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पलवल: सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे किसान, मन की बात वाले दिन बजाएंगे थाली और ताली

पलवल में किसानों ने अपना सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू कर दिया है. किसानों ने कहा कि पीएम मोदी के मन की बात वाले दिन वे थाली और ताली पीटेंगे.

farmers sitting on symbolic hunger strike in palwal
सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे किसान, मन की बात वाले दिन बजाएंगे थाली और ताली
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Published : Dec 21, 2020, 7:50 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में किसानों का आंदोलन जारी है. अब किसानों ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. पलवल में किसान सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. किसानों के सभी धरना स्थलों पर 11-11 किसानों की 24 घंटे के लिए सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू हो गई है.

सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे किसान, मन की बात वाले दिन बजाएंगे थाली और ताली

किसानों का सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू

आंदोलन को तेज गति देने के लिए अब रोजाना अगले किसान बदल-बदलकर भूख हड़ताल बैठेंगे. आगे किसानों के शीर्ष नेताओं का जो आदेश आएगा उसी के अनुसार रणनीति तैयार की जाएगी. पलवल के नेशनल हाइवे-19 पर गांव अटोहां चौक स्थित कृषि बिलों को रद्द करवाने, एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए चल रहा किसानों का धरना कड़ाके की ठंड के बीच जारी है.

किसानों का बड़ रहा मनोबल

बढ़ रही ठंड व सर्दहवा भी किसानों के मनोबल को कम नहीं कर पाई है. वहीं अब किसानों ने धरना स्थल पर 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. धरने पर बैठे किसान नेता अभिमन्यू व एमपी के किसान इंदर भट्टी ने बताया कि आने वाले दिनों में आंदोलन को तेज गति देकर और मजबूत किया जाएगा.

मन की बात वाले दिन करेंगे विरोध

जब तक उनकी मांगों को नहीं मानी जाएगी तब तक वो पीछे हटने के लिये तैयार नहीं हैं. उन्होंने बताया कि हमने पहले ही तय किया था कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी हम आंदोलतन को लगातार तेज करते जाएंगे. शीर्ष नेताओं द्वारा आगे की रणनीति तैयार की गई है कि आगामी 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात करेंगे तो देश के सभी किसानों से आह्वान किया गया है कि उस दिन अपने-अपने घर व धरना स्थल पर ताली व थाली बजाकर सरकार का विरोध करेंगे.

उन्होंने कहा कि ताली व थाली बजाने का मकसद जो किसान किसी कारण वश धरना स्थल पर नहीं आ पा रहे हैं वो अपने घरों से ही इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाने में सहयोग करें. इसलिए इस तरह कार्यक्रम किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब सरकार के पास केवल झुकने का ही विकल्प रह गया है और निश्चित तौर पर सरकार झुकेगी.

नहीं झुकेंगे किसान

चाहे सरकार किसानों को 6 महीने बैठा ले जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक अंहिसात्मक तरीके से धरना-प्रदर्शन अंतिम सांस तक जारी रहेगा. किसान अब पूरी जीत के साथ ही वापस लौटेगा.

यह भी पढ़ेंः-किसान आंदोलन : एक और अन्नदाता ने की आत्महत्या की कोशिश, भूख हड़ताल जारी

नई दिल्ली/पलवल: कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में किसानों का आंदोलन जारी है. अब किसानों ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. पलवल में किसान सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. किसानों के सभी धरना स्थलों पर 11-11 किसानों की 24 घंटे के लिए सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू हो गई है.

सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे किसान, मन की बात वाले दिन बजाएंगे थाली और ताली

किसानों का सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू

आंदोलन को तेज गति देने के लिए अब रोजाना अगले किसान बदल-बदलकर भूख हड़ताल बैठेंगे. आगे किसानों के शीर्ष नेताओं का जो आदेश आएगा उसी के अनुसार रणनीति तैयार की जाएगी. पलवल के नेशनल हाइवे-19 पर गांव अटोहां चौक स्थित कृषि बिलों को रद्द करवाने, एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए चल रहा किसानों का धरना कड़ाके की ठंड के बीच जारी है.

किसानों का बड़ रहा मनोबल

बढ़ रही ठंड व सर्दहवा भी किसानों के मनोबल को कम नहीं कर पाई है. वहीं अब किसानों ने धरना स्थल पर 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. धरने पर बैठे किसान नेता अभिमन्यू व एमपी के किसान इंदर भट्टी ने बताया कि आने वाले दिनों में आंदोलन को तेज गति देकर और मजबूत किया जाएगा.

मन की बात वाले दिन करेंगे विरोध

जब तक उनकी मांगों को नहीं मानी जाएगी तब तक वो पीछे हटने के लिये तैयार नहीं हैं. उन्होंने बताया कि हमने पहले ही तय किया था कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी हम आंदोलतन को लगातार तेज करते जाएंगे. शीर्ष नेताओं द्वारा आगे की रणनीति तैयार की गई है कि आगामी 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात करेंगे तो देश के सभी किसानों से आह्वान किया गया है कि उस दिन अपने-अपने घर व धरना स्थल पर ताली व थाली बजाकर सरकार का विरोध करेंगे.

उन्होंने कहा कि ताली व थाली बजाने का मकसद जो किसान किसी कारण वश धरना स्थल पर नहीं आ पा रहे हैं वो अपने घरों से ही इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाने में सहयोग करें. इसलिए इस तरह कार्यक्रम किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब सरकार के पास केवल झुकने का ही विकल्प रह गया है और निश्चित तौर पर सरकार झुकेगी.

नहीं झुकेंगे किसान

चाहे सरकार किसानों को 6 महीने बैठा ले जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक अंहिसात्मक तरीके से धरना-प्रदर्शन अंतिम सांस तक जारी रहेगा. किसान अब पूरी जीत के साथ ही वापस लौटेगा.

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