नई दिल्ली/पलवल: जिले में होडल थाना पुलिस ने एक मामले का खुलासा किया है. इस मामले में आरोपी अपने शरीर में गोली मारकर दूसरे लोगों को फंसाते थे. पुलिस ने होडल में मारपीट के एक मामले में समझौता कराने व जान से मारने की नीयत से गोली मारकर पीड़ित के खिलाफ ही धारा 307 का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के मामले का खुलासा किया है.
फर्जी गोली मारने वाले चार गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है. ये एक ऐसा गिरोह है जो काफी दिनों से अपने शरीर में गोली मारकर दूसरे लोगों को फंसाते थे. होडल के डीएसपी बलबीर सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि होडल शहर में कई सालों से एक ऐसा गिरोह सक्रिय है. जो खुद अपने शरीर में गोली मारकर दूसरे लोगों को फंसाते थे. ऐसे मामले होडल शहर में ज्यादा सामने आए हैं.
ये था पूरा मामला
मंगलवार उन्होंने ऐसे ही एक मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पिछले साल 2 सितंबर को राहुल ने नाम के युवक ने एक शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके भाई कैलाश के साथ कई बदमाशों ने मारपीट की थी. इस संबंध में पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि उसके बाद आरोपी ललित के अन्य साथियों ने ललित को 5 लाख रुपये का लालच देकर कहा कि तू अपने पैर में गोली लगवा ले.
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पीड़ित राहुल के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करा देंगे. जिससे तुम्हारे मामले का समझौता हो जाएगा. जिस पर ललित ने अपने साथियों की बात मान ली. उन्होंने बताया कि ललित के साथियों ने अगस्त 2020 में पहले ललित को शराब पिलाई और उसके बाद उसके पैर में गोली मारकर पीड़ित राहुल व उसके साथी के ही खिलाफ धारा 307 का मामला दर्ज करा दिया.
पीड़ित के खिलाफ ही झूठा मुकदमा दर्ज करवाते थे आरोपी
इस संबंध में भी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. डीएसपी ने बताया कि अक्टूबर 2020 में नया मामला सामने आया है कि एक गिर्राज मारपीट का मामला थाने में दर्ज कराया जिसमें अनिल सतीश आरोपी पाए गए और उन्हें 17 अक्टूबर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया.
रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने साथी मोहित व अन्य के साथ मिलकर मारपीट लूटपाट वाले मामले का समझौता कराने वे पीड़ित को झूठे मामले में फंसाने के लिए अपने साथी ललित के पैर में गोली मारी और उन्होंने 307 का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया था.
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत के नेतृत्व में पुलिस ने 18 अक्टूबर को आरोपी ललित और रोहित गिरफ्तार कर लिए और इनको अदालत में पेश करके 1 दिन की रिमांड पर लिया गया. रिमांड के दौरान आरोपियों ने सारे मामलों का खुलासा किया.
पुलिस ने गिरफ्तार चारों आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. मामले में लिप्त अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है. उन्होंने बताया कि शहर में ऐसे मामले का पर्दाफाश किया जा रहा है और जो गोली के मामले शहर में पहले दर्ज हुए उनकी अब दोबारा से जांच की जा रही है.