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दिल्ली हिंसा मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट कल करेगा फैसला

कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली हिंसा मामले की आरोपी नताशा नरवाल की एक मामले में मिली जमानत के शर्तों में बदलाव की मांग करने वाली याचिका पर कल यानी 24 अगस्त को फैसला सुनाएगा.

Karkardooma court will decide tomorrow on delhi violence case
कड़कड़डूमा कोर्ट
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Published : Aug 23, 2021, 10:40 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली हिंसा मामले की आरोपी नताशा नरवाल की मामले में मिली जमानत के शर्तों में बदलाव की मांग करने वाली याचिका पर कल यानी 24 अगस्त को फैसला सुनाएगा. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत फैसला सुनाएंगे.


पिछले 18 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. नताशा नरवाल की ओर से वकील अदीत एस पुजारी और कुणाल नेगी ने कहा था कि याचिकाकर्ता को एफआईआर नंबर 50 में सितंबर 2020 में जमानत दी गई थी. जमानत की शर्तों में कहा गया था कि वो कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली के बाहर नहीं जाएगी, जिसपर उन्होंने कहा था कि नताशा नरवाल का घर हरियाणा के रोहतक में है. वह पीएचडी कर रही है और उसे रिसर्च के काम से दिल्ली के बाहर जाने की जरूरत होती है. इस काम के लिए उसे हर बार कोर्ट की अनुमति लेनी होगी.

नेगी ने कहा था कि इस एफआईआर के अलावा एफआईआर नंबर 48 और 59 में भी उसे जमानत मिली हुई है, लेकिन दोनों में दिल्ली से बाहर नहीं जाने वाली शर्त नहीं लगाई गई है. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या हाईकोर्ट ने दूसरे आरोपी देवांगन कलीता को जमानत देते समय में शर्त लगाई है. इसपर नेगी ने कहा था कि नहीं.


दिल्ली पुलिस की ओर से वकील राजीव कृष्ण शर्मा ने कहा था कि जब वह पीएचडी कर रहे थे तभी दिल्ली में थे. वह उस समय साजिशें रच रहे थे, जिसकी वजह से कई जानें गई. वह पीएचडी करने के नाम पर साजिशें रच रहे थे. साजिशकर्ता साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए बड़े खतरनाक होते हैं.

यह भी पढ़ें:-हमारा देश तालिबान नहीं है, यहां कानून का शासन है- कोर्ट

शर्मा ने कहा था कि वे जेएनयू में पढ़ते हैं और उनका नागरिकता संशोधन कानून से कोई लेना-देना नहीं है. वह मुस्लिम समुदाय से भी संबंध नहीं रखते हैं. लेकिन वह हर जगह जाना चाहते हैं. उन पर कोर्ट को नजर रखनी चाहिए. आरोपी के खिलाफ असाधारण मामले हैं. दूसरे मामलों में शर्त नहीं लगाई गई तो एक में लगी शर्त ही काफी है. तब कोर्ट ने कहा था कि यह जमानत याचिका नहीं है. जमानत की शर्तों में बदलाव के लिए याचिका दायर की गई है. तब नेगी ने कहा था कि आरोपी जब भी दिल्ली के बाहर जाएगी तो वो जांच अधिकारी को सूचित कर जाएगी. उसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बता दें कि दिल्ली हिंसा के मामले में नताशा नरवाल को हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है.

यह भी पढ़ें:- Delhi High Court: ऑक्सीजन की कमी से मौत मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार को मिला वक्त

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली हिंसा मामले की आरोपी नताशा नरवाल की मामले में मिली जमानत के शर्तों में बदलाव की मांग करने वाली याचिका पर कल यानी 24 अगस्त को फैसला सुनाएगा. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत फैसला सुनाएंगे.


पिछले 18 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. नताशा नरवाल की ओर से वकील अदीत एस पुजारी और कुणाल नेगी ने कहा था कि याचिकाकर्ता को एफआईआर नंबर 50 में सितंबर 2020 में जमानत दी गई थी. जमानत की शर्तों में कहा गया था कि वो कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली के बाहर नहीं जाएगी, जिसपर उन्होंने कहा था कि नताशा नरवाल का घर हरियाणा के रोहतक में है. वह पीएचडी कर रही है और उसे रिसर्च के काम से दिल्ली के बाहर जाने की जरूरत होती है. इस काम के लिए उसे हर बार कोर्ट की अनुमति लेनी होगी.

नेगी ने कहा था कि इस एफआईआर के अलावा एफआईआर नंबर 48 और 59 में भी उसे जमानत मिली हुई है, लेकिन दोनों में दिल्ली से बाहर नहीं जाने वाली शर्त नहीं लगाई गई है. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या हाईकोर्ट ने दूसरे आरोपी देवांगन कलीता को जमानत देते समय में शर्त लगाई है. इसपर नेगी ने कहा था कि नहीं.


दिल्ली पुलिस की ओर से वकील राजीव कृष्ण शर्मा ने कहा था कि जब वह पीएचडी कर रहे थे तभी दिल्ली में थे. वह उस समय साजिशें रच रहे थे, जिसकी वजह से कई जानें गई. वह पीएचडी करने के नाम पर साजिशें रच रहे थे. साजिशकर्ता साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए बड़े खतरनाक होते हैं.

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शर्मा ने कहा था कि वे जेएनयू में पढ़ते हैं और उनका नागरिकता संशोधन कानून से कोई लेना-देना नहीं है. वह मुस्लिम समुदाय से भी संबंध नहीं रखते हैं. लेकिन वह हर जगह जाना चाहते हैं. उन पर कोर्ट को नजर रखनी चाहिए. आरोपी के खिलाफ असाधारण मामले हैं. दूसरे मामलों में शर्त नहीं लगाई गई तो एक में लगी शर्त ही काफी है. तब कोर्ट ने कहा था कि यह जमानत याचिका नहीं है. जमानत की शर्तों में बदलाव के लिए याचिका दायर की गई है. तब नेगी ने कहा था कि आरोपी जब भी दिल्ली के बाहर जाएगी तो वो जांच अधिकारी को सूचित कर जाएगी. उसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बता दें कि दिल्ली हिंसा के मामले में नताशा नरवाल को हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है.

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