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पलवल: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की भूख हड़ताल 11 दिन से जारी

पलवल में 11 दिनों से किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है. किसानों का साफ कहना है कि उनकी मांग जायज है और जनहित में है. सरकार को किसानों के आगे झुकना ही होगी. सरकार के पास और कोई विकल्प नहीं है.

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पलवल
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Published : Jan 1, 2021, 9:47 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: नेशनल हाइवे-19 पर गांव अटोहा चौक स्थित कृषि कानूनों को रद्द करवाने, एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए धरने पर बैठे किसानों का मनोबल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ठंड व सर्दहवा भी उनके मनोबल को कम नहीं कर पा रही है. शुक्रवार को दिन का तापमान 6 डिग्री सेल्सियस रहा. कोहरे के साथ-साथ शीत लहर का प्रकोप भी जारी रहा.

किसानों की धरना स्थल पर 11वें दिन भी 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल जारी रही. समाजसेवी श्रृदानंद सरस्वती और क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे किसान मोहम्मद असरुद्दीन मौलाना ने कहा कि सरकार को झुकना पड़ेगा और किसानों की काले कानून के प्रति मांगें निश्चित तौर पर पूरी होंगी.

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उन्होंने कहा कि पूरा देश संगठित है और किसानों के साथ है. हिंदु-मुस्लमान के भेद-भाव से ऊपर उठकर हर वर्ग की तरफ से इस आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है. सरकार को किसानों की मांग माननी पडेंगी क्योंकि ये जनहित में है. ये किसानों के भविष्य की लड़ाई है.

उन्होंने कहा कि सरकार किसान नेताओं और इस देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है. एमएसपी पर अभी सरकार से कोई बात-चीत नहीं हुई है. किसान नेता इस बात पर प्रयासरत हैं कि एमएसपी की गांरटी सरकार जब तक नहीं देगी और कानून नहीं बनाएगी तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा. चाहे इसमें कितना भी समय लग जाए किसान अड़े रहेंगे.

नई दिल्ली/पलवल: नेशनल हाइवे-19 पर गांव अटोहा चौक स्थित कृषि कानूनों को रद्द करवाने, एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए धरने पर बैठे किसानों का मनोबल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ठंड व सर्दहवा भी उनके मनोबल को कम नहीं कर पा रही है. शुक्रवार को दिन का तापमान 6 डिग्री सेल्सियस रहा. कोहरे के साथ-साथ शीत लहर का प्रकोप भी जारी रहा.

किसानों की धरना स्थल पर 11वें दिन भी 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल जारी रही. समाजसेवी श्रृदानंद सरस्वती और क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे किसान मोहम्मद असरुद्दीन मौलाना ने कहा कि सरकार को झुकना पड़ेगा और किसानों की काले कानून के प्रति मांगें निश्चित तौर पर पूरी होंगी.

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उन्होंने कहा कि पूरा देश संगठित है और किसानों के साथ है. हिंदु-मुस्लमान के भेद-भाव से ऊपर उठकर हर वर्ग की तरफ से इस आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है. सरकार को किसानों की मांग माननी पडेंगी क्योंकि ये जनहित में है. ये किसानों के भविष्य की लड़ाई है.

उन्होंने कहा कि सरकार किसान नेताओं और इस देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है. एमएसपी पर अभी सरकार से कोई बात-चीत नहीं हुई है. किसान नेता इस बात पर प्रयासरत हैं कि एमएसपी की गांरटी सरकार जब तक नहीं देगी और कानून नहीं बनाएगी तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा. चाहे इसमें कितना भी समय लग जाए किसान अड़े रहेंगे.

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