नई दिल्ली/फरीदाबाद: दो महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक जिम और फिटनेस सेंटर बंद पड़े हैं. अनलॉक-1 के बाद कई इंडस्ट्रीज खुलीं, लेकिन जिम संचालकों को कोई राहत नहीं मिली. जिस कारण जिम संचालकों को अब काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई जिम संचालक को ऐसे हैं जो अपने जिम या तो बेचने की सोच रहे हैं या फिर बंद करने पर मजबूर हो गए हैं.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे जिम संचालक
कोरोना वायरस के कारण हर आर्थिक सेक्टर को काफी नुकसान पहुंचा है. लगातार दो महीने तक सभी आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लगा रहा. इसी बीच फिटनेस सेक्टर को भी काफी नुकसान पहुंचा. जिम बंद पड़े रहे और जिम संचालकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ. जिम संचालकों की मानें तो अब उनके पास जिम का किराया भरने तक के पैसे नहीं है.
उन्होंने कहा कि अब बिल्डिंग मालिक के द्वारा उनके ऊपर किराये का दबाव बनाया जा रहा है. जिम संचालकों को अपने कोचों की फीस देनी है. बिजली का बिल भरना है और बच्चों के स्कूल की फीस देनी है, लेकिन जिम बंद होने के कारण उनके पास पैसे नहीं हैं. जिस वजह से उनको आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है.
'शराब के ठेके खोले, लेकिन जिम नहीं'
जिम संचालकों ने कहा सरकार ने ठेके तो खोल दिए, लेकिन जिम नहीं खोले. उन्होंने कहा कि जिम में कसरत करने से तो इम्युनिटी सिस्टम बेहतर होता है फिर भी सरकार ने जिम की ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
गाइडलाइंस का पालन करने को तैयार जिम संचालक
जिम संचालकों ने कहा कि जिम खोलने की मांग को लेकर वो पहले भी अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ है. जिम संचालकों का कहना है कि वो पूरी गाइडलाइंस का पालन करते हुए जिम खोलने को तैयार हैं और वो सरकार से चाहते हैं कि जल्द से जल्द जिम खोलने को लेकर मंजूरी दी जाए.
गौरतलब है कि जिम बंद होने के कारण जिम संचालकों को आर्थिक तौर पर परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, तो वहीं इन लोगों की मांग है कि जब सरकार शराब के ठेके खुलवा सकती है तो जिम क्यों नहीं खुलवा सकती. देखना होगा कि सरकार कब इन जिम संचालकों की मांग मानेगी और कब जिम दोबारा खुल सकेंगे.