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अवैध बिल्डिंग तोड़ने पहुंचा था निगम, बजा फोन और रुक गई कार्रवाई

2 दिन पहले भी नगर निगम का यही दस्ता बिना पुलिस फोर्स के बिल्डिंग को धराशायी करने के लिए पहुंचा था, लेकिन लोगों के भारी आक्रोश के सामने उनको अपनी तोड़फोड़ की कार्रवाई रोककर वापस लौटना पड़ा था.

अवैध बिल्डिंग तोड़ने पहुंचा था नगर निगम का दस्ता, फोन की घंटी बजी और रुक गई कार्रवाई
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Published : Mar 25, 2019, 7:09 PM IST

Updated : Mar 25, 2019, 11:24 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: ज्वाइंट कमिश्नर के नेतृत्व में अवैध रूप से बनी हुई बिल्डिंग को तोड़ने के लिए पहुंचा नगर निगम का दस्ता बैरंग वापस लौट आया. भारी पुलिस बल के साथ तोड़फोड़ दस्ता कार्रवाई करने पहुंचा था. लेकिन बीच में ही किसी का फोन आने के बाद तुरंत ही कार्रवाई रोक दी गई.

अवैध बिल्डिंग तोड़ने पहुंचा था नगर निगम का दस्ता, फोन की घंटी बजी और रुक गई कार्रवाई

महज खानापूर्ति करते हुए अवैध निर्माणकर्ता से एक सादे पेपर पर एफिडेविट के नाम पर एक कागज लेकर वापस हो गए. जब मीडिया ने अवैध निर्माण ना तोड़ने की बात पर ज्वाइंट कमिश्नर से सवाल किया तो उन्होंने भी कैमरे पर माना की बिल्डिंग का निर्माण अवैध है, लेकिन बिना कर्रवाई पूरी किए जब उनसे लौटने की वजह पूछीतो वेकैमरे पर बगलें झांकते नजर आए. मीडिया के सवालों परकैमरे से मुंह छुपाते हुए अपनी गाड़ी मे बैठ कर निकल गए.

2 दिन पहले भी नगर निगम का यही दस्ता बिना पुलिस फोर्स के बिल्डिंग को धाराशायीकरने के लिए पहुंचा था, लेकिन लोगों के भारी आक्रोश के सामने उनको अपनी तोड़फोड़ की कार्रवाई रोककर वापस लौटना पड़ा था.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: ज्वाइंट कमिश्नर के नेतृत्व में अवैध रूप से बनी हुई बिल्डिंग को तोड़ने के लिए पहुंचा नगर निगम का दस्ता बैरंग वापस लौट आया. भारी पुलिस बल के साथ तोड़फोड़ दस्ता कार्रवाई करने पहुंचा था. लेकिन बीच में ही किसी का फोन आने के बाद तुरंत ही कार्रवाई रोक दी गई.

अवैध बिल्डिंग तोड़ने पहुंचा था नगर निगम का दस्ता, फोन की घंटी बजी और रुक गई कार्रवाई

महज खानापूर्ति करते हुए अवैध निर्माणकर्ता से एक सादे पेपर पर एफिडेविट के नाम पर एक कागज लेकर वापस हो गए. जब मीडिया ने अवैध निर्माण ना तोड़ने की बात पर ज्वाइंट कमिश्नर से सवाल किया तो उन्होंने भी कैमरे पर माना की बिल्डिंग का निर्माण अवैध है, लेकिन बिना कर्रवाई पूरी किए जब उनसे लौटने की वजह पूछीतो वेकैमरे पर बगलें झांकते नजर आए. मीडिया के सवालों परकैमरे से मुंह छुपाते हुए अपनी गाड़ी मे बैठ कर निकल गए.

2 दिन पहले भी नगर निगम का यही दस्ता बिना पुलिस फोर्स के बिल्डिंग को धाराशायीकरने के लिए पहुंचा था, लेकिन लोगों के भारी आक्रोश के सामने उनको अपनी तोड़फोड़ की कार्रवाई रोककर वापस लौटना पड़ा था.

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एंकर-: फरीदाबाद में ज्वाइंट कमिश्नर के नेतृत्व में अवैध रूप से बनी हुई बिल्डिंग को तोड़ने के लिए पहुंचा नगर निगम का दस्ता  बैरंग ही वापस लौट आया ,भारी पुलिस बल के साथ तोड़फोड़ दस्ता कार्रवाई करने तो पहुंचा था लेकिन बीच में ही किसी का फोन आने के बाद तुरंत ही कार्रवाई रोक दी गई और महज खानापूर्ति करते हुए अवैध निर्माणकर्ता से एक सादे पेपर पर एफिडेविट के नाम पर एक कागज लिया और वापस हो लिए। जब मीडिया ने अवैध निर्माण ना तोड़ने की बाबत ज्वाइंट कमिश्नर से सवाल किया तो उन्होने भी कैमरे पर माना की बिल्डिंग का निर्माण अवैध है लेकिन बिना करवाई पूरी किए जब उनसे लौटने की वजह पुछि तो वह कैमरे पर बगलें झांकते नजर आये और मीडिया के सवालों से कैमरे से मुंह छुपाते हुए अपनी गाड़ी मे बैठ कर निकल लिए।


वी ओ- तस्वीरों में दिखाई दे रहे यह नगर निगम का तोड़फोड़ दस्ता है जो  भारी लाव लश्कर के साथ फरीदाबाद के दो नंबर इलाके में पहुंचा था नगर निगम का तोड़फोड़ दस्ता पहुंचा तो एक अवैध निर्माण को तोडने के लिए लेकिन राजनीतिक और अधिकारिक दबाव के चलते उन्हें वापस बैरंग ही लौटना पड़ा ।आपको बता दें कि 2 दिन पहले भी नगर निगम का यही दस्ता बिना पुलिस फोर्स के बिल्डिंग को धराशाई करने के लिए पहुंचा था लेकिन लोगों के भारी आक्रोश के सामने उनको अपनी तोड़फोड़ की करवाई को रोककर वापस लौटना पड़ा था ,लेकिन आज जब नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साए में निगम का तोड़फोड़ दस्ता उसी अवैध बिल्डिंग को तोड़ने के लिए पहुंचा तो तोड़फोड़ की कार्यवाही के बीच में ही किसका फोन आया कि जिसकी वजह से तोड़फोड़ की इस कार्यवाही को रोकना पड़ा यह फिलहाल सबसे बड़ा सवाल है की फोन आया किसका था और किसके दबाव मे तोड़फोड़ की करवाई को बीच मे ही रोकना पडा। इसी सवाल का जवाब जानने के लिए मौके पर आए ज्वाइंट कमिश्नर से जब हमने इस अवैध निर्माण को ना तोड़ने की वजह जाननी चाही तो ज्वाइंट कमिश्नर साहब ने भी माना कि यह बिल्डिंग अवैध है और वह इस बिल्डिंग को आज धराशाई करने के लिए ही आए थे लेकिन जब उनसे पूछा गया कि बिल्डिंग को क्यों नहीं तोड़ा गया तो ज्वाइंट कमिश्नर साहब से कई सवालों का जवाब से बचते नजर नहीं आया और कैमरे पर बगले झांकते हुए दिखाई दिए इसके बाद भी मीडिया ने उनसे लगातार इस अवैध बिल्डिंग को ना तोड़ने के बारे में सवाल जारी रखें लेकिन ज्वाइंट कमिश्नर साहब कैमरे के सामने ही मुंह छुपाते हुए गाड़ी में बैठ कर खिसक लिए। आप खुद ही देख लीजिए कि कैसे कमिश्नर साहब कैमरे से मुंह छिपाते हुए भागते नजर आ रहे हैं और किसी भी सवाल का जवाब देना वह मुनासिब नहीं समझ रहे हैं कि क्यों तो नगर निगम का दस्ता भारी पुलिस बल के साए में यहां पर तोड़फोड़ करने आया था और अब क्यों बगैर तोड़फोड़ की कार्यवाही किए वापस लौट रहा है।दुसरा सवाल यह भी है की क्या यही है जीरो टॉलरेंस की BJP सरकार जिसमे बिल्डर और अधिकारी मिलकर कर रहे भ्रष्टाचार।


बाईट-:प्रशांत कुमार जॉइंट कमिश्नर फरीदाबाद।


ज्वाइंट कमिश्नर के भागते हुए शॉट्स


ज्वाइंट कमिश्नर की बाइट


तोड़फोड़ की कार्रवाई को रोक कर खड़ा हुआ निगम का दस्ता


मौके पर भारी पुलिस बल और लोगों के शॉट
Last Updated : Mar 25, 2019, 11:24 PM IST
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