नई दिल्ली/फरीदाबाद: कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने इस बार सावन के महीने में कावड़ यात्रा पर रोक लगाने का फैसला लिया है. इस बार फरीदाबाद पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि इस बार पैदल या डाक कांवड़ यात्रा में हिस्सा न लें. वहीं ट्रांसपोर्ट मालिकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि कांवड़ियों को कांवड़ यात्रा के लिए किसी भी तरह का वाहन उपलब्ध नहीं करवाएं.
फरीदाबाद से हर साल कई लाख लोग कांवड़ लेने के लिए जाते हैं, लेकिन इस बार कोई भी कांवड़ नहीं ला पाएगा. इस बार फरीदाबाद प्रशासन ने कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया है. पुलिस कमिश्नर केके राव ने एडवाइजरी जारी की है कि जिला में कोई भी व्यक्ति कांवड़ लेने के लिए नहीं जाएगा और ना ही कोई कांवड़ लेकर अंदर जिले में प्रवेश कर पाएगा. उन्होंने सभी मंदिरों के पुजारियों और सामाजिक संस्थाओं से निवेदन किया है कि वो लोगों को इसे बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें.
आदेशों की अवहेलना होने पर होगी कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर के एडवाइजरी के बारे में पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी दी कि कांवड़ यात्रा को स्थगित करने के पीछे उद्देश्य है कि कोरोना के संक्रमण से बचा जा सके. पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि सभी ट्रांसपोर्टर्स को हिदायत दी गई है कि वह कांवड़ के लिए अपना वाहन उपलब्ध नहीं करवाएं. उन्होंने कहा कि जो आदेशों की अवहेलना करेगा उसके खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाएगी.
हर साल हजारों कांवड़िए आते हैं फरीदाबाद
भोले के भक्तों के लिए सावन का महीना किसी वरदान से कम ही होता, क्योंकि सावन के महीने की अपनी एक अलग विशेषता है. इस महीने में भोले के भक्त हरिद्वार ऋषिकेश नीलकंठ से कांवड़ लेकर अपने-अपने गंतव्य स्थानों की तरफ रवाना होते हैं. कांवड़िए स्थानीय मंदिरों में जलाभिषेक कर कांवड़ चढ़ाते हैं. सावन के महीने में पूरा वातावरण बम भोले के जयकारों से गूंजा जाता है.