नई दिल्ली/फरीदाबाद: डीसीपी विक्रम कपूर ने बीती 14 अगस्त को अपने सरकारी आवास पर गोली मारकर सुसाइड की थी. डीसीपी ने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने एसएचओ थाना भूपानी अब्दुल शहीद को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा था कि मैं ये सब एसएचओ अब्दुल शहीद के कारण कर रहा हूं, वो मुझे ब्लैकमेल कर रहा है.
आरोपी पुलिसकर्मी पर मामला दर्ज
इस मामले में पुलिस ने निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर लिया है. सुसाइड नोट व परिजनों की शिकायत के आधार पर अब्दुल शहीद और उसके पत्रकार मित्र सतीश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की धाराओं के अंतर्गत थाना सेक्टर-31 में मुकदमा दर्ज किया गया था.
झूठे केस में फंसाने की दी थी धमकी
आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया कि उनकी एक महिला मित्र है जिसका अपने ससुर से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है. प्रॉपर्टी विवाद की दरखास्त महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई थी, जिसकी जांच डीसीपी विक्रम कपूर के क्षेत्राधिकार में आती थी. अब्दुल शहीद अपनी महिला मित्र के हक में जांच करवाना चाह रहा था.
भांजे को लेकर भी बना रहा था दबाव
वहीं अब्दुल शहीद अपने भांजे को एक केस से निकलवाने के लिए भी डीसीपी पर दबाव बना रहा था. बता दें कि एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे का नाम थाना मुजेसर मे दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे में शामिल था.
आरोपी ने बताया कि उसने डीसीपी को बोला था कि अगर मेरे भांजे को बाहर नहीं किया और मेरी महिला मित्र की दरखास्त पर कार्रवाई नहीं की तो मैं अपनी महिला मित्र के साथ मिलकर तुझे झूठे केस में फंसा दूंगा. अब्दुल ने अपने पत्रकार साथी सतीश से फरीदाबाद के अखबारों में डीसीपी विक्रम कपूर के खिलाफ बदनाम करने वाली खबरें भी छपवाने की धमकी दी थी.
पुलिस को पत्रकार सतीश की तलाश
पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने इस केस की तफ्तीश के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी जिसमें इंस्पेक्टर विमल, एसआई रविंद्र और एसआई सतीश को शामिल किया गया था.
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह और उसका दोस्त सतीश पिछले 3 महीने से लगातार डीसीपी को परेशान कर रहे थे. एसआईटी ने आरोपी अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. वहीं अब्दुल शहीद के पत्रकार दोस्त सतीश की तलाश जारी है जिसको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.