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मिसाल: किन्नर ने किया कन्यादान, मुंहबोली बेटी पर लुटाई जिंदगी भर की कमाई

झज्जर की रहने वाली लाली नाम की किन्नर सभी के लिए मिसाल बन गई है. उसने ऐसा काम किया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है.

किन्नर ने किया कन्यादान etv bharat
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Published : Aug 1, 2019, 11:10 PM IST

नई दिल्ली/झज्जर: जिस देश में किन्नर होना अभिशाप माना जाता है. जिस देश में किन्नरों का सामाजिक तौर पर बहिष्कार कर दिया जाता है.उसी देश की एक किन्नर ने मिसाल पेश की है. झज्जर की रहने वाली लाली ने अपनी उम्र भर की कमाई एक नेक काम में लगाई है. दरअसल लाली ने भिडावास की रहने वाली रेणु की शादी का ना सिर्फ खर्च उठाया, बल्कि उसका कन्यादान भी किया.

किन्नर ने किया कन्यादान

सिर्फ अकेली रेणु नहीं है, जिसकी शादी लाली ने अपने पैसों से कराई है. अभी तक ना जाने कितनी गरीब लड़कियों की शादी का खर्चा लाली उठा चुकी है. वाकई लाली सभी के लिए एक मिसाल बन गई है. जिसके नेक कामों की चर्चा आज हर जगह हो रही है.

किन्नर लाली ने बताया कि जब वो गांव में बधाई मांगने गई थी, उस दौरान रेणु ने उसे मां बोल दिया था. उसी दिन लाली ने रेणु को धर्म की बेटी बना लिया था. अब रेणु के विवाह में 5100 रुपये, 5 गहने, फर्नीचर और कपड़े दिए हैं. लाली किन्नर का कहना है कि जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सभी लोग आगे आएं तो किसी प्रकार की समस्या नहीं रहेगी.

नई दिल्ली/झज्जर: जिस देश में किन्नर होना अभिशाप माना जाता है. जिस देश में किन्नरों का सामाजिक तौर पर बहिष्कार कर दिया जाता है.उसी देश की एक किन्नर ने मिसाल पेश की है. झज्जर की रहने वाली लाली ने अपनी उम्र भर की कमाई एक नेक काम में लगाई है. दरअसल लाली ने भिडावास की रहने वाली रेणु की शादी का ना सिर्फ खर्च उठाया, बल्कि उसका कन्यादान भी किया.

किन्नर ने किया कन्यादान

सिर्फ अकेली रेणु नहीं है, जिसकी शादी लाली ने अपने पैसों से कराई है. अभी तक ना जाने कितनी गरीब लड़कियों की शादी का खर्चा लाली उठा चुकी है. वाकई लाली सभी के लिए एक मिसाल बन गई है. जिसके नेक कामों की चर्चा आज हर जगह हो रही है.

किन्नर लाली ने बताया कि जब वो गांव में बधाई मांगने गई थी, उस दौरान रेणु ने उसे मां बोल दिया था. उसी दिन लाली ने रेणु को धर्म की बेटी बना लिया था. अब रेणु के विवाह में 5100 रुपये, 5 गहने, फर्नीचर और कपड़े दिए हैं. लाली किन्नर का कहना है कि जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सभी लोग आगे आएं तो किसी प्रकार की समस्या नहीं रहेगी.

Intro:घर घर बधाई मांग कर उपहार जुटाने वाला किन्नर बना झज्जर में मिसाल
बधाई से जुटाई गई पैसों से धर्म की बेटी का किया कन्यादान
शादी का खर्च भी अपनी इस कमाई से किया खर्चBody:एंकर
गांव - गांव शादी समारोह और अन्य खुशी के मौकों पर घर - घर बधाई मांगकर रुपए और उपहार जुटाने वाली एक किन्नर ने अपनी इस कमाई का समूचा खर्च एक नेक कार्य में लगाया । किन्नर लाली ने गांव की जिस बेटी को 16 साल पहले अपनी धर्म बेटी मानकर दुलार दिया । उस बेटी शिंडावास को रेनू की शादी में रुपए , गहने और फर्नीचर देकर न सिर्फ सहायता कि बल्कि गांव से अपनी इस धर्म बेटी को विदा किया । भिडावास में हुई इस शादी की अन क्षेत्र में जगह - जगह चर्चा है । सभी इस किन्नर की सराहना कर रहे हैं । भिंड़ावास में हुई इस शादी के बाद झज्जर के गांव बेरी की किन्नर लाली एरिया में नेक कार्य ऐसा कर लाली ने दिया संदेश । बेरी की किन्नर लाली में एक गरीब परिवार की बेटी रेनू के विवाह में दिल खोलकर उपहार देकर विवाह में सहयोग किया हैं । अपनी बेटी की तरह विदा किया । किन्नर लाली का कहना है कि जिस तरह लोग हमें विवाह व बेटे के जन्म पर लोग खुशी खुशी बधाई देते । हैं , हमारा भी मन करता है कि किसी भी जरूरतमंद की शादी अपनी बेटी की तरह करें । इससे पहले भी किन्नर लाली मां बेरी वाली का जागरण भंडारा और गोदान कर चुकी हैं । लाली का कहना था कि बेरी व आसपास में जिस भी धार्मिक स्थान पर ले में किन्नर लाली अपनी धर्म बेटी के साथ भंडारा होता है तो वह सहयोग देती है । जिसके विवाह में उन्होंने उपहार दिए । 16 साल पहले गांव में बधाई मांगने गई तो रेनू ने मां बोला था, लाली का कहना था कि उन्होंने रेनू को 16 साल पहले हो धर्म को बेटी मान लिया था । जब वह गांव में बधाई मांगने गई थी उस दौरान रेनु ने उसे मां बोल दिया था । उसी दिन धर्म की बेटी बना लिया था । अब रेनु के विवाह में दान में 5100 रुपए , 5 गहने , फर्नीचर और कपड़े दिए हैं । लाली किन्नर का कहना था जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सभी लोग आगे आएं तो किसी प्रकार की समस्या नहीं रहेगा । इस पर अवसर पर जीतो , गरिमा , काली , केरी , संदीप , सरोज , सोनिया मौजूद थे । बेटी रेनू के विवाह के बाद ve चर्चा का विषय बन गई हैं । ।Conclusion:घर बधाई मांगकर रुपए और उपहार जुटाने वाली एक किन्नर ने अपनी इस कमाई का समूचा खर्च एक नेक कार्य में लगाया । किन्नर लाली ने गांव की जिस बेटी को 16 साल पहले अपनी धर्म बेटी मानकर दुलार दिया । उस बेटी शिंडावास को रेनू की शादी में रुपए , गहने और फर्नीचर देकर न सिर्फ सहायता कि बल्कि गांव से अपनी इस धर्म बेटी को विदा किया ।
बाइट- किंनर लाली
प्रदीप धनखड़
झज्जर
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