नई दिल्ली/पलवल: ऑल हरियाणा पॉवर कॉरपोरेशन वर्कर यूनियन के सैकड़ों कर्मचारियों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और जिला उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा. इसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक से बिजली कर्मचारियों ने गुहार लगाई कि अधीक्षक अभियंता (एसआई) द्वारा जो मुकदमा कर्मचारियों पर दर्ज किया गया है उसे रद्द किया जाए.
पलवल सर्कल यूनिट प्रधान राजेश शर्मा ने कहा कि बिजली कर्मचारियों ने मांगों को लेकर अधिकारियों को एजेंडा दिया हुआ था. कर्मचारियों की मांगों को लेकर अधिकारियों से बातचीत भी की गई और कुछ मांगों पर सहमति भी बनी, लेकिन अभी तक उन मांगों को पूरा नहीं किया गया है. जिसको लेकर ये मार्च निकाला गया.
वहीं यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि बिजली विभाग में कार्यरत 31 कर्मचारियों को बगैर नोटिस दिए निकाल दिया गया है. ये सभी कर्मचारी करीब बारह वर्षों से विभाग को अपनी सेवाएं दे रहे थे. उन्होंने कहा कि बारह वर्ष तक सेवा देने के बाद भी ऐसे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया गया है. उल्टे बिजली विभाग के अधिकारियों ने ये आरोप लगाया है कि निकाले गए कर्मचारियों के दस्तावेज फर्जी हैं.
उन्होंने कहा कि अगर बिजली विभाग के कर्मचारियों के दस्तावेज फर्जी हैं तो उन कागजों की जांच की जाए. निकाले गए कर्मचारियों की जब भर्ती की गई. उस दौरान एक कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने दस्तावेजों की जांच के बाद ही कर्मचारियों को नौकरी पर रखा था. फर्जी दस्तावेजों पर अगर किसी अधिकारी ने कर्मचारी लगाए तो उनके खिलाफ भी कानूनी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.
सुभाष लांबा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि जल्द से जल्द उनकी मांगों को नहीं माना गया या कोई जल्द समाधान नहीं किया गया तो प्रदेश स्तर पर फैसला लेकर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी स्वयं विभागीय अधिकारियों की होगी.