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फरीदाबाद: आठ हजार रुपये की रिश्वत लेते आउटसोर्सिंग निगम कर्मी गिरफ्तार

विजिलेंस की टीम ने रिश्वत के आरोप में नगर निगम में एडवरटाइजिंग विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है.

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Published : Feb 20, 2021, 3:27 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: विज्ञापन लगवाने के बदले आठ हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस ने नगर निगम में एडवरटाइजिंग विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी नरेंद्र शिकायतकर्ता से दो हजार रुपये एडवांस भी ले चुका था.

आरोपी दस दिन का विज्ञापन निगम के पोल पर लगवाने के लिए रोज के एक हजार रुपये की मांग कर रहा था. पकड़ा गया आरोपी कैथल जिले के गांव जुलानी खेड़ा का रहने वाला है. वो साल 2013-14 में आउटसोर्सिंग पर भर्ती हुआ था.

यही नहीं नरेंद्र एक सत्ताधारी राजनेता का करीबी भी बताया जा रहा है. विजिलेंस इंस्पेक्टर त्रिभुवन शर्मा ने बताया कि गांव खेड़ी निवासी अमर सिंह अपना कोई विज्ञापन निगम के पोल पर लगवाना चाहते थे. जब उन्होंने विज्ञापन विभाग में संपर्क किया तो वहां आउटसोर्सिंग कर्मचारी नरेंद्र कुमार (क्लर्क) मिला.

ये भी पढ़ें- बाबा रामदेव के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत, भ्रमित विज्ञापन देने का आरोप

उसने दस दिन के विज्ञापन के लिए रोज एक हजार के हिसाब से दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी. शिकायतकर्ता उसे दो हजार रुपये एडवांस भी दे दिए थे. इसके बाद शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना विजिलेंस को दी. विजिलेंस ने केस दर्ज कर उसे रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई. विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर के अनुसार आरोपी एनआईटी स्थित नगर निगम मुख्यालय के रूम नंबर 47 में बैठा था.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: विज्ञापन लगवाने के बदले आठ हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस ने नगर निगम में एडवरटाइजिंग विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी नरेंद्र शिकायतकर्ता से दो हजार रुपये एडवांस भी ले चुका था.

आरोपी दस दिन का विज्ञापन निगम के पोल पर लगवाने के लिए रोज के एक हजार रुपये की मांग कर रहा था. पकड़ा गया आरोपी कैथल जिले के गांव जुलानी खेड़ा का रहने वाला है. वो साल 2013-14 में आउटसोर्सिंग पर भर्ती हुआ था.

यही नहीं नरेंद्र एक सत्ताधारी राजनेता का करीबी भी बताया जा रहा है. विजिलेंस इंस्पेक्टर त्रिभुवन शर्मा ने बताया कि गांव खेड़ी निवासी अमर सिंह अपना कोई विज्ञापन निगम के पोल पर लगवाना चाहते थे. जब उन्होंने विज्ञापन विभाग में संपर्क किया तो वहां आउटसोर्सिंग कर्मचारी नरेंद्र कुमार (क्लर्क) मिला.

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उसने दस दिन के विज्ञापन के लिए रोज एक हजार के हिसाब से दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी. शिकायतकर्ता उसे दो हजार रुपये एडवांस भी दे दिए थे. इसके बाद शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना विजिलेंस को दी. विजिलेंस ने केस दर्ज कर उसे रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई. विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर के अनुसार आरोपी एनआईटी स्थित नगर निगम मुख्यालय के रूम नंबर 47 में बैठा था.

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