2011 में बंद कर दिया था लेकिन 2016 में सरकार ने इसके राख को किसी और निर्माण स्थल ले जाने की इजाजत दे दी थी. याचिकाकर्ता ने अपने दावे के पक्ष में समाचारपत्र की रिपोर्ट भी संलग्न की है.

याचिका में कहा गया है कि फरीदाबाद-गुड़गांव हाईवे के आस पास रहने वाले लोगों को राख के प्रदूषण की वजह से सांस की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. फरीदाबाद के सेक्टर 49 में लाखों टन राख डंप किए गए हैं. इससे 6 कालोनियों और गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं.

नई दिल्ली: एनजीटी ने फरीदाबाद जिले में हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के थर्मल पावर प्लांट से हवा में राख उड़ने के मामले में रिपोर्ट तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2020 को होगी.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फरीदाबाद के डीएम को एक महीने के भीतर इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

NGT एक्ट 2010 के मुताबिक कार्रवाई
एनजीटी ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस आदेश के अनुपालन के समन्वय के लिए नोडल एजेंसी होगी. एनजीटी ने कहा कि उसके आदेशों का पालन कोर्ट की डिक्री के रुप में की जाए और आदेश का पालन नहीं करने पर एनजीटी एक्ट 2010 के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.

लोगों को हो रही सांस संबंधित बीमारियां
याचिका हरियाणा निवासी सागर भूटानी ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि हरियाणा पावर जेनरेशन कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित एक थर्मल प्लांट से हवा में राख उड़ रही है. इससे फरीदाबाद के सेक्टर 49 में रहने वाले लोगों को सांस की बीमारियां हो रही हैं.
इस संयंत्र को 2011 में बंद कर दिया था लेकिन 2016 में सरकार ने इसके राख को किसी और निर्माण स्थल ले जाने की इजाजत दे दी थी. याचिकाकर्ता ने अपने दावे के पक्ष में समाचारपत्र की रिपोर्ट भी संलग्न की है.

याचिका में कहा गया है कि फरीदाबाद-गुड़गांव हाईवे के आस पास रहने वाले लोगों को राख के प्रदूषण की वजह से सांस की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. फरीदाबाद के सेक्टर 49 में लाखों टन राख डंप किए गए हैं. इससे 6 कालोनियों और गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं.

Intro:नई दिल्ली ।नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने फरीदाबाद जिले में हरियाणा पावर जेनरेशन कारपोरेशन लिमिटेड के थर्मल पावर प्लांट से हवा में राख उड़ने के मामले में रिपोर्ट तलब किया है।एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फरीदाबाद के डीएम को एक महीने के भीतर इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2020 को होगी।



Body:एनजीटी ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस आदेश के अनुपालन के समन्वय के लिए नोडल एजेंसी होगी। एनजीटी ने कहा कि उसके आदेशों का पालन कोर्ट की डिक्री के रुप में की जाए और आदेश का पालन नहीं करने पर एनजीटी एक्ट 2010 के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
याचिका हरियाणा निवासी सागर भूटानी ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि हरियाणा पावर जेनरेशन कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित एक थर्मल प्लांट से हवा में राख उड़ रही है। इससे फरीदाबाद के सेक्टर 49 में रहने वाले लोगों को सांस की बीमारियां हो रही हैं। इस संयंत्र को 2011 में बंद कर दिया था लेकिन 2016 में सरकार ने इसके राख को किसी और निर्माण स्थल ले जाने की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ता ने अपने दावे के पक्ष में समाचारपत्र की रिपोर्ट भी संलग्न की है।



Conclusion:याचिका में कहा गया है कि फरीदाबाद-गुड़गांव हाईवे के आस पास रहनेवाले लोगों को राख के प्रदूषण की वजह से सांस की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। फरीदाबाद के सेक्टर 49 में लाखों टन राख डंप किए गए हैं। इससे छह कालोनियों और गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं।
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