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फरीदाबाद में शख्स की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या, शव अस्पताल से हुआ गायब

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Published : Jun 20, 2020, 10:47 PM IST

फरीदाबाद में एक परिवार के सदस्य की निर्मम हत्या कर दी गई. जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से शव अब गायब है जिसकी जांच की जा रही है.

dead body lost from faridabad civil hospital morchary
शख्स की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या

नई दिल्ली/फरीदाबाद: दिल्ली से सटे फरीदाबाद में इस कोरोना काल मे एक परिवार पर एक साथ दो-दो पहाड़ टूट पड़े. एक तो परिवार ने अपने एक सदस्य को खो दिया दूसरा उन्हें अंतिम संस्कार के लिए शव भी नहीं मिला. मामला बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी का है, जहां शुक्रवार देर शाम दो पक्षों हुए झगड़े में जमकर चाकू चले जिसमें एक पक्ष की तरफ से दो लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई.

फरीदाबाद में शख्स की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या

घटना के बाद मृतक के शव को पुलिस ने देर रात पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया, लेकिन जब परिजन पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंचे तो मोर्चरी से उन्हें शव गायब मिला. मोर्चरी में शव न मिलने के बाद परिजनों ने अस्पताल और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सूचना मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और गुस्साई भीड़ को शांत करवाया.

ये है पूरा मामला

फरीदाबाद सिविल अस्पताल की मोर्चरी के बाहर हंगामा करने वाले लोगों का आरोप है कि देर रात झगड़े में उनके परिवार के एक सदस्य की चाकुओं से गोद कर निर्मम हत्या कर दी गई थी. जिसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया था और पुलिस ने सुबह पोस्टमार्टम कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया ,था लेकिन सुबह जब वो पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मोर्चरी पर पहुंचे तो उन्हें शव मोर्चरी में नहीं मिला.

शव न मिलने के बाद परिजनों ने इसकी सूचना अस्पताल के डॉक्टरों को दी जिसके बाद डॉक्टर मोर्चरी पर पहुंचे तो शव वहां से गायब था. अस्पताल की मोर्चरी से शव के गायब होने के बाद मौके पर खड़ी भीड़ के गुस्से से बचने के लिए अस्पताल के डॉक्टर भी मौके से गायब हो गए.

प्रशासन ने की बड़ी लापरवाही

परिजनों का आरोप है कि इस शव के गायब होने में पुलिस और अस्पताल प्रशासन दोनों की लापरवाही है. अगर पुलिस सही समय पर पोस्टमार्टम की करवाती तो बॉडी मोर्चरी से गायब नहीं होती, क्योंकि उनके सामने ही एक एम्बुलेंस में कोरोना के शव को दाहसंस्कार के लिए ले जाया गया और जब वो अपने परिचित के शव को देखने के लिए पहुंचे तो शव मोर्चरी में नहीं था. जिसके बाद उन्होंने तुरंत कोरोना पॉजिटिव शव के दाहसंस्कार को रोकने के लिए कहा.

परिजनों ने कहा कि हमने अस्पताल से प्रशासन से मृतक कोरोना पॉजिटिव की फोटो मांगी, लेकिन डॉक्टर ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की और शव का कोविड-19 के तहत नियमों के तहत दाहसंस्कार कर दिया गया. इस तरह एक परिवार पर एक नहीं दो-दो पहाड़ एक साथ टूट पड़े. एक तो परिवार ने अपना एक सदस्य हमेशा के लिए खो दिया दूसरा वो शव को दाहसंस्कार भी नहीं कर पाए.

एसीपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

वहीं जब इस मामले में एसीपी जयबीर राठी से बात की से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है. जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में अस्पताल के पीएमओ, सीएमओ को बार-बार फोन मिलाया गया, लेकिन सभी जवाब देने से बचते नजर आए.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: दिल्ली से सटे फरीदाबाद में इस कोरोना काल मे एक परिवार पर एक साथ दो-दो पहाड़ टूट पड़े. एक तो परिवार ने अपने एक सदस्य को खो दिया दूसरा उन्हें अंतिम संस्कार के लिए शव भी नहीं मिला. मामला बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी का है, जहां शुक्रवार देर शाम दो पक्षों हुए झगड़े में जमकर चाकू चले जिसमें एक पक्ष की तरफ से दो लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई.

फरीदाबाद में शख्स की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या

घटना के बाद मृतक के शव को पुलिस ने देर रात पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया, लेकिन जब परिजन पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंचे तो मोर्चरी से उन्हें शव गायब मिला. मोर्चरी में शव न मिलने के बाद परिजनों ने अस्पताल और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सूचना मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और गुस्साई भीड़ को शांत करवाया.

ये है पूरा मामला

फरीदाबाद सिविल अस्पताल की मोर्चरी के बाहर हंगामा करने वाले लोगों का आरोप है कि देर रात झगड़े में उनके परिवार के एक सदस्य की चाकुओं से गोद कर निर्मम हत्या कर दी गई थी. जिसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया था और पुलिस ने सुबह पोस्टमार्टम कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया ,था लेकिन सुबह जब वो पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मोर्चरी पर पहुंचे तो उन्हें शव मोर्चरी में नहीं मिला.

शव न मिलने के बाद परिजनों ने इसकी सूचना अस्पताल के डॉक्टरों को दी जिसके बाद डॉक्टर मोर्चरी पर पहुंचे तो शव वहां से गायब था. अस्पताल की मोर्चरी से शव के गायब होने के बाद मौके पर खड़ी भीड़ के गुस्से से बचने के लिए अस्पताल के डॉक्टर भी मौके से गायब हो गए.

प्रशासन ने की बड़ी लापरवाही

परिजनों का आरोप है कि इस शव के गायब होने में पुलिस और अस्पताल प्रशासन दोनों की लापरवाही है. अगर पुलिस सही समय पर पोस्टमार्टम की करवाती तो बॉडी मोर्चरी से गायब नहीं होती, क्योंकि उनके सामने ही एक एम्बुलेंस में कोरोना के शव को दाहसंस्कार के लिए ले जाया गया और जब वो अपने परिचित के शव को देखने के लिए पहुंचे तो शव मोर्चरी में नहीं था. जिसके बाद उन्होंने तुरंत कोरोना पॉजिटिव शव के दाहसंस्कार को रोकने के लिए कहा.

परिजनों ने कहा कि हमने अस्पताल से प्रशासन से मृतक कोरोना पॉजिटिव की फोटो मांगी, लेकिन डॉक्टर ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की और शव का कोविड-19 के तहत नियमों के तहत दाहसंस्कार कर दिया गया. इस तरह एक परिवार पर एक नहीं दो-दो पहाड़ एक साथ टूट पड़े. एक तो परिवार ने अपना एक सदस्य हमेशा के लिए खो दिया दूसरा वो शव को दाहसंस्कार भी नहीं कर पाए.

एसीपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

वहीं जब इस मामले में एसीपी जयबीर राठी से बात की से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है. जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में अस्पताल के पीएमओ, सीएमओ को बार-बार फोन मिलाया गया, लेकिन सभी जवाब देने से बचते नजर आए.

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