नई दिल्ली/फरीदाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने सभी उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतार दिया है. वहीं टिकटों के ऐलान के बाद से ही बीजेपी में घमासान मचा हुआ है. बीजेपी आलाकमान ने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है, तो पिछली बार विधानसभा चुनाव लड़े कई उम्मीदवारों का भी पत्ता साफ कर किया है. ऐसा ही एक नाम है पृथला विधानसभा से बीजेपी की टिकट पर 2009 और 2014 का चुनाव लड़े नयनपाल रावत का.
नयनपाल रावत हुए बागी
नयनपाल रावत ने बीजेपी की टिकट पर 2009 और 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों को ही बार हार का सामना करना पड़ा. इस बार बीजेपी ने पृथला से सोहना पाल को मौका दिया है. वहीं अब पार्टी से नाराज नयनपाल रावत ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और पृथला से नामांकन भी भर दिया है.
बीजेपी 35 पर सिमट जाएगी- नयनपाल रावत
मीडिया से बातचीत में नयनपाल रावत ने कहा कि कल तक वो खुद 75 पार का नारा दे रहे थे, लेकिन उन्हें अब लगता है कि बीजेपी 35 पर सिमट जाएगी. इतना ही नहीं, नयनपाल रावत ने बीजेपी पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को पृथला विधानसभा क्षेत्र में उस वक्त संभाला जिस समय यहां बीजेपी का झंडा उठाने वाला भी कोई नहीं था.
पृथला विधानसभा क्षेत्र का इतिहास
पृथला विधानसभा सीट हरियाणा की 90 सीटों में शामिल है. यह क्षेत्र फरीदाबाद जिले का हिस्सा होने के साथ फरीदाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भी शामिल है. 2009 में यहां हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रघुबीर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के टेकचंद्र शर्मा को करीबी अंतर से हराकर चुनाव जीता और पहले विधायक होने का गौरव हासिल किया.
2014 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टेकचंद शर्मा ने जीत हासिल की. उन्होंने भाजपा के नयन पाल रावत को करीबी अंतर से हराया था.