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विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद 11वें नंबर पर - फरीदाबाद प्रदूषित शहर दुनिया

आइक्यूएयर की ओर से जारी की गई दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर-2020 की रिपोर्ट में फरीदाबाद को 11वां स्थान मिला है. रिपोर्ट में चीन के शिनजियांग को दुनिया का सर्वाधिक प्रदूषित शहर बताया गया है. वहीं गाजियाबाद जिला दूसरे स्थान पर है.

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विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद 11वें नंबर पर
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Published : Mar 24, 2021, 4:13 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद पहले से ही प्रदूषित शहरों में अपना नाम लिखवाता आया है. ऐसे में एक बार फिर से विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद को 11वां स्थान मिला है. वैश्विक संस्था आइक्यूएयर की ओर से जारी की गई 2020 की रिपोर्ट में फरीदाबाद को ये स्थान मिला है.

इस रिपोर्ट में 11वां स्थान आने के बाद साफ जाहिर हो गया है कि प्रदूषण को रोकने के लिए फरीदाबाद में प्रशासन कितना कारगर साबित हो रहा है. इससे प्रदूषण विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही भी उजागर हो गई है.

विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद 11वें नंबर पर

फरीदाबाद एक इंडस्ट्रियल जोन है और यहां पर भारी संख्या में कंपनियां हैं. ऐसे में कंपनियों से निकलने वाला धुआं भी यहां के प्रदूषण लेवल को बढ़ाने में अपना भाग अदा करता है. एनजीटी और फरीदाबाद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से फरीदाबाद में प्रदूषण को कम करने के लिए कंस्ट्रक्शन साइटों पर रोक लगाई गई है बावजूद इसके जगह-जगह पर धड़ल्ले से कंस्ट्रक्शन चल रहा है.

ये भी पढ़ें- कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने फरीदाबाद में किया होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन

कंस्ट्रक्शन साइट के ऊपर उड़ने वाली धूल को काबू करने के लिए वहां पर प्रदूषण का स्तर कम हो इसके लिए ना तो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कराने वालों के पास कोई विकल्प है ना ही प्रदूषण विभाग की तरफ से कोई इस पर कदम उठाया जा रहा है. फरीदाबाद शहर में दर्जनों ऐसी कंपनियां हैं जो अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा माल बना रही है. जिसके चलते प्रदूषण का लेवल भी बढ़ रहा है.

ऐसे उद्योगों के पास प्रदूषण से निपटने के लिए किसी तरह का कोई विकल्प नहीं है बावजूद उसके ये उद्योग धड़ल्ले से चल रहे हैं. आइक्यूएयर की रिपोर्ट में पीएम 2.5 मानक के आधार पर 106 देशों के प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गई है.

स्मार्ट सिटी फरीदाबाद को विश्व में 11वीं रैंक मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक फरीदाबाद में वर्ष 2020 में सबसे प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर औसतन 83.3 पर बना रहा. वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान जरूर प्रदूषण के स्तर में कमी आई थी, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन खुला फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ता गया.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद: ग्रेटर नोएडा होंडा प्लांट से निकाले गए सैकड़ों कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली/फरीदाबाद: प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद पहले से ही प्रदूषित शहरों में अपना नाम लिखवाता आया है. ऐसे में एक बार फिर से विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद को 11वां स्थान मिला है. वैश्विक संस्था आइक्यूएयर की ओर से जारी की गई 2020 की रिपोर्ट में फरीदाबाद को ये स्थान मिला है.

इस रिपोर्ट में 11वां स्थान आने के बाद साफ जाहिर हो गया है कि प्रदूषण को रोकने के लिए फरीदाबाद में प्रशासन कितना कारगर साबित हो रहा है. इससे प्रदूषण विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही भी उजागर हो गई है.

विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद 11वें नंबर पर

फरीदाबाद एक इंडस्ट्रियल जोन है और यहां पर भारी संख्या में कंपनियां हैं. ऐसे में कंपनियों से निकलने वाला धुआं भी यहां के प्रदूषण लेवल को बढ़ाने में अपना भाग अदा करता है. एनजीटी और फरीदाबाद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से फरीदाबाद में प्रदूषण को कम करने के लिए कंस्ट्रक्शन साइटों पर रोक लगाई गई है बावजूद इसके जगह-जगह पर धड़ल्ले से कंस्ट्रक्शन चल रहा है.

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कंस्ट्रक्शन साइट के ऊपर उड़ने वाली धूल को काबू करने के लिए वहां पर प्रदूषण का स्तर कम हो इसके लिए ना तो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कराने वालों के पास कोई विकल्प है ना ही प्रदूषण विभाग की तरफ से कोई इस पर कदम उठाया जा रहा है. फरीदाबाद शहर में दर्जनों ऐसी कंपनियां हैं जो अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा माल बना रही है. जिसके चलते प्रदूषण का लेवल भी बढ़ रहा है.

ऐसे उद्योगों के पास प्रदूषण से निपटने के लिए किसी तरह का कोई विकल्प नहीं है बावजूद उसके ये उद्योग धड़ल्ले से चल रहे हैं. आइक्यूएयर की रिपोर्ट में पीएम 2.5 मानक के आधार पर 106 देशों के प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गई है.

स्मार्ट सिटी फरीदाबाद को विश्व में 11वीं रैंक मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक फरीदाबाद में वर्ष 2020 में सबसे प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर औसतन 83.3 पर बना रहा. वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान जरूर प्रदूषण के स्तर में कमी आई थी, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन खुला फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ता गया.

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