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फरीदाबाद: DCP विक्रम कपूर आत्महत्या मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस जांच में सामने आया है कि इंस्पेक्टर अब्दुल न सिर्फ अपने भांजे को एक केस से निकलवाने के लिए डीसीपी पर दबाव बना रहा था बल्कि एक अन्य मामले में अपनी महिला मित्र को ढाल बनाकर डीसीपी को परेशान कर रहा था.

डीसीपी की फाइल फोटो
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Published : Aug 18, 2019, 10:55 AM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: डीसीपी विक्रम कपूर ने बीती 14 अगस्त को अपने सरकारी आवास पर गोली मारकर सुसाइड की थी. डीसीपी ने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने एसएचओ थाना भूपानी अब्दुल शहीद को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा था कि मैं ये सब एसएचओ अब्दुल शहीद के कारण कर रहा हूं, वो मुझे ब्लैकमेल कर रहा है.

डीसीपी आत्महत्या मामले में चौंकाने वाला खुलासा

आरोपी पुलिसकर्मी पर मामला दर्ज
इस मामले में पुलिस ने निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर लिया है. सुसाइड नोट व परिजनों की शिकायत के आधार पर अब्दुल शहीद और उसके पत्रकार मित्र सतीश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की धाराओं के अंतर्गत थाना सेक्टर-31 में मुकदमा दर्ज किया गया था.

झूठे केस में फंसाने की दी थी धमकी
आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया कि उनकी एक महिला मित्र है जिसका अपने ससुर से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है. प्रॉपर्टी विवाद की दरखास्त महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई थी, जिसकी जांच डीसीपी विक्रम कपूर के क्षेत्राधिकार में आती थी. अब्दुल शहीद अपनी महिला मित्र के हक में जांच करवाना चाह रहा था.

भांजे को लेकर भी बना रहा था दबाव
वहीं अब्दुल शहीद अपने भांजे को एक केस से निकलवाने के लिए भी डीसीपी पर दबाव बना रहा था. बता दें कि एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे का नाम थाना मुजेसर मे दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे में शामिल था.

आरोपी ने बताया कि उसने डीसीपी को बोला था कि अगर मेरे भांजे को बाहर नहीं किया और मेरी महिला मित्र की दरखास्त पर कार्रवाई नहीं की तो मैं अपनी महिला मित्र के साथ मिलकर तुझे झूठे केस में फंसा दूंगा. अब्दुल ने अपने पत्रकार साथी सतीश से फरीदाबाद के अखबारों में डीसीपी विक्रम कपूर के खिलाफ बदनाम करने वाली खबरें भी छपवाने की धमकी दी थी.

पुलिस को पत्रकार सतीश की तलाश
पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने इस केस की तफ्तीश के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी जिसमें इंस्पेक्टर विमल, एसआई रविंद्र और एसआई सतीश को शामिल किया गया था.

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह और उसका दोस्त सतीश पिछले 3 महीने से लगातार डीसीपी को परेशान कर रहे थे. एसआईटी ने आरोपी अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. वहीं अब्दुल शहीद के पत्रकार दोस्त सतीश की तलाश जारी है जिसको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: डीसीपी विक्रम कपूर ने बीती 14 अगस्त को अपने सरकारी आवास पर गोली मारकर सुसाइड की थी. डीसीपी ने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने एसएचओ थाना भूपानी अब्दुल शहीद को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा था कि मैं ये सब एसएचओ अब्दुल शहीद के कारण कर रहा हूं, वो मुझे ब्लैकमेल कर रहा है.

डीसीपी आत्महत्या मामले में चौंकाने वाला खुलासा

आरोपी पुलिसकर्मी पर मामला दर्ज
इस मामले में पुलिस ने निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर लिया है. सुसाइड नोट व परिजनों की शिकायत के आधार पर अब्दुल शहीद और उसके पत्रकार मित्र सतीश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की धाराओं के अंतर्गत थाना सेक्टर-31 में मुकदमा दर्ज किया गया था.

झूठे केस में फंसाने की दी थी धमकी
आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया कि उनकी एक महिला मित्र है जिसका अपने ससुर से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है. प्रॉपर्टी विवाद की दरखास्त महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई थी, जिसकी जांच डीसीपी विक्रम कपूर के क्षेत्राधिकार में आती थी. अब्दुल शहीद अपनी महिला मित्र के हक में जांच करवाना चाह रहा था.

भांजे को लेकर भी बना रहा था दबाव
वहीं अब्दुल शहीद अपने भांजे को एक केस से निकलवाने के लिए भी डीसीपी पर दबाव बना रहा था. बता दें कि एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे का नाम थाना मुजेसर मे दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे में शामिल था.

आरोपी ने बताया कि उसने डीसीपी को बोला था कि अगर मेरे भांजे को बाहर नहीं किया और मेरी महिला मित्र की दरखास्त पर कार्रवाई नहीं की तो मैं अपनी महिला मित्र के साथ मिलकर तुझे झूठे केस में फंसा दूंगा. अब्दुल ने अपने पत्रकार साथी सतीश से फरीदाबाद के अखबारों में डीसीपी विक्रम कपूर के खिलाफ बदनाम करने वाली खबरें भी छपवाने की धमकी दी थी.

पुलिस को पत्रकार सतीश की तलाश
पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने इस केस की तफ्तीश के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी जिसमें इंस्पेक्टर विमल, एसआई रविंद्र और एसआई सतीश को शामिल किया गया था.

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह और उसका दोस्त सतीश पिछले 3 महीने से लगातार डीसीपी को परेशान कर रहे थे. एसआईटी ने आरोपी अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. वहीं अब्दुल शहीद के पत्रकार दोस्त सतीश की तलाश जारी है जिसको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

Intro:आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद अपने भांजे को केस से निकलवाने के लिए बना रहा था दबाव।

साथ ही महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई दरखास्त पर महिला के पति के हक में कार्यवाही कराने हेतु भी बना रहा था दबाब।

गिरफ्तार s.h.o. अपनी महिला मित्र के नाम पर स्वर्गीय डीसीपी को झूठे केस में फंसाने और अंजाम भुगतने की लगातार दे रहा था धमकी।

ऐसा ना करने पर ,पत्रकार दोस्त सतीश के साथ मिलकर फरीदाबाद शहर में बदनाम करने की दे रहा था धमकी।

जिसके चलते दिनांक 14 अगस्त 2019 को स्वर्गीय श्री विक्रम कपूर डीसीपी एनआईटी ने खुद को सरकारी आवास पर सुबह करीब 5:45 बजे, गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।

Body:आत्महत्या के समय स्वर्गीय डीसीपी ने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने अब्दुल शहीद एसएचओ थाना भूपानी को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा था कि आई एम डूइंग दिस डयु टू अब्दुल , इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद वाज ब्लैकमेलीग, विक्रम । सुसाइड नोट व परिजनों की शिकायत के आधार पर अब्दुल शहीद और उसके पत्रकार मित्र सतीश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की धाराओं के अंतर्गत थाना सेक्टर 31में मुकदमा दर्ज किया गया था।

संजय कुमार पुलिस आयुक्त महोदय ने इस केस की तफ्तीश के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई जिसमें इंस्पेक्टर विमल, एसआई रविंदर और एसआई सतीश को शामिल किया गया था।

एसआईटी ने आरोपित अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था।

एसआईटी टीम ने बताया कि एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे का नाम थाना मुजेसर मे दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे में शामिल था, जिसका नाम मुकदमा से निकालने के लिए निलंबित एसएचओ अब्दुल शहीद लगातार स्वर्गीय डीसीपी पर दबाव बना रहा था।

पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया की उनकी एक महिला मित्र है जिनका अपने ससुर से प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा है जो प्रॉपर्टी विवाद की दरखास्त महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई थी जिसकी जांच स्वर्गीय डीसीपी साहब के क्षेत्राधिकार में आती थी, पर महिला मित्र के हक में जांच करवाना चाह रहा था।

आरोपित ने बताया कि उसने डीसीपी को बोला था कि अगर मेरे भांजे को बाहर नहीं किया और मेरी महिला मित्र की दरखास्त पर कार्यवाही नहीं की तो मैं अपनी महिला मित्र ""जो कि मेरे इशारों पर चलती है"" उसके साथ मिलकर तुझे झूठे केस में फंसा दूंगा।

और मै अपने पत्रकार साथी सतीश से फरीदाबाद के अखबारों में तेरे खिलाफ ऐसी-ऐसी खबर छप आऊंगा कि तू आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएगा।

आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह और उसका दोस्त सतीश पिछले 3 महीने से लगातार स्वर्गीय डीसीपी को परेशान कर रहे थे।

पूछताछ पर आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया कि कई बार वह डीसीपी की कोठी पर जाकर डीसीपी साहब को दोनों के केसो के संबंध में अपने मन मुताबिक कार्य करने के लिए बनाता था दबाब।

आरोपी ने पूछताछ पर बताया कि दिनाक 13.07.19 को भी वह डीसीपी साहब के सरकारी आवास पर गया था और डीसीपी साहब को मेरे हक के मुताबिक मेरी इच्छा के मुताबिक कार्य करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना किया तो, मैने गुस्से में आकर उनको तेज आवाज में बात कर ही रहा था, की, तभी, मेरी तेज आवाज सुनकर स्वर्गीय डीसीपी साहब की पत्नी भी वहां पर आ गई थी। इसके बावजूद भी , आरोपी ने कहा की अगर मेरे भांजे अरसद को केस से नहीं निकाला वा मेरी महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई दरखास्त पर आपने सही कार्यवाही नहीं करी तो मैं अपने दोस्त सतीश पत्रकार से कहकर आपके खिलाफ झूठी खबर निकलवा दूंगा व अपनी महिला मित्र से आपके ऊपर झूठे इल्जाम भी लगवा दूंगा।और इस झुठे इल्जाम के सहारे तेरा वो हाल कर देंगे कि आत्महत्या करने के अलावा तेरे पास और कोई रास्ता नही बचेगा,,,, ये धमकी देकर मै उनके घर से आ गया था।

मैंने अपने दोस्त सतीश पत्रकार से मिलकर पहले भी तेरे खिलाफ अखबार में तेरी छवि धूमिल करने व बदनाम करने के लिए काफी छपवाया है। लेकिन इस बार कुछ ऐसा अखबार में निकलवाएंगे जिसे तू बर्दाश्त नहीं कर सकेगा।

एसआईटी हेड और एसीपी क्राइम अनिल यादव ने बताया कि आरोपित अब्दुल शहीद व उसके आरोपित दोस्त सतीश पत्रकार से परेशान होकर डीसीपी साहब ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।

इस केस में अभी तफ्तीश जारी है जो भी अन्य तथ्य सामने आएंगे वह आपको अवगत कराए जाएंगे। एफआईआर में नामजद व आरोपित अब्दुल शहीद के पत्रकार दोस्त सतीश की तलाश जारी है जिसको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

Bite --पुलिस प्रवक्ता,
फरीदाबाद। सूबे सिंह Conclusion:फ़रीदाबाद। dcp सुसाइड मामले में पुलिस का खुलासा
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